SVB की पैरेंट कंपनी, CEO, CFO पर शेयरधारकों ने दायर किया धोखाधड़ी का मुकदमा
SVB Financial Group और दो शीर्ष अधिकारियों पर सोमवार को शेयरधारकों द्वारा मुकदमा दायर किया गया था. शेयरधारकों ने आरोप लगाया था कि कैसे बढ़ती ब्याज दरें इसकी सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank - SVB) यूनिट को डूबो देंगी, यह बात छिपाई गई. बता दें कि सिलिकॉन वैली बैंक पिछले सप्ताह दिवालिया हो गया था.
एसवीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) ग्रेग बेकर और मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) डेनियल बेक के खिलाफ प्रस्तावित वर्ग कार्रवाई सैन जोस, कैलिफोर्निया में संघीय अदालत में दायर की गई थी.
यह सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने पर कई संभावित मुकदमों में से पहला प्रतीत होता है, जिसे अमेरिकी नियामकों ने 10 मार्च को जमा निकासी में वृद्धि के बाद जब्त कर लिया था.
एसवीबी ने दो दिन पहले निवेश की बिक्री से 1.8 अरब डॉलर के कर-पश्चात नुकसान का खुलासा करके बाजार को चौंका दिया था और इसने पूंजी जुटाने की योजना बनाई थी, क्योंकि यह डिपोजिटर्स को पैसे देने के लिए छटपटा रहा था.
10 मार्च को कैलिफोर्निया के बैंकिंग रेगुलेटर्स ने बैंक पर ताला लगा दिया. संपत्ति के हिसाब से सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है. बैंक में निवेशकों और ग्राहकों के 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि जमा है. इनमें से 89 फीसदी राशि इंश्योर्ड नहीं थी. इन पैसों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब FDIC के पास ही है. FDIC के मुताबिक, सिलिकॉन वैली बैंक की कुल संपत्ति 17 लाख करोड़ रुपये (209 बिलियन डॉलर) से ज्यादा है.
सोमवार के मुकदमे में, चंद्र वनीपेंटा के नेतृत्व में शेयरधारकों ने कहा कि सांता क्लारा, कैलिफोर्निया स्थित एसवीबी यह खुलासा करने में विफल रहा कि कैसे बढ़ती ब्याज दरें उसके व्यापार मॉडल को कमजोर कर देंगी, और विभिन्न ग्राहक आधार वाले बैंकों की तुलना में इसे बदतर बना देंगी.
मुकदमा 16 जून, 2021 और 10 मार्च, 2023 के बीच एसवीबी निवेशकों के लिए अनिर्दिष्ट नुकसान की मांग करता है.
एसवीबी ने सोमवार को कहा कि वह कंपनी के बचे हुए रणनीतिक विकल्पों का पता लगाएगा, जो अब अपने मुख्य बैंकिंग कारोबार से दूर है.
सिलिकॉन वैली बैंक टेक कंपनियों और नए वेंचर्स को लोन देता है. बैंक का करीब 44 फीसदी कारोबार टेक और हेल्थकेयर कंपनियों के साथ है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में लगातार हो रही बढोतरी के चलते इन सेक्टर्स पर बुरा असर पड़ा है. निवेशकों का भी इन सेक्टर्स से आकर्षण कम हुआ है. जिसका नकारात्मक असर SVB बैंक के कारोबार पर भी पड़ा. जिन कंपनियों को बैंक ने कर्ज दिया था, उन्होंने कर्ज की वापसी नहीं की.