सरकारी बैंकों में जल्द भरे जाएंगे अनुसूचित जातियों के खाली पद, वित्त मंत्री ने दिया आदेश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) को साल में दो बार अनुसूचित जाति से संबंधित कर्ज और नियुक्तियों को बारे में जानकारी दें.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से अनुसूचित जाति श्रेणी में पहले के खाली पड़े (बैकलॉग) पदों को समयबद्ध तरीके से भरने और सभी योजनाओं में उनका दायरा बढ़ाने को कहा. सीतारमण ने अनुसूचित जाति के कल्याण और उत्थान के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक में बैंकों से ‘आउटसोर्स’ की जा रही खासकर सफाई कर्मचारी जैसी नौकरियों के लिये एक अक्टूबर से उचित डिजिटल रिकॉर्ड बनाने का आग्रह किया.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उन्होंने अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित सभी लंबित शिकायतों का निपटान भी करने का निर्देश दिया. वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के दो अक्टूबर से विशेष अभियान के तहत उन मुद्दों का भी समाधान किया जा सकता है.
उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों की समीक्षा बैठक में बैंक प्रमुखों से क्षमता निर्माण और उद्यमशीलता विकास पर भी गौर करने को कहा. बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कुल कार्यबल में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी करीब 18 प्रतिशत है.
सीतारमण ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) को साल में दो बार अनुसूचित जाति से संबंधित कर्ज और नियुक्तियों को बारे में जानकारी दें. वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनसीएससी के अध्यक्ष और सदस्यों, वित्त राज्यमंत्री, वित्तीय सेवा सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
NCS पोर्टल पर रिक्तियां रिकॉर्ड हाई
वहीं, राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल पर सक्रिय उपलब्घ रिक्तियां सोमवार को 4.82 लाख के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गईं. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के एनसीएस पोर्टल को जुलाई, 2015 में शुरू किया था. इस पोर्टल के जरिये नौकरी चाहने के इच्छुक पात्र अभ्यार्थी संभावित नियोक्ताओं से संपर्क कर सकते हैं.
मार्च क्वार्टर में धीमा हुआ रोजगार जनरेशन
बता दें कि, संभवतः कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण वित्त वर्ष 2022 की मार्च तिमाही में नौ गैर-कृषि क्षेत्रों में रोजगार जनरेशन धीमा हो गया. पिछले साल की दिसंबर तिमाही में 3.9 लाख रोजगार जनरेशन की तुलना में 2022 की मार्च तिमाही के दौरान रोजगार जनरेशन कम होकर 3.5 लाख रह गया.
इसके बावजूद अखिल भारतीय त्रैमासिक प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) के तहत तिमाही रोजगार सर्वेक्षण के चौथे दौर (जनवरी-मार्च 2022) की रिपोर्ट के अनुसार, विनिर्माण, स्वास्थ्य समेत नौ क्षेत्रों में कुल रोजगार के अवसर इस साल जनवरी-मार्च में 10 लाख बढ़कर 3.18 करोड़ रहे.
ये नौ चयनित क्षेत्र विनिर्माण, निर्माण, कारोबार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्तरां, सूचना प्रौद्योगिकी/बीपीओ (बिजनसे प्रोसेस आउटसोर्सिंग) और वित्तीय सेवाएं हैं. इन नौ क्षेत्रों में पिछले साल जनवरी-मार्च में कुल 3.08 करोड़ लोग काम कर रहे थे.
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Edited by Vishal Jaiswal