UPI को लेकर RBI का बड़ा ऐलान, प्री-अप्रूव्ड लोन सुविधा को मिली मंजूरी
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंक अपने बोर्ड द्वारा अप्रूव्ड पॉलिसी के अनुसार, ऐसी क्रेडिट लाइन्स के उपयोग के नियम और शर्तें निर्धारित कर सकते हैं. शर्तों में अन्य मदों के अलावा, क्रेडिट लिमिट, क्रेडिट की अवधि, ब्याज दर आदि शामिल हो सकते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लेनदेन के लिए बैंकों की तरफ से जारी प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन्स (pre-sanctioned credit line) को भी यूपीआई सिस्टम (UPI System) में शामिल करने की घोषणा की है. इसे लेकर आरबीआई की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसके मुताबिक, अभी तक यूपीआई सिस्टम के जरिये सिर्फ जमा रकम का ही लेनदेन किया जा सकता था.
फिलहाल बचत खाते, ओवरड्रॉफ्ट खाते, प्रीपेड वॉलेट और क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ा जा सकता है.
बता दें कि 6 अप्रैल को केंद्रीय बैंक ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक के दौरान बैंकों द्वारा प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन्स के ट्रांसफर के माध्यम से पेमेंट की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा था. इसका उद्देश्य यूपीआई का दायरा बढ़ाना था.
केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि बैंक अपने बोर्ड द्वारा अप्रूव्ड पॉलिसी के अनुसार, ऐसी क्रेडिट लाइन्स के उपयोग के नियम और शर्तें निर्धारित कर सकते हैं. शर्तों में अन्य मदों के अलावा, क्रेडिट लिमिट, क्रेडिट की अवधि, ब्याज दर आदि शामिल हो सकते हैं.
1 सितंबर को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के डेटा से पता चला कि UPI ने अगस्त में पहली बार एक महीने में 10 बिलियन ट्रांजैक्शन को पार कर लिया है. 30 अगस्त तक, यूपीआई ने महीने के दौरान 10.24 बिलियन ट्रांजैक्शन की सूचना दी और लेनदेन की वैल्यू 15.18 लाख करोड़ रुपये थी. जुलाई में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर 9.96 अरब ट्रांजैक्शन हुए थे.
अगस्त महीने के दौरान, UPI से प्रतिदिन लगभग 330 मिलियन ट्रांजैक्शन हो रहे थे. उस रन रेट के साथ यूपीआई को अगस्त में लगभग 10.5 बिलियन ट्रांजैक्शन तक पहुंचना चाहिए, जो महीने-दर-महीने 5 फीसदी की बढ़ोतरी है.