भारतीयों के बीच वेफल को लोकप्रिय बना रहे हैं सौरभ राठौर, कंपनी ने देश के कई शहरों में खोले आउटलेट्स
बबल वेफल एक ऐसी वेफल डिश है, जिसमें अंडे का उपयोग होता है और इस वेफल में कुछ बुलबुले पाये जाते हैं, जो इसे बनाते हैं और भी खास...
वेफ़ल को बड़े स्तर पर भारतीयों से रूबरू कराने वाले लंदन बबल कंपनी के फाउंडर सौरभ राठौर अब अपनी कंपनी के आउटलेट्स को देश के कई शहरों के साथ ही विदेश में भी खोलने की योजना बना रहे हैं।
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लंदन बबल कंपनी के फाउंडर सौरभ राठौड़
साल 2017 में लंदन बबल कंपनी के फाउंडर और सीईओ ने वेफ़ल निर्माण में कदम रखा। बबल वेफल एक ऐसी वेफल डिश है, जिसमें अंडे का उपयोग होता है और इस वेफल में कुछ बुलबुले पाये जाते हैं, जो इसे खास बनाते हैं।
बबल वेफल की बात करें तो इसकी शुरुआत 1950 के आस-पास हाँग काँग की सड़कों पर हुई। मफ़ल को एक खास तरह के बर्तन पर बनाया जाता है, इसके निर्माण में अंडे का भी उपयोग होता है। अंडे के उपयोग से ही वफेल्स को उनका खास रंग मिलता है।
साल 2000 के आस-पास यह डिश यूके और यूएस के साथ पूरे विश्व भर में लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने लगी। इस दौरान बेकर्स ने इस डिश के फ्लेवर्स और टेक्सचर में भी कई बदलाव हुए और यह डिश लोगों की पसंद बनती गयी।
लंदन बबल कंपनी की शुरुआत सौरभ ने खुद के ही निवेश से की। कंपनी की शुरुआत मुंबई के जुहू में पहले आउटलेट से हुई। समय बीतने के साथ ही कंपनी ने अपने 50 से अधिक आउटलेट देश भर के विभिन्न शहरों में खोल रखे हैं। कंपनी के आउटलेट आज चेन्नई, कोलकाता, इंदौर, हैदराबाद, अहमदाबाद, राजकोट और पुणे जैसे शहरों में आउटलेट संचालित कर रही है।
कनाडा से हुई शुरुआत
सौरभ अपनी शुरुआत में कनाडा मूव हुए जहां उन्होने यॉर्क युनिवर्सिटी कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री भी की, जिसके बाद सौरभ ने पेप्सिको के साथ पीआर और मार्केटिंग टीम के लिए काम किया। सौरभ ने इसके बाद बबल वेफल ब्रांड की स्थापना की। सौरभ को शुरुआत से ही यह लगता था कि वो कुछ और करना चाहते हैं।
सौरभ ने अपने कदमों को आगे बढ़ाते हुए अपने वेंचर में खुद की तरफ से 50 हज़ार रुपये का निवेश किया। अपनी शुरुआत के बारे में बात करते हुए सौरभ बताते हैं कि,
“शुरुआत के बाद अगले 18 महीनों में ही टर्नओवर 6 करोड़ के पार पहुँच गया।”
कंपनी तब हर सातवें मिनट में वेफल बेंच रही थी।
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ओरिओ वेफल मार्केट
मेनू में क्या है?
सौरभ की कंपनी कई फ्लेवर्स में वेफल बेंच रही है। कंपनी विदेशी फ्लेवर के साथ देशी फ्लेवर जोड़ते हुए वेफल की बिक्री कर रही है। इस बारे में सौरभ बताते हैं कि
“हम भारतीय चॉकोलेट के कई कॉम्बिनेशन में वेफ़ल ऑफर करते हैं। हम पहले ब्रांड हैं जिन्होने अपने ग्राहकों को ब्लैक वेफ़ल उपलब्ध कराये।”
विदेशों में खोलेंगे आउटलेट्स
सौरभ देश के मुख्य शहरों के साथ ही विदेशों में भी आउटलेट्स को ले जाना चाहते हैं। इन देशों में कतर, श्रीलंका, बांग्लादेश और पूर्वी अफ्रीका शामिल है।
सौरभ के अनुसार व्यापार को आगे ले जने में अभी लॉजिस्टिक्स एक बड़ी समस्या बनी हुई है और सौरभ उसे दूर करने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
सौरभ लॉजिस्टिक्स को आउटसोर्स करना चाहते हैं, ताकि वो प्रॉडक्ट पर अधिक फोकस कर सकें। सौरभ के अनुसार वो साल 2020 तक 200 आउटलेट्स खोलना चाहते हैं। सौरभ की सफलता उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है।