अब ड्रोन से डिलीवरी कर सकेंगे स्टार्टअप, जानिए किसे मिला पहला एग्रीकल्चर ड्रोन लोन
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री, जनरल (डॉ) वी के सिंह (सेवानिवृत्त) ने घोषणा की है कि सरकार को निजी संस्थाओं द्वारा डिलीवरी के लिए ड्रोन के इस्तेमाल पर कोई आपत्ति नहीं है. ये बात उन्होंने राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में कही. इसके साथ ही AIF ने गरुड़ एयरोस्पेस (Garuda Aerospace) द्वारा बनाए गए मेड इन इंडिया किसान ड्रोन (Made In India Kisan Drone) के लिए पहली बार ड्रोन लोन को मंजूरी दी है.
जवाब में कहा गया है कि सरकार ने महामारी के दौरान विशेष रूप से देश के दूरदराज वाले क्षेत्रों में वैक्सीन डिलिवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया था. डिजिटल प्रोपर्टी कार्ड जारी करने के लिए SVAMITVA योजना के तहत तेल पाइपलाइनों और पावर ट्रांसमिशन लाइनों का निरीक्षण करने, टिड्डी से बचाव, खेतों में दवा का छिड़काव, खानों का सर्वे करना और लैंड मैपिंग आदि कुछ और सेक्टर हैं जहां ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है.
निजी ड्रोन के उपयोग को ड्रोन नियम, 2021 (Drone Rules, 2021) में सम्मिलित किया गया था, जिसे पिछले अगस्त में जारी किया गया था. नियमों में ड्रोन टाइप सर्टिफिकेशन और एयरस्पेस बैन से लेकर R & D नियम, प्रशिक्षण और लाइसेंसिंग तक सब कुछ शामिल हैं.
, , और जैसी कंपनियों ने घोषणा की है कि उन्हें पिछले साल के साथ पायलट प्रोजेक्ट चलाने के लिए चुना गया है.
126 ITI में ड्रोन कोर्स
कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने लोकसभा के जवाब में कहा कि उनका मंत्रालय ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग, रिपेयर और मैंटेनेंस पर 5 कोर्सेज को पढ़ाने में मदद करने के लिए 126 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (Industrial Training Institutes - ITIs) खोल रहा है.
इनमें से अधिकांश ITI आंध्र प्रदेश (11), असम (14), बिहार (10), गुजरात (20), हरियाणा (10), झारखंड (10), महाराष्ट्र (12) और उत्तर प्रदेश (15) में खोले जाएंगे होंगे.
जबकि तीन कोर्स टेक्नीकल (टीचिंग सर्विस, मैन्युफैक्चरिंग और ऑपरेटिंग स्किल्स) हैं. दो कोर्स ड्रोन के कृषि उपयोग पर केंद्रित होंगे.
इसके अलावा पिछले हफ्ते सरकार ने घोषणा की थी कि एग्री इंफ्रा फंड (Agri Infra Fund - AIF) उन लोकल बिजनेसेज को लोन देना शुरू कर देगा जो कृषि-ड्रोन (agri-drones) खरीदना चाहते हैं.
AIF ने शनिवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (Indian Agricultural Research Institute - IARI), जिसे राष्ट्रीय राजधानी में पूसा संस्थान (Pusa Institute) के रूप में जाना जाता है, ने गरुड़ एयरोस्पेस (Garuda Aerospace) द्वारा बनाए गए मेड इन इंडिया किसान ड्रोन (Made In India Kisan Drone) के लिए पहली बार ड्रोन लोन को मंजूरी दी है.
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे (Shobha Karandlaje) और कैलाश चौधरी (Kailash Choudhary) की उपस्थिति में यह लोन स्वीकृत किया गया था.
AIF कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत कार्य करता है और इसने कई किसान केंद्रित फंडिंग योजनाओं का नेतृत्व किया है. संयुक्त सचिव सैमुअल प्रवीण कुमार, जो अपनी सक्रिय और प्रगतिशील नीतियों के लिए जाने जाते हैं, ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कृषि समुदाय के लिए कृषि ड्रोन लोन एक बड़ा गेम चेंजर हो सकता है.
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव सैमुअल प्रवीण कुमार ने कहा, "AIF का लक्ष्य एग्री इंफ्रा इकोसिस्टम में 1 लाख करोड़ रुपये तक के लोन की सुविधा देना है और हमने हाल ही में 10,000 करोड़ रुपये को पार कर लिया है."
उन्होंने कहा, "गरुड़ एयरोस्पेस द्वारा तैयार किए गए कृषि ड्रोन और उनके यूनिक सर्विस मॉडल राम कुमार जैसे हजारों ड्रोन सर्विस प्रोवाइडर्स को इन किसान ड्रोन लोन्स को कम समय में प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेंगे."
राम कुमार 25 ड्रोन सर्विस प्रोवाइडर्स में से एक हैं.
'ऐतिहासिक' कृषि ड्रोन लोन के लिए लोन स्वीकृत पत्र प्राप्त करने के बाद, कुमार ने आभार व्यक्त किया और कहा, "यह मेरा सपना सच हो गया है और अब हम गरुड़ एयरोस्पेस किसान ड्रोन खरीदने के लिए लोन का उपयोग करने में सक्षम होंगे जो सबसे एडवांस हैं और बाजार में सस्ता है".
उन्होंने आगे कहा, "किसान ड्रोन सटीक छिड़काव के लिए प्रति दिन 25 एकड़ को कवर करते हैं. कीटनाशक के उपयोग को 70 प्रतिशत तक बचाते हैं. पानी के उपयोग को 80 प्रतिशत तक बचाते हैं और मैं प्रति माह 1 लाख रुपये का रेवेन्यू हासिल कर रहा हूं जो कि
, , , से बेहतर पैकेज है.”सफलतापूर्वक स्वीकृत ड्रोन लोन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, गरुड़ एयरोस्पेस के फाउंडर और सीईओ, अग्निश्वर जयप्रकाश ने देश में ड्रोन कल्चर को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को धन्यवाद दिया.
जयप्रकाश ने कहा, "पीएम मोदी ने इस साल फरवरी में गरुड़ किसान ड्रोन (Garuda Kisan Drone) यात्रा को हरी झंडी दिखाई, जहां उन्होंने देश भर के 100 गांवों में एक साथ 100 ड्रोन उड़ाए. हमारा लक्ष्य हमारे टाइप सर्टिफाइड किसान ड्रोन के लिए लोन स्वीकृति प्राप्त करना रहा है."
गरुड़ एयरोस्पेस ने पहले ही 2,500 से अधिक ड्रोन की प्री-बुकिंग की है. और वर्ष 2024 तक 1 लाख 'मेड इन इंडिया किसान ड्रोन' के निर्माण की राह पर है. गरुड़ ने 250 मिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर अपने 30 मिलियन डॉलर के सीरीज़ ए फंडिंग राउंड की शुरुआत की है. यह भारत का सबसे वैल्यूएबल ड्रोन स्टार्टअप बन चुका है. साल 2023 तक इसका लक्ष्य यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने का है.
गरुड़ एयरोस्पेस किसान ड्रोन की मांग प्रगतिशील सरकारी नीतियों जैसे हाल ही के संसदीय बजट सत्र के दौरान अनावरण किए गए किसान ड्रोन पर 40-100 प्रतिशत सब्सिडी योजनाओं, विदेशी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध और 120 करोड़ उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना से प्रेरित थी.
इससे पहले इसी साल, भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने गरुड़ एयरोस्पेस में निवेश किया है. इसके साथ ही वे इसके ब्रांड एंबेसडर भी बने हैं.