डीआईएटी ने हल्दी, तुलसी जैसे औषधीय पदार्थों का इस्तेमाल कर मास्क बनाया
महाराष्ट्र के पुणे स्थित डिफेंस इंस्ट्टियूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (डीआईएटी) ने यहां रविवार को दावा किया कि उसने औषधीय पदार्थों का इस्तेमाल कर कपास का ऐसा मास्क विकसित किया है जो वायरस को प्रभावहीन कर सकता है।
पुणे, महाराष्ट्र के पुणे स्थित डिफेंस इंस्ट्टियूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (डीआईएटी) ने यहां रविवार को दावा किया कि उसने औषधीय पदार्थों का इस्तेमाल कर कपास का ऐसा मास्क विकसित किया है जो वायरस को प्रभावहीन कर सकता है।
डीआईएटी के धातु विज्ञान और सामग्री इंजीनियर विभाग के प्रोफेसर बाला सुब्रमण्यन के. ने बताया कि मास्क को बनाने में नीम के तेल, हल्दी, तुलसी, अजवाइन, काली मिर्च, लोबान, लौंग, चंदन और केसर का इस्तेमाल किया गया है। तीन परत वाले बिना बुने हुए बारीक रेशे के मास्क में इन औषधीय पदार्थों का इस्तेमाल किया गया है। इस मास्क को पवित्रपति नाम दिया गया है जो बायोडिग्रेडेबल (प्राकृतिक रूप से खुद नष्ट होने वाला) है।
उन्होंने बताया कि यह मास्क जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुणों से लैस है।
उन्होंने कहा कि ये औषधीय पदार्थ आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।