PwC इंडिया की टैक्स एकेडमी ने शुरू किया GST एग्जिक्यूटिव सर्टिफिकेशन कोर्स
इस प्रोग्राम में जीएसटी से जुड़े स्किल्स और इंफॉर्मेशन के बारे में जानकारी मिलेगी. मिसाल के तौर पर ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी कैसे लगती है, नियमों को कैसे समझें और उस हिसाब से कैसे जीएसटी अप्लाई करें और रिटर्न फाइलिंज जैसी चीजें इस प्रोग्राम में सीखने को मिलेंगी
PwC इंडिया की टैक्स एकेडमी ने मंगलवार को जीएसटी पर एक प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन लॉन्च किया है. PwC का यह कोर्स कोर्सेरा पर लॉन्च हुआ है. प्रोग्राम को PwC इंडिया ने डिजाइन किया है. PwC के मुताबिक यह प्रोग्राम सीखने वाले को जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस काउंसिल से जुड़े स्किल्स और इंफॉर्मेशन के बारे में जानकारी मिलेगी.
मिसाल के तौर पर ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी कैसे लगती है, नियमों को कैसे समझें और उस हिसाब से कैसे जीएसटी अप्लाई करें और रिटर्न फाइलिंज जैसी चीजें इस प्रोग्राम में सीखने को मिलेंगी. टैक्स एकेडमी के मुताबिक यह प्रोग्राम सीखने वालों को अलग-अलग स्थितियों में और केस स्टडी के साथ जीएसटी की प्रैक्टिकल जानकारी देगा.
कोर्स पूरा होने पर PwC इंडिया के इस प्रोग्राम के पार्टिसिपेंट्स को एक प्रोफेशनल सर्टिफिकेट मिलेगा. इतना ही नहीं इस कोर्स को करने वाले लोग प्रोग्राम खत्म होने के बाद देश में एंट्री लेवल GST नौकरियों के लिए तैयार होंगे. अभ्यर्थियों को इस कोर्स को पूरा करने में करीबन 24 सप्ताह लगेंगे और साथ में अपनी पढ़ाई या काम भी जारी रख सकेंगे.
PwC इंडिया के चेयरमैन संजीव कृशन ने प्रोग्राम इस मौके पर कहा, इस समय रोजगार मार्केट में स्किल गैप सबसे बड़ी चुनौती है. इस परेशानी को दूर करने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साथ मिलकर काम करना होगा. तभी रोजगार मार्केट सक्षम और समावेशी हो पाएगा. एक संगठन के तौर पर इस तरह की अहम परेशानी को दूर करना ही हमारी रणनीति और उद्देश्य है.
टैक्स एकेडमी के जरिए हम इंडिया के वर्कफोर्स को भविष्य के लिए तैयार करने की प्रतिबद्धता को पूरा कर रहे हैं. हम मकसद भविष्य के लीडर्स को तैयार करना है ताकि एक गतिशील कारोबारी माहौल बन सके.
उन्होंने आगे कहा, हर साल फाइनैंस, बिजनेस और लॉ में लाखों बच्चे ग्रेजुएट होते हैं. टैक्स एकेडमी के जरिए PwC अकाउंटिंग, डायरेक्ट टैक्सेज, ट्रांसफर प्राइसिंग, कस्टम्स और डेस्प्यूट रेजॉल्यूशन जैसे अलग अलग तरह के सर्टिफिकेशन के जरिए स्किल गैप को भरना चाह रही है.
इसके अतिरिक्त टैक्स एकेडमी वर्किंग प्रोफेशनल्स को क्यूरेटेड अपस्किलिंग, री-स्किलिंग प्रोग्राम की मदद से एडवान्स्ड नॉलेज देने पर फोकस करेगी.
आपको बता दें कि जीएसटी जुलाई, 2017 को पहली बार देश में लागू हुआ था. मगर आज तक कारोबारियों को जीएसटी सिस्टम में कई बार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. रिफंड की समस्या, पेमेंट ड्यू, जीएसटी फॉर्म में आए दिन मॉडिफिकेशन इनमें से कुछ एक हैं.
जीएसटी को आसान बनाने के लिए इससे जुड़े नियमों में भी कई बार बदलाव किए जा चुके हैं मगर कुछ परेशानियां अभी भी बनी हुई हैं. ऐसे में उम्मीद है कि इस प्रोग्राम के जरिए कुछ ऐसे प्रोफेशनल तैयार होंगे जो कारोबारियों को आसानी से इस सिस्टम से डील करने में मदद कर सकेंगे.
Edited by Upasana