मशहूर कोरियोग्राफर सरोज ख़ान को नहीं मिल रहा काम, मदद के लिए आगे आए सलमान खान
मशहूर कोरियोग्राफर सरोज ख़ान (निर्मला नागपाल) की जिंदगी जन्म से ही काफी उथल-पुथल भरी रही है। यद्यपि फिल्म 'कलंक' में उन्होंने माधुरी दीक्षित पर फिल्माए गए एक गाने की कोरियोग्राफी की है लेकिन इस समय फिल्म इंडस्ट्री में उन्हे काम नहीं मिल रहा है। ऐसे बुरे वक्त में सलमान खान उनकी मदद के लिए आगे आए हैं।
भारत की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज ख़ान हर गीत में नई स्टेप बना पाना ईश्वर का आशीर्वाद मानती हैं। गीतों को सुनकर और आर्टिस्ट को ध्यान में रखकर वह हर नया डांस स्टेप बनाती रही हैं। अगर माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी या ऐश्वर्या राय जैसी कुशल अदाकार हैं तो थोड़े जटिल डांस स्टेप्स भी तैयार हो जाते हैं लेकिन अगर आलिया भट्ट अदाकारा हैं तो वह उनकी क्षमता के अनुसार स्टेप्स तैयार करती हैं। फिल्म देवदास के गीत 'डोला रे डोला' गाने का उल्लेख करती हुई वह कहती हैं कि इस गीत को तैयार करने में उन्हें काफी वक्त लगा था क्योंकि गीत में माधुरी और ऐश्वर्या जैसी अभिनेत्रियां एक साथ थीं और चैलेंज यह था कि दोनों की स्टेप्स किसी से कम नहीं होना चाहिए। नए कलाकारों के लिए उन्होंने कहाकि नाचते रहो और खुश रहो। डांस एक एक्सरसाइज भी है। डांस में इंसान हर गम भूल जाता है। असफल होने पर भी अपना काम लगातार जारी रखो, एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी क्योंकि सूरज जब उगता है तो उसका डूबना और फिर से उगना भी होता है। ऐसी ही लाइफ और सक्सेस की फिलोसॉफी है।
भारत-पाक बंटवारे के समय पिता किशनचंद सद्धू सिंह और मां नोनी सद्धू सिंह के साथ पाकिस्तान से भारत आ बसीं मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल है। उनकी निजी जिंदगी काफी उथल-पुथल भरी रही है। बंटवारे के समय वह तीन साल की थीं और उसी उम्र से वह चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में फिल्मों में काम करने लगी थीं। अपनी अदाकारी की पहली फिल्म 'नजराना' उन्होंने श्यामा नाम की छोटी बच्ची का किरदार निभाया था। सन् 1950 के दशक में वह बैकग्राउंड डांसर की भूमिका में आ गईं।
कोरियोग्राफर बी.सोहनलाल के साथ वह कोरियाग्राफी का प्रशिक्षण भी लेने लगीं। प्रशिक्षण के दौरान ही उन्होंने अपने से तीस वर्ष बड़े बी. सोहनलाल से शादी रचा ली। उस वक़्त वह मात्र तेरह वर्ष की थीं। उन दिनो वह स्कूल में पढ़ाई भी कर रही थीं। इसके साथ ही उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया था। यद्यपि सोहनलाल पहले से शादीशुदा थे लेकिन यह बात उन्होंने सरोज खान को नहीं बताई थी। जब सन् 1963 में सरोज खान ने पुत्र राजू को जन्म दिया, तब उन्हें सोहनलाल के पहले से विवाहित होने का पता चला। सन् 1965 में सरोज ने जब दूसरे बच्चे को जन्म दिया तो सोहनलाल ने उसे अपना नाम देने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दूरियां बढ़ती चली गईं। सरोज खान की एक बेटी कुकू भी हैं। दोनों बच्चों का उन्होंने खुद अकेले पालन-पोषण किया।
सरोज खान सन् 1974 में रिलीज हुई फिल्म 'गीता मेरा नाम' से एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर के रूप में करने लगी थीं, लेकिन इस काम में उन्हे काफी देर से 'मिस्टर इंडिया', 'नगीना', 'चांदनी', 'तेजाब', 'थानेदार', 'बेटा' आदि फिल्में रिलीज हो जाने के बाद पहचान मिली। अब तक वह दो हजार से ज्यादा गानों की कोरियोग्राफी कर चुकी हैं। एक वक्त ऐसा था जब बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर्स में से एक सरोज खान को हर फिल्म में उनके डांस स्टेप पर बड़े-बड़े स्टार्स थिरकते थे लेकिन आज उनके पास काम नहीं है।
फिल्म इंडस्ट्री से शिकायत है कि उन्हें अब कोई काम नहीं दे रहा है। उनके ऐसे खराब दिनो में करण जौहर, सलमान खान और माधुरी दीक्षित ने सक्रिय पहल की है। सरोजी जी बताती हैं कि एक दिन जब वह संयोग वश सलमान खान से मिलीं, उन्होंने पूछ लिया कि आप आजकल क्या रही हैं? उन्हें ईमानदारी से बता दिया कि उनके पास इन दिनों कोई काम नहीं है। फिलहाल यंग एक्ट्रेसेस को इंडियन क्लासिकल डांस सिखा रही हैं। तब सलमान बोले- अब आप उनके साथ काम करेंगी। वह जानती हैं कि सलमान जो कहते हैं, वह करते हैं। इसलिए उम्मीद है, वह अपना वादा पूरा करेंगे। वैसे इस साल उनकी कोरियोग्राफ की हुई तीन और फिल्में भी रिलीज होने वाली हैं।
सूत्रों की मानें तो सरोज जी सलमान की आने वाली फिल्म 'दबंग-3' में काम कर सकती हैं, यद्यपि अभी तक उन्हें कोई काम मिला नहीं है। इस बीच मुद्दत बाद सरोज खान को अपने इतने खराब वक़्त में करण जौहर की फिल्म 'कलंक' के एक गाने में मशहूर आदाकार माधुरी दीक्षिनत की कोरियाग्राफी का अवसर मिला। माधुरी दीक्षित कहती हैं कि अगर सरोज जी को फिल्म इंडस्ट्री में काम नहीं दिया जा रहा है तो यह इंडस्ट्री का ही लॉस है। सरोज जी के साथ मैंने करियर की शुरुआत की थी। वह बहुत ही टैलेंटेड हैं। वह एक ऐसी कलाकार हैं, जो पूरे गाने को ब्यूटीफुल बना देती हैं।
सरोज जी के लिए काम नहीं मिलना महज एक फेज है। सरोज खान बताती हैं कि उन्होंने जो गाना कोरियोग्राफ किया था, उसको एडिटिंग में काफी काट दिया गया है। उन्हे इसका कोई गिला-शिकवा नहीं। सरोज खान बताती हैं कि कटरीना कैफ की वजह से उन्हें फिल्म 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' से हटा दिया गया था। सरोज ख़ान कहती हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में मैंने कभी भी सम्मान पाने के लिए काम नहीं किया। लोगों का प्यार रहा कि मुझे कोरियोग्राफर के रूप में सबसे अधिक फिल्म फेयर और नेशनल अवार्ड मिले। इसके बाद भी भारत सरकार ने आज तक मुझे पद्मश्री क्यों नहीं दिया, इस बारे में विचार तो होना ही चाहिए। शायद सरकार मुझे पद्मश्री के लायक ही नहीं समझती। सरकार से इस बारे में सवाल तो पूछा जाना चाहिए।
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