एक हफ्ते में गौतम अडाणी ने गंवाए 13,281 करोड़ रुपये, मुकेश अंबानी ने कमाया तगड़ा मुनाफा
दिग्गज बिजनेसमैन गौतम अडाणी (Gautam Adani) की कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का मार्केट कैपिटल 13,281.01 करोड़ रुपये घटकर 4,44,982.34 करोड़ रुपये रह गया है. वहीं, मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) सेसेंक्स (Sensex) की टॉप 10 कंपनियों की लिस्ट में पहले स्थान पर रही.
उसके बाद क्रमश: TCS, HDFC Bank, Infosys, ICICI Bank, Hindustan Unilever, State Bank of India, HDFC, Bharti Airtel और Adani Enterprises का स्थान रहा.
Sensex की टॉप-10 में से नौ कंपनियो के मार्केट कैप में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 79,798.3 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई. सबसे अधिक लाभ में IT सेक्टर की कंपनियां टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और इन्फोसिस (Infosys) रहीं.
बीते सप्ताह BSE का 30 शेयरों वाला Sensex 630.16 अंक या एक प्रतिशत चढ़ा. सेंसेक्स शुक्रवार को अपने नए ऑल-टाइम हाई 62,293.64 अंक पर बंद हुआ. अडाणी एंटरप्राइजेज को छोड़कर Sensex की शीर्ष 10 कंपनियों में अन्य लाभ में रहीं.
समीक्षाधीन सप्ताह में TCS का बाजार पूंजीकरण (mcap) 17,215.83 करोड़ रुपये बढ़कर 12,39,997.62 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. Infosys के बाजार मूल्यांकन में 15,946.6 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई और यह 6,86,211.59 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
Reliance Industries की बाजार हैसियत 13,192.48 करोड़ रुपये बढ़कर 17,70,532.20 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. वहीं Hindustan Unilever का मूल्यांकन 12,535.07 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 5,95,997.32 करोड़ रुपये रहा.
ICICI Bank का mcap 6,463.34 करोड़ रुपये बढ़कर 6,48,362.25 करोड़ रुपये पर और Bharti Airtel का 5,451.97 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 4,71,094.46 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
State Bank of India (SBI) की बाजार हैसियत 4,283.81 करोड़ रुपये बढ़कर 5,42,125.54 करोड़ रुपये पर और HDFC की 2,674.47 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 4,87,908.63 करोड़ रुपये रही.
HDFC Bank का बाजार पूंजीकरण 2,034.73 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 9,01,523.93 करोड़ रुपये रहा. वहीं इस रुख के उलट Adani Enterprises का mcap 13,281.01 करोड़ रुपये घटकर 4,44,982.34 करोड़ रुपये रह गया.
आपको बता दें कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) एक बार फिर भारतीय शेयर बाजारों में लौटने लगे हैं. नवंबर में अब तक उन्होंने शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 31,630 करोड़ रुपये डाले हैं. विश्लेषकों का कहना है कि अगस्त और सितंबर में शुद्ध बिकवाल रहने के बाद अब आगे चलकर FPI द्वारा बड़ी बिकवाली की संभावना नहीं है. ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि का चक्र खत्म होने की संभावना की वजह से FPI भारतीय शेयरों में पैसा लगा रहे हैं.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 25 नवंबर के दौरान FPI ने शेयरों में शुद्ध रूप से 31,630 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले अक्टूबर में उन्होंने आठ करोड़ रुपये तथा सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये की निकासी की थी.
शेयर बाजार में रोज भिड़ते हैं ये 2 'जानवर', कभी होती है मोटी कमाई तो कभी लाखों करोड़ हो जाते हैं स्वाहा