रतन टाटा के बाद अब निरंजन हीरानंदानी, YourStory की श्रद्धा शर्मा ने Goodfellows में किया निवेश
Goodfellows को श्री रतन एन टाटा से मिले टोकन इन्वेस्टमेंट के साथ अगस्त 2022 में लॉन्च किया गया था. स्टार्टअप के फाउंडर शांतनु नायडू, टाटा के ऑफिस में जनरल मैनेजर हैं और 2018 से टाटा को असिस्ट कर रहे हैं.
बुजुर्गों की मदद करने के उद्देश्य से शुरू किए गए स्टार्टअप गुडफेलोज (
) में रतन टाटा (Ratan Tata) के बाद अब प्रखात इन्वेस्टर निरंजन हीरानंदानी और YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा ने निवेश किया है. स्टार्टअप के लिए यह सीड फंडिंग राउंड है.Goodfellows के फाउंडर 25 वर्षीय शांतनु नायडू (Shantanu Naidu), टाटा के ऑफिस में जनरल मैनेजर हैं और 2018 से टाटा को असिस्ट कर रहे हैं. स्टार्टअप युवा, शिक्षित स्नातकों के माध्यम से वरिष्ठों को प्रामाणिक सार्थक सहयोग प्रदान करता है.
ताजा फंडिंग का उपयोग मुंबई में स्टार्टअप के कामकाज को मजबूत करने के लिए किया जाएगा, जहां इसने तेजी से विकास देखा है. इसके साथ ही देश के सभी हिस्सों से बुजुर्गों के सहयोग के लिए मिली इन्क्वायरी का मजबूती से जवाब दिया है. स्टार्टअप ने पुणे, कोलकाता और बैंगलोर जैसे नए शहरों में सेवाओं का विस्तार किया है. Goodfellows अपने पहले कॉर्पोरेट कॉन्ट्रैक्ट के साथ अपने कॉर्पोरेट ऑफर्स को भी टेस्ट करेगा.
Goodfellows को श्री रतन एन टाटा से मिले टोकन इन्वेस्टमेंट के साथ अगस्त 2022 में लॉन्च किया गया था. शांतनु श्री टाटा के ऑफिस का हिस्सा बने हुए हैं.
स्टार्टअप के लॉन्च के समय 84 वर्षीय टाटा ने नायडू के विचार की सराहना करते हुए कहा कि जब तक आप वास्तव में बूढ़े नहीं हो जाते, तब तक किसी को भी बूढ़े होने का मन नहीं करता. उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छे स्वभाव वाला साथी प्राप्त करना भी एक चुनौती है. नायडू ने टाटा को एक बॉस, एक संरक्षक और एक मित्र के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में पांच करोड़ बुजुर्ग हैं, जो अकेले हैं.
Goodfellows में एक्टिव इन्वेस्टर बनने की इच्छा व्यक्त करते हुए, युवा पहलों के प्रबल समर्थक, निरंजन हीरानंदानी ने कहा, “Goodfellows ने समस्या को समझा है, एक समाधान की तलाश की है और इस कॉन्सेप्ट पर काम किया है. यही बात इसे अद्भुत और अनोखा बनाती है. यह आज की दुनिया में बेहद जरूरी है."
YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा, जिन्होंने अनगिनत उद्यमियों की कहानियां बयां की है और भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के निर्माण में अहम योगदान दिया है, ने कहा, "मेरा मानना है कि कुछ स्टार्टअप समुदाय को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करने के लिए खड़े होते हैं. Goodfellows इसका एक बड़ा उदाहरण है. एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो किसी भी अन्य चीज से अधिक प्रभाव पैदा करने के लिए उद्यमिता में है, मैं शांतनु और उनकी टीम को इस दिशा में आगे बढ़ते हुए देखकर खुश हूं.”
आपको बता दें कि निरंजन हीरानंदानी और श्रद्धा शर्मा एडवाइजरी बोर्ड का हिस्सा होंगे.
निवेश पर टिप्पणी करते हुए Goodfellows के फाउंडर शांतनु नायडू ने कहा, “ऐसे निवेशक जो देश में सही प्रभाव पैदा करने और सामाजिक उद्यमिता का समर्थन करने में व्यक्तिगत रुचि रखते हैं, हमें देश के बुजुर्गों को इस सामाजिक समस्या से निपटने में मदद करने के लिए पूर्ण विश्वास के साथ जारी रखने की ताकत देते हैं.”
वरिष्ठ नागरिक thegoodfellows.in पर साइन-अप करके गुडफेलोज की सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं या 91 8779524307 पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं या स्टार्टअप का इंस्टाग्राम हैंडल देख सकते हैं. जहां तक सर्विसेज की बात है तो एक गुडफेलो वही करता है जो एक पोता/पोती करता है. भारत में 1.5 करोड़ बुजुर्ग अकेले रह रहे हैं, या तो साथी के खोने के कारण, या परिवार के अपरिहार्य कार्य कारणों से दूर जाने के कारण. अकेलापन या किसी के साथ की कमी का मुद्दा उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बिगड़ने का प्राथमिक कारण रहा है.
शांतनु नायडू का कहना है कि कंपैनियनशिप का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग है. कुछ लोगों के लिए इसका मतलब फिल्म देखना, अतीत की कहानियां सुनाना, सैर पर जाना या एक साथ बैठकर कुछ न करना है और हम यहां सब कुछ समायोजित करने के लिए हैं. हमारे उद्यम में रतन टाटा का निवेश इस अवधारणा के प्रति हमारे समर्पण को प्रोत्साहन का एक बड़ा स्रोत है. गुडफेलोज मासिक कार्यक्रमों की मेजबानी भी करता है, जो बुजुर्गों के आनंद और जुड़ाव के लिए क्यूरेट किए जाते हैं. वे इसमें अपने गुडफेलो के साथ भाग लेते हैं.
बुजुर्गों के लिए भारत का पहला कंपैनियनशिप स्टार्टअप लॉन्च, रतन टाटा ने किया है इन्वेस्टमेंट