Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

SEBI ने Karvy Broking और प्रमोटर पर लगाया सात साल का बैन, 21 करोड़ रुपये का जुर्माना

सेबी ने अपने 88 पन्नों के आदेश में कार्वी के पूर्व निदेशकों भगवान दास नारंग, ज्योति प्रसाद और पार्थसारथी को सूचीबद्ध कंपनियों में निदेशक पद पर बने रहने से बैन लगा दिया.

SEBI ने Karvy Broking और प्रमोटर पर लगाया सात साल का बैन, 21 करोड़ रुपये का जुर्माना

Saturday April 29, 2023 , 3 min Read

मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (Karvy Stock Broking Ltd) और उसके प्रमोटर कोमांदुर पार्थसारथी (Comandur Parthasarathy) को 7 साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट में में हिस्सा लेने से बैन कर दिया है. इसके साथ ही उन पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

सेबी ने शुक्रवार को जारी आदेश में कहा कि ग्राहकों की सिक्योरिटीज को गिरवी रखकर जुटाई गई राशि को KSBL ने अपने समूह की फर्मों - कार्वी रियल्टी इंडिया लिमिटेड और कार्वी कैपिटल लिमिटेड में भेज दिया था. फंड को दूसरी फर्मों के पास भेजने का दोषी पाए जाने पर सेबी ने KSBL और पार्थसारथी पर सात साल के लिए बैन लगाने का फैसला किया है. इसके अलावा शेयर ब्रोकिंग फर्म पर 13 करोड़ रुपये और उसके प्रमोटर और एमडी पर 8 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

कोमांदुर पार्थसारथी को सेबी ने किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में प्रमुख प्रबंधकीय पद संभालने के लिए 10 वर्षों तक अयोग्य भी घोषित कर दिया है. वहीं , इस मामले के समय KSBL के डायरेक्टर रहे भगवान दास नारंग और ज्योति प्रसाद को दो साल के लिए पद संभालने से प्रतिबंधित किया गया है.

इसके अलावा मार्केट रेगुलेटर ने KSBL की तरफ से भेजे गए 1,442.95 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश भी कार्वी रियल्टी और कार्वी कैपिटल को दिया है. उन्हें तीन महीने के भीतर यह रकम KSBL को लौटाने को कहा गया है.

सेबी ने अपने 88 पन्नों के आदेश में कार्वी के पूर्व निदेशकों भगवान दास नारंग, ज्योति प्रसाद और पार्थसारथी को सूचीबद्ध कंपनियों में निदेशक पद पर बने रहने से बैन लगा दिया. एक अन्य निदेशक राजीव रंजन सिंह को सेबी ने भविष्य की बोर्ड भूमिकाओं को स्वीकार करते समय सावधानी बरतने की चेतावनी दी. नियामक द्वारा अभियुक्तों को सेबी अधिनियम, धोखाधड़ी व्यापार प्रथाओं की रोकथाम, और स्टॉक ब्रोकर नियमों सहित कई प्रतिभूति बाजार कानूनों का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने के बाद जुर्माना लगाया गया था.

2019 में, ब्रोकरेज को संबंधित संस्थाओं को ₹2,300 करोड़ के क्लाइंट फंड डायवर्ट करने के लिए पाया गया था. इसके बाद, सेबी ने कार्वी के खिलाफ एक अंतरिम आदेश जारी किया और एक्सचेंजों और डिपॉजिटरीज को धन और प्रतिभूतियों को सही मालिकों को लौटाने का निर्देश दिया. एक्सचेंजों ने कार्वी की सदस्यता भी रद्द कर दी. 2020 में, सेबी ने एक पुष्टिकरण आदेश पारित किया, जिसके बाद शुक्रवार को अंतिम आदेश दिया गया.

नियामक ने यह भी देखा कि सभी ग्राहकों को उनके फंड और प्रतिभूतियां वापस नहीं मिली हैं. जबकि अधिकांश ग्राहक प्रतिभूतियां वापस कर दी गई थीं, ऐसी कुछ प्रतिभूतियों और ग्राहकों के धन को सेबी के कदम उठाने से पहले पूर्व ब्रोकर द्वारा हटा दिया गया था. छोटे निवेशकों के मामले में, उनमें से कई का भुगतान द नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा प्रबंधित निवेशक सुरक्षा कोष से किया गया है.

यह भी पढ़ें
ईडी ने बेंगलुरु में बायजू रवींद्रन के ठिकानों की तलाशी ली; BYJU'S ने बताया 'रूटीन इंक्वायरी'


Edited by रविकांत पारीक