दुर्घटना में घायल महिला का खून रोकने के लिए सिख युवक ने उतारी पगड़ी
इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। यह साबित किया है एक सिख युवक ने जिसने दुर्घटना में तड़प रही महिला का खून रोकने के लिए अपनी पगड़ी उतार दी। मामला जम्मू कश्मीर के अवनंतीपुरा का है जहां एक मुस्लिम महिला को किसी ट्रक ने टक्कर मार दी। वहीं पर 20 वर्षीय मंजीत सिंह मौजूद थे। महिला को गंभीर चोट आईं और वह मदद के लिए तड़प रही थी उसका खून भी नहीं रुक रहा था। इतने में मंजीत दौड़कर आग आए और उन्होंने तुरंत अपनी पगड़ी खोलकर महिला के जख्मों पर बांध दिया।
दुर्घटना में महिला का पैर बुरी तरह घायल हो गया और खून रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। वहां पर मौजूद लोग महज तमाशबीन बनकर या तो उसे देख रहे थे या फिर उसे देखते हुए वहां से निकल जा रहे थे। इतने में मंजीत वहां पहुंचे और उनसे रहा नहीं गया। कश्मीर लाइफ से बात करते हुए मंजीत ने कहा, 'मैंने देखा कि महिला सड़क पर गिरी हुई है और उसके पैर से काफी तेजी से खून बह रहा है।'
आगे मंजीत कहते हैं, 'उसे देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने तुरंत अपनी पगड़ी उतार दी और उसका खून रोकने की कोशिश की।' एक सिख के लिए उसकी पगड़ी में न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ी होती है बल्कि यह गर्व का भी प्रतीक होती है, लेकिन उसे उतार कर किसी की जान बचाना शायद सबसे बड़ी मानवीयता है। मंजीत बताते हैं कि वह हमेशा मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं और उनका मानना है कि दूसरों की सेवा करना ही धर्म है।
मंजीत के पिता करनैल सिंह शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी में अस्थाई रूप से काम करते थे। उनके देहांत के बाद अब मंजीत को उसी पद पर नौकरी मिली है। मंजीत की मां शारीरिक रूप से सक्षम नहीं हैं। मंजीत की एक बहन और एक भाई है जिनका सारा भार मंजीत पर ही है। मंजीत कहते हैं, 'मेरे पिता ने 25 वर्षों तक सर्विस की लेकिन उन्हें स्थाई नहीं किया गया। मुझे भी स्थाई करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन अभी पूरा नहीं हुआ है।'
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