गणतंत्र दिवस परेड: राजपथ पर दिखी भारत की आन-बान-शान की तस्वीर, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियस बोलसोनारो रहे मुख्य अतिथि
देश के 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर विजय चौक से ऐतिहासिक लालकिले तक देश की आन-बान-शान का शानदार नजारा देखा गया जहां भारत की अनूठी एकता में पिरोई विविधताओं वाली विरासत, आधुनिक युग की उसकी उपलब्धियां और देश की सुरक्षा की गारंटी देने वाली फौज की क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
नयी दिल्ली, देश के 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर विजय चौक से ऐतिहासिक लालकिले तक देश की आन-बान-शान का शानदार नजारा देखा गया जहां भारत की अनूठी एकता में पिरोई विविधताओं वाली विरासत, आधुनिक युग की उसकी उपलब्धियां और देश की सुरक्षा की गारंटी देने वाली फौज की क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
इस साल गणतंत्र दिवस परेड पर मुख्य अतिथि के रूप में ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियस बोलसोनारो थे। उन्होंने राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं के साथ भव्य परेड को देखा।
गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत मोदी सरकार के ज्यादातर मंत्री इस मौके पर मौजूद रहे। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एच. डी. देवेगौड़ा तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला, प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उपस्थित थे।
सलामी मंच पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मौजूदगी में राजपथ पर भारत की संस्कृति के रंगों और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया । अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों एवं जहाजों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने किसी भी चुनौती से निपट सकने की देश की ताकत का अहसास कराया ।
सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले युद्धक विमानों को राजपथ के उपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देखा गया। इन विमानों की ताकत के साथ ही वायुसेना के पायलटों का हुनर और जांबाज़ी का अहसास हुआ ।
परेड के 8 किलोमीटर के रास्ते में बच्चों, महिलाओं, युवाओं और बुजर्गों के चेहरों की चमक और उत्साह देखते ही बनता था ।
करीब 10 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान की धुन के बीच 21 तोपों की सलामी के साथ परेड शुरू हुई।
राजपथ पर सिग्नल कोर के मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व कैप्टन तानिया शेरगिल ने किया ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर साफा बांधने की अपनी परंपरा को बरकरार रखते हुए इस बार गणतंत्र दिवस पर केसरिया रंग का ‘बंधेज’ का साफा बांधा।
पारंपरिक कुर्ता पाजामा और जैकेट पहने प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति के बजाय पहली बार यहां नवनिर्मित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेना प्रमुखों और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत की मौजूद थे।
गणतंत्र दिवस परेड में नारी शक्ति का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला और महिला मोटरसाइकिल सवार दस्ते ने अद्भुद करतब दिखाए ।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की उपग्रह रोधी (ए-सैट) हथियार प्रणाली रविवार को गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनी। किसी भी देश की आर्थिक और सैन्य सर्वोच्चता के लिए अंतरिक्ष महत्वपूर्ण आयाम है और इसमें ए-सैट हथियार आवश्यक रणनीतिक प्रतिरोध प्रणाली में अहम भूमिका निभाता है।
परेड में पहली बार ‘धनुष’ तोप का प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन कैप्टन मृगांक भारद्वाज की कमान में किया गया। 155एमएम/45 कैलीबर धनुष तोप को होवित्जर तोप की तरह डिजाइन किया गया है। यह आयुध निर्माणी बोर्ड द्वारा स्वदेश निर्मित है।
भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए चिनूक और अपाचे युद्धक हेलीकॉप्टर गणतंत्र दिवस की भव्य सैन्य परेड में आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे ।
चिनूक दूरदराज के स्थानों तक व्यापक स्तर पर सामग्री को पहुंचा सकता है। यह ट्वीन रोटर वाला हेलीकॉप्टर है जिससे भारतीय वायु सेना की सैन्य और आपदा संबंधी भार क्षमता बढ़ी है। वहीं अपाचे हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मारक क्षमता वाला हेलीकॉप्टर है जो दुश्मनों पर कहर ढा सकता है।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान हर्कुलियस, जगुआर, सुखोई विमानों ने अद्भुत प्रदर्शन कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया ।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान प्रदेशों की झांकियों में गोवा ने जहां ‘मेढक बचाओ’ का संदेश दिया वहीं जम्मू-कश्मीर ने ‘गांव की ओर लौटो’ कार्यक्रम से लोगों को अवगत कराया। पंजाब की झांकी गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के नाम रही।
इन 22 झांकियों में 16 झांकियां विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की थी और अन्य छह मंत्रालयों, विभागों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की थी।
जल शक्ति मंत्रालय ने भी एक झांकी निकाली, जिसमें ‘जल जीवन मिशन’ पहल को प्रदर्शित किया गया। इस मिशन का लक्ष्य 2024 तक हर गांव में हर घर तक पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचाना है।
यूनेस्को विश्व धरोहर द्वारा 2019 में जयपुर को ‘वॉल्ड सिटी ऑफ जयपुर’ का दर्जा दिए जाने के बाद इस बार इसे राजस्थान की झांकी में दिखाया गया। इसमें जयपुर की सांस्कृतिक विरासत के साथ ही उसकी वास्तुशिल्प भव्यता को दिखाया गया।
वहीं गुजरात की झांकी में ‘रानी की वाव’ को केन्द्र बनाया गया। यूनेस्को ने 2014 में ‘रानी की वाव’ को विश्व धरोहर का दर्जा दिया था। ‘रानी की वाव’ भारत के गुजरात राज्य के पाटण में स्थित प्रसिद्ध बावड़ी है।
इनके अलावा छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक राज्य की झांकियां भी यहां दिखीं।
इस बीच, एनडीआरएफ की झांकी ने भी सबको आकर्षित किया। इसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य के दौरान और दिल्ली की अनाज मंडी में आग लगने के दौरान पिछले साल इस्तेमाल की गई अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों का प्रदर्शन किया गया।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता 49 बच्चों ने भी परेड में हिस्सा लिया । इसके अलावा कई स्कूलों के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये ।
गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उपस्थित दर्शकों का अभिवादन किया और कुछ दूर तक पैदल चले।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी जिसके तहत हजारों सशस्त्र कर्मी कड़ी निगरानी कर रहे थे।
दिल्ली पुलिस द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह के लिए किये गए इंतजामों में चेहरा पहचान प्रणाली और ड्रोन का इस्तेमाल शामिल है। साथ ही 10 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई।