RBI ने 110 साल पुराने इस बैंक का लाइसेंस किया रद्द, ग्राहकों का क्या?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India - RBI) ने कई सहकारी बैंकों पर सख्त कार्यवाही की है. इसी कड़ी में रिजर्व बैंक ने पर्याप्त पूंजी नहीं होने के कारण महाराष्ट्र के लक्ष्मी सहकारी बैंक (Laxmi Sahakari Bank Limited) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. प्रत्येक जमाकर्ता को पांच लाख रुपये तक निकासी की अनुमति दी गई है. रिजर्व बैंक ने कहा कि लक्ष्मी सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति असंतोषजनक है और बैंक का संचालन जारी रहना जमाकर्ताओं के हित में नही है.
सहकारी आयुक्त और सहकारी समिति पंजीयक से भी बैंक का संचालन बंद करने और वित्तीय निगरानी के लिये ऋण शोधनकर्ता नियुक्त करने को कहा गया है.
13 सितम्बर तक बैंक, जमाकर्ताओं की बीमाकृत राशि में से 193 करोड रुपये का भुगतान कर चुका है.
RBI ने क्यों रद्द किया लाइसेंस?
आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं. इस तरह, यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक का कारोबार अगर बंद नहीं होता है तो डिपॉजिटर्स को बहुत नुकसान हो जाएगा.
RBI ने आगे कहा, "बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने डिपॉजिटर्स को भुगतान करने में असमर्थ होगा. यदि बैंक को अपने बैंकिंग कारोबार को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाती है, तो जनहित पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. लाइसेंस रद्द होने के बाद, सहकारी बैंक को अब 'बैंकिंग' से जुड़े कामकाज करने से रोक दिया गया है जिसमें जमा और निकासी शामिल हैं.
ग्राहकों के पैसे का क्या?
RBI ने एक बयान में कहा कि सहकारी बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं. 13 सितंबर, 2022 तक, DICGC ने कुल बीमित जमा राशि का 193.68 करोड़ रुपये पहले ही भुगतान कर दिया है.
RBI ने बताया कि सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है. बैंक के बंद होने पर ग्राहक DICGC से अपनी जमा राशि की 5 लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र का यह कॉपरेटिव बैंक 110 साल से भी अधिक पुराना है. यह अंग्रेजों के समय से चला आ रहा था, लेकिन अब इस पर ताला लग गया है. इस बैंक का हेड ऑफिस सोलापुर में है.
RBI ने इससे पहले पुणे स्थित रुपी सहकारी बैंक लिमिटेड (Rupee Co-operative Bank Limited) का लाइसेंस रद्द किया था, जिसके बाद से बैंक पर ताले लग गए.