कोरोना की रोकथाम के लिए दुनिया में तेल की सबसे बड़ी कंपनी सऊदी अरामको ने किया कुछ ऐसा कि होने लगी आलोचना
सऊदी अरब की तेल कंपनी सऊदी अरामको उस वक्त चर्चा में आई थी जब मुकेश अंबानी ने रिलायंस की 42वीं एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) में रिलायंस इंडस्ट्री के ऑयल टू केमिकल बिजनेस का 20% हिस्सा अरामको को बेचने का ऐलान किया था। हाल ही में सऊदी अरामको फिर से चर्चा में है लेकिन इस बार नकारात्मक वजह के कारण। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया सहित सऊदी अरब में भी पैर फैलाना शुरू कर दिया है।
इसकी रोकथाम के लिए सऊदी अरामको ने कुछ ऐसा किया कि सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ उसकी निंदा होने लगी। दरअसल कंपनी ने अपने दहरान/धारान स्थित कार्यालय में एक व्यक्ति को ह्यूमन सैनिटाइजर डिस्पेंसर पहना दिया। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गईं। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सैनिटाइजर डिस्पेंसर पहने यह व्यक्ति बिल्डिंग में आए लोगों के पास जाता है और लोग डिस्पेंसर से सैनिटाइजर निकालकर इस्तेमाल करते हैं।
फोटो में शख्स ने जो डिस्पेंसर पहना हुआ है, उस पर हैंड सैनिटाइजर लिखा हुआ है। सबसे पहले इस फोटो को @HishamFageeh नाम के शख्स ने पोस्ट किया। साथ में लिखा, 'यह है गल्फ क्लास। अरामको की ओर से एक गिफ्ट।'
इस फोटो के आते ही लोगों ने अरामको को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया। कई लोगों ने कहा कि गरीब देशों से आने वाले लोगों से यह कंपनी ऐसा काम करवाती है। यह मानवीय दासता का वर्तमान रूप है। नसीर नाम के शख्स ने लिखा, 'यहां गुलामी कभी खत्म नहीं हुई, केवल नई पैकिंग में आई है।'
मामला बढ़ता देख अरामको ने सफाई देते हुए कहा कि कंपनी ने तुरंत इस ऐक्ट को रोका है। साथ ही आगे से ऐसा ना हो, इसके लिए कदम भी उठाए हैं। कंपनी ने ट्वीट कर कहा,
'सोशल मीडिया पर एक सहकर्मी के जो फोटोज फैल रहे हैं, कंपनी उन पर अपना असंतोष जताती है। यहां हम साफ कर दें कि यह कंपनी की बिना जानकारी के किया गया है।'
आगे कंपनी ने लिखा,
'इस ऐक्ट को तुरंत रोक दिया गया है और भविष्य में ऐसा दोबारा ना हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं। कंपनी अपने कर्मचारियों के स्वाभिमान और प्रतिष्ठा से कोई समझौता नहीं करती है।'
मालूम हो, कोरोना से बचने के लिए मास्क लगाने के साथ-साथ हाथों को सैनिटाइजर से साफ करना भी महत्वपूर्ण है। कई कंपनियों ने अपने ऑफिसों में हैंड सैनिटाइजर की मशीनें लगवाई हैं। लेकिन किसी इंसान को मशीन बना देना, यह कदम किसी भी लिहाज से उचित नहीं ठहराया जा सकता। भारत में कोरोना की बात करें तो अब देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है और 1 की मौत हो चुकी है। वहीं दुनिया में कुल 5 हजार से अधिक लोग इस महामारी की चपेट में आकर मर चुके हैं।