Google, Insta से लेकर Pepsi, Zomato तक; ऐसे बड़े ब्रांड जिन्होंने बदले थे नाम
रुचि सोया अकेली ऐसी कंपनी नहीं है, जो अपना नाम बदल रही है. इससे पहले भी कई ऐसी कंपनियां या ब्रांड हैं, जिन्होंने अपने नाम बदले हैं. भारत में इसका ताजा उदाहरण ग्रोफर्स है.
FMCG सेक्टर की कंपनी रुचि सोया (Ruchi Soya) का नाम बदलकर 'पतंजलि फूड्स लिमिटेड' (Patanjali Foods Limited) होने वाला है. कंपनी ने स्टॉक फाइलिंग में बताया है कि वह पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के फूड रिटेल बिजनेस का अधिग्रहण भी करेगी. यह सौदा 690 करोड़ रुपये में होगा. बाबा रामदेव के पतंजलि समूह ने रुचि सोया का अधिग्रहण दिवाला प्रक्रिया के जरिए किया था.
रुचि सोया अकेली ऐसी कंपनी नहीं है, जो अपना नाम बदल रही है. इससे पहले भी कई ऐसी कंपनियां या ब्रांड हैं, जिन्होंने अपने नाम बदले हैं. भारत में इसका ताजा उदाहरण ग्रोफर्स है. ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टार्टअप ग्रोफर्स (Grofers) ने दिसंबर 2021 में अपना नाम बदलकर ब्लिंकइट (Blinkit) रख लिया था. विभिन्न ब्रांड्स द्वारा अपना नाम बदलने के पीछे जो कारण रहे, उनमें नाम का जटिल होना, किसी दूसरे ब्रांड के नाम से मिलता जुलता नाम होना, किसी दूसरी कंपनी द्वारा अधिग्रहण कर लिया जाना या फिर कुछ और कैची नाम रखने की कोशिश शामिल थे. आइए जानते हैं कुछ और ऐसे फेमस ब्रांड्स के बारे में, जो शुरू तो किसी और नाम से हुए थे लेकिन फिर उन्होंने अपने नाम बदल लिए...
Meta: पुराना नाम Facebook
मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने अक्टूबर 2021 में अपनी कंपनी फेसबुक इंक (Facebook Inc) का नाम बदल कर मेटा (Meta) कर दिया था. नाम बदलने के पीछे मकसद है कि फेसबुक अपनी पहचान, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अलग बनाना चाहती है. मेटा के पास वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम, मैसेंजर, ओकुलस आदि का स्वामित्व है. कंपनी, अल्फाबेट इंक जैसी होल्डिंग कंपनी बनने का सपना रखती है. पेरेंट कंपनी का नाम मेटा हो जाने के बाद भी फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम के नाम वही बने हुए हैं, जो पहले थे.
Instagram: पुराना नाम Burbn
इंस्टाग्राम का स्वामित्व जब मेटा के पास नहीं था, तो उस वक्त इसका नाम बरबन (Burbn) था। बरबन नाम इसके फाउंडर्स केविन सिस्ट्रोम और माइक क्रिगर की देन था. बरबन को आईफोन यूजर्स के लिए लोकेशन शेयरिंग, चेक इन्स करते हुए पॉइंट्स अर्न करने और किसी ईवेंट के बाद फोटो शेयर करने के लिए लॉन्च किया गया था. लेकिन कई जटिल इन-ऐप फीचर्स की वजह से ऐप फ्लॉप होने लगा। यह देखकर इसके फाउंडर्स ने कई बार इसमें बदलाव किया और आखिर में बरबन फोटोशेयरिंग ऐप बन गया।
Amazon: पुराना नाम Cadabra Inc
जुलाई 1994 में जेफ बेजोस ने अमेजॉन को शुरू किया था. लेकिन उस वक्त इसका नाम अमेजॉन नहीं बल्कि कैडेब्रा इंक (Cadabra Inc.) था. कुछ माह बाद कंपनी का नाम बदलकर अमेजॉन डॉट कॉम कर दिया गया. कारण एक वकील ने कैडेब्रा को 'कैडेवर' सुन लिया था. अमेजॉन ने ऑनलाइन बुक स्टोर के तौर पर शुरुआत की थी. बेजोस अपनी कंपनी को दुनिया का सबसे बड़ा बुकस्टोर बनाना चाहते थे. इसी मकसद के साथ उन्होंने कंपनी का नाम बदलकर दुनिया की सबसे बड़ी नदी ऐमजॉन रिवर के नाम पर रख दिया.
Google: पुराना नाम BackRub
टेक दिग्गज गूगल (Google) को जब शुरू किया गया था, तो लैरी पेज और सर्जे बिन ने इसका नाम बैकरब (BackRub) रखा था. फिर इसका नाम बदलकर गूगल कर दिया गया. दिलचस्प यह है कि गूगल नाम स्पेलिंग की गलती से उपजा था. गूगल की पेरेंट कंपनी का नाम अल्फाबेट इंक है, जिसके सीईओ भारतीय मूल के सुदर पिचई हैं.
Pepsi: पुराना नाम Brad's Drink
फार्मासिस्ट कैलेब ब्रैडहैम ने 1893 में पेप्सी की शुरुआत की थी. जब उन्होंने अपने नॉर्थ कैरोलिना ड्रग स्टोर में एक फिजी ड्रिंक को इंट्रोड्यूस किया तो उन्होंने अपने सरनेम से प्रेरित होकर ड्रिंक का नाम ब्रैड्स ड्रिंक (Brad's Drink) रख दिया. फिर 5 साल बाद 1898 में ब्रैड्स ड्रिंक का नाम पेप्सी कोला (Pepsi-Cola) हो गया और 1961 में यह केवल पेप्सी रह गया.
Zomato: पुराना नाम Foodiebay
साल 2008 में जोमैटो (Zomato) को एक फूड डायरेक्टरी वेबसाइट के तौर पर फूडीबे (Foodiebay) नाम से लॉन्च किया गया था. फिर दो साल बाद फूडीबे का नाम बदलकर जोमैटो हो गया. जोमैटो अब भारतीय शेयर बाजारों पर लिस्टेड है. इसका आईपीओ सुपरहिट रहा था.
Sony: पुराना नाम Tokyo Tsushin Kogyo
1946 में सोनी (Sony) जब शुरू हुई थी तो इसका नाम Tokyo Tsushin Kogyo था. शुरुआत Tokyo Tsushin Kogyo एक रिपेयर शॉप के तौर पर शुरू हुई थी. साल 1958 में इसका नाम बदलकर सोनी कॉरपोरेशन हो गया जो इलेक्ट्रॉनिक्स और अप्लायंसेज की दुनिया में एक जानामाना नाम है. सोनी ने 1955 में जापान के पहले ट्रांजिस्टर रेडियो का ईजाद किया और 1960 में इसने दुनिया को पहली ट्रांजिस्टर टीवी दी.