कोविड-19 रोगियों के लिए स्टार्टअप ने बनाई 'मेडिकैब', महज 2 घंटों में कहीं भी किया जा सकता है तैनात
July 21, 2020, Updated on : Tue Jul 21 2020 04:01:30 GMT+0000

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मेडिकैब जैसे इनोवेशन भारत में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, क्योंकि इन्हे तेजी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।

(चित्र: modulushousing.com)
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास में इनक्यूबेटेड स्टार्टअप मॉड्युलस हाउसिंग ने एक पोर्टेबल हॉस्पिटल यूनिट विकसित की है, जिसे चार लोगों मिलकर दो घंटे के भीतर कहीं भी आसानी से स्थापित कर सकते हैं।
इन यूनिट को ‘मेडिकैब’ कहा जाता है। इन पोर्टेबल माइक्रोस्ट्रक्चर को स्थानीय समुदायों में COVID -19 रोगियों का पता लगाने, उन्हे स्क्रीन करने और आइसोलेट करने के लिए तैयार किया गया है।
‘मेडिकैब’ को हाल ही में केरल के वायनाड जिले में लॉन्च किया गया है, जहां यूनिटों को COVID-19 मरीजों के इलाज के लिए तैनात किया जा रहा है। स्टार्टअप माइक्रो हॉस्पिटल भी डेवलप कर रहा है जिन्हें पूरे देश में तेजी से तैनात किया जा सकता है।
मेडिकैब फोल्डेबल है और यह चार ज़ोन से बना है, जहां एक डॉक्टर का कमरा, एक आइसोलेशन रूम, एक मेडिकल रूम या वार्ड और एक ट्विन-बेड आईसीयू, जो निगेटिव प्रेसर में बना रहता है।
स्टार्टअप ने श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SCTIMST) के साथ कोलैब किया है, जिन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र और कस्टमाइजेशन को लेकर इनपुट प्रदान किए हैं।
साल 2018 में दो पूर्व आईआईटी छात्रों द्वारा स्थापित स्टार्टअप मॉड्युलस हाउसिंग आईआईटी मद्रास इंक्यूबेशन सेल द्वारा समर्थित है।
मॉड्युल एक डुअल डिजाइन पर काम कर रहा है, जहां इन्हें तेजी से COVID-19 आइसोलेशन वार्ड के रूप में लॉन्च किया जा सकता है। वहीं COVID-19 के बाद, इन्हें ग्रामीण भारत में माइक्रो अस्पतालों और क्लीनिकों में तब्दील किया जा सकता है, जहाँ बुनियादी चिकित्सा ढांचे को बढ़ाने की आवश्यकता है।
मॉड्युलस हाउसिंग ने अपनी निर्माण इकाई को चेंगलपेट (चेन्नई से लगभग 35 किलोमीटर दूर) में स्थापित किया है।
आज जहां भारत में प्रति 1 हज़ार व्यक्तियों पर महज 0.7 बेड हैं। मेडिकैब जैसे इनोवेशन भारत में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, क्योंकि इन्हे तेजी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। गौरतलब है कि एक ट्रक में इसकी छह यूनिटों को फिट करके आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है और इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर तैनात किया जा सकता है।
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