रिस्क से इश्क: स्टार्टअप्स और आंत्रप्रेन्योर्स को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी बड़ी सलाह
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, दास ने बिजनेसेज को ऐसे मॉडल बनाने के खिलाफ भी चेतावनी दी जो रिस्क मैनेजमेंट को नज़रअंदाज करते हुए अल्पकालिक वृद्धि को टारगेट करते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम और आंत्रप्रेन्योर्स के लिए एक बड़ी नसीहत दी है. RBI गवर्नर ने कहा, "इन यंग आंत्रप्रेन्योर्स और स्टार्टअप्स को अपने बिजनेस में रिस्क और इसकी कमजोरियों का लगातार मूल्यांकन करते रहना चाहिए."
यह स्वीकार करते हुए कि उनमें से कई पहले से ही इस तरह का अभ्यास कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि किसी भी बिजनेस को लंबा सफर तय करने के लिए हमेशा जोखिमों पर पैनी नज़र बनाए रखनी चाहिए.
गुरुवार को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, दास ने बिजनेसेज को ऐसे मॉडल बनाने के खिलाफ भी चेतावनी दी जो रिस्क मैनेजमेंट को नज़रअंदाज करते हुए अल्पकालिक वृद्धि को टारगेट करते हैं.
RBI गवर्नर ने कहा, “बिजनेस मॉडल और व्यक्तिगत संस्थाओं की व्यावसायिक रणनीतियां सचेत करने वाली होनी चाहिए जो सभी जरूरी पहलुओं पर विचार करने के बाद बोर्ड में एक मजबूत रणनीतिक चर्चा के बाद अपनाई जाती हैं. बिजनेसेज को बैलेंस शीट में अत्यधिक जोखिम की परवाह किए बिना आक्रामक अल्पकालिक इनाम की संस्कृति से बचना चाहिए.”
अवास्तविक रणनीतिक धारणाएं, विशेष रूप से क्षमताओं, विकास के अवसरों और बाजार के रुझानों के बारे में अत्यधिक आशावाद, जिसके कारण खराब रणनीतिक निर्णय हो सकते हैं, जो कि बिजनेस मॉडल पर असर डालते हैं, दास ने कहा, जैसा कि जोखिम, नियंत्रण और अनुपालन प्रणाली (compliance systems) की उपेक्षा के साथ बिजनेस आइडिया पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित किया गया है.
शक्तिकांत दास ने बिजनेसेज के लिए विवेकपूर्ण लेखांकन प्रथाओं (accounting practices) का पालन करने और पारदर्शीता बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, "बाजार सहभागियों को पर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराई जानी चाहिए ताकि वे एक बिजनेस यूनिट के स्वास्थ्य और व्यवहार्यता के बारे में सूचित निर्णय लेने में सक्षम हो सकें. रचनात्मक और आक्रामक अकाउंटिंग टेक्नोलॉजी और पॉलिसीज वित्तीय ताकत को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं और एक बिजनेस की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए हानिकारक होंगी.”
निदेशक मंडल और ऑडिट कमेटी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स की अखंडता से किसी भी तरह से समझौता नहीं किया गया है. दास ने कहा कि मजबूत कॉरपोरेट गवर्नेंस और उच्च पारदर्शिता (high transparency) वाली संस्थाओं को निवेशकों द्वारा हायर वैल्यूएशन मेट्रिक्स के साथ पुरस्कृत किया जाता है और वे बहुत सस्ती कीमत पर पूंजी जुटाने में सक्षम होते हैं.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मशहूर फर्मों से भी आह्वान किया कि यदि वे प्रतिस्पर्धी बने रहना चाहते हैं तो वे टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन अपनाएं. ऐसे समय में जब ग्राहकों की जरूरतों का लगभग वास्तविक समय में आकलन होता है, भारतीय व्यवसायों को जल्द से जल्द सही निवेश करने के लिए कमर कस लेनी चाहिए. उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि रणनीति, प्रबंधन, संचालन और प्राथमिकताओं में महामारी से प्रेरित बदलाव रहने वाले हैं. इसलिए, भारतीय उद्यमियों की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे अपने बिजनेस मॉडल में कितनी जल्दी और कुशलता से आवश्यक समायोजन करने में सक्षम हैं.”