Budget पर प्रतिक्रिया: पीएम मोदी ने की तारीफ, जानिए विपक्षी दलों ने क्या कहा
बजट की मुख्य घोषणाओं में सात लाख तक की आय वालों को टैक्स फ्री के दायरे में रखा गया. वहीं, भारत में मैन्यूफैक्चर होने वाले मोबाइल फोन और टीवी सेट के दाम घटने वाले हैं जबकि इस बजट के बाद सिगरेट के शौकीनों की जेब ढीली होने जा रही.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज फाइनेंशियल ईयर 2023-23 का आम बजट पेश कर दिया है. सीतारमण ने लगातार पांचवीं बार बजट पेश किया है. यह मौजूदा सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है, इसलिए इसे चुनावी बजट भी कहा जा रहा है.
बजट की मुख्य घोषणाओं में सात लाख तक की आय वालों को टैक्स फ्री के दायरे में रखा गया. वहीं, भारत में मैन्यूफैक्चर होने वाले मोबाइल फोन और टीवी सेट के दाम घटने वाले हैं जबकि इस बजट के बाद सिगरेट के शौकीनों की जेब ढीली होने जा रही.
मोदी-योगी ने की तारीफ
बजट के ठीक बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट 2023 को लेकर अपने संबोधन में कहा कि इसे उम्मीदों का बजट बताया. उन्होंने कहा कि ये गरीब, किसान और मध्यम वर्ग सभी की उम्मीदों को पूरा करने वाला है. परंपरागत रूप से अपने हाथ से औजारों और टूल्स से कड़ी मेहनत कर कुछ ना कुछ सृजन करने वाले करोड़ों विश्वकर्मा इस देश के निर्माता हैं.
उन्होंने कहा कि लोहार, सुनार, मूर्तिकार बहुत लंबी लिस्ट है. इन सभी की मेहनत से देश इस बजट में पहली बार अनेक प्रोत्साहन योजनाएं लेकर आया. ऐसे लोगों के लिए ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी सपोर्ट की व्यवस्था की.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्रीय बजट 2023-24 में 'न्यू इंडिया' का विजन है. उन्होंने हिंदी में एक साथ कई ट्वीट करते हुए कहा कि बजट नए भारत के दृष्टिकोण, देश की समृद्धि और 130 करोड़ भारतीयों की सेवा करने का लक्ष्य रखता है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय बजट 2023-24 में घोषित आयकर राहत का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इससे मध्यम वर्ग के लिए अधिक बचत सुनिश्चित होगी.
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान ने बजट का स्वागत किया और कहा कि इसमें समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा गया है.
बसपा नेता मलूक नागर ने कहा कि केंद्रीय बजट में आम लोगों को दी गई राहत ने इसे शाहरुख खान अभिनीत फिल्म 'पठान' की तरह हिट बना दिया है.
विपक्ष ने चुनावी और जनविरोधी बजट करार दिया
कांग्रेस
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुल खड़गे ने बजट को चुनावी बताते हुए कहा कि इस बजट में गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है और न ही महंगाई को कंट्रोल करने के लिए कुछ किया है. इसे 3-4 राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभों चुनावों पर फोकस करते हुए पेश किया गया है. इसमें न तो नौकरियां के लिए कोई कदम उठाया गया है. सरकारी विभागों और मनरेगा में खाली पदों को भरने के लिए कोई घोषणा नहीं की गई.
वहीं, कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वास्तविक व्यय पिछले साल के बजट की तुलना में काफी कम था. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हेडलाइन मैनेजमेंट वाली रणनीति है जिसमें वादे तो अधिक किए जाते हैं लेकिन डिलिवर कम किया जाता है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि वित्त मंत्री का बजट भाषण सरकार के पुराने वादों को जुमलों से ढकने का प्रयास है. हमें उम्मीद थी कि वित्त मंत्री उन घोषणाओं पर प्रकाश डालेंगे जिन्हें 2022 में पूरा किया जाना था.
सपा
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा, 'भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है, पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी. भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है. किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है, क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है.'
आप
आम आदमी पार्टी ने 2014 से प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करने के वित्त मंत्री सीतारमण के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 'अमृत काल' है, देश के आम लोगों के लिए नहीं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले साल 1.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक आयकर का भुगतान करने के बावजूद, शहर को केंद्रीय बजट 2023-24 में केवल 325 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. उन्होंने केंद्र पर राष्ट्रीय राजधानी के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.
पीडीपी
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट लोगों के अनुकूल नहीं है क्योंकि इसे कुछ व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
बसपा
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कहा कि बेहतर होगा कि बजट पार्टी के बजाय देश के लिए हो. मायावती ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र जब भी योजनाओं के लाभार्थियों के आंकड़ों की बात करता है तो उसे याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, अपने अमृत काल को तरसने वाले किसानों का विशाल देश है.
तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह केंद्रीय बजट भविष्य को ध्यान में रखकर नहीं पेश किया गया है. यह पूरी तरह अवसरवादी, जनविरोधी और गरीब विरोधी है. इससे एक वर्ग के लोगों को ही फायदा होगा. यह बजट देश की बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में मदद नहीं करेगा. इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए तैयार किया गया है. उन्होंने दावा किया कि आयकर स्लैब में बदलाव से किसी की मदद नहीं होगी.
Edited by Vishal Jaiswal