वरिष्ठ नागरिकों के हित के लिए सरकार उठा रही क्या कदम, ये है डिटेल
हाल ही में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने लोकसभा में वरिष्ठ नागरिकों के हित के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी.
वृद्धावस्था भी इंसान की जिंदगी का एक फेज है. इसीलिए वरिष्ठ नागरिक (Senior Citizen) भी समाज का एक महत्वपूर्ण अंग हैं. लेकिन फिर भी जैसे-जैसे व्यक्ति बूढ़ा होता जाता है, वह उपेक्षा का शिकार होता जाता है. अक्सर उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है. कई बुजुर्ग तो अपने परिवार के हाथों ही उपेक्षा और गलत व्यवहार का शिकार होते हैं. लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो वरिष्ठ नागरिकों के हित के लिए प्रयासरत हैं. उनके लिए कई स्कीम्स और प्रोग्राम्स चलाए जा रहे हैं. जहां तक सरकार की बात है तो भारत सरकार के तहत आने वाला सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (Department of Social Justice and Empowerment) भी वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण व स्वास्थ्य देखभाल के लिए प्रयासरत है.
हाल ही में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वरिष्ठ नागरिकों के हित के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी. डिटेल्स इस तरह हैं...
1. सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग 'इंटीग्रेटेड प्रोग्राम फॉर सीनियर सिटीजंस' (IPSrC) लागू कर रहा है. यह अटल वयो अभ्युदय योजना (AVYAY) का एक कंपोनेंट है. इसके तहत एनजीओ/स्वैच्छिक संगठनों (Voluntary Organisations) को सीनियर सिटीजन होम्स (वृद्धाश्रम), कंटीन्युअस केयर होम्स के संचालन और रखरखाव के लिए अनुदान सहायता प्रदान की जाती है. आश्रय, पोषण, चिकित्सा देखभाल और मनोरंजन जैसी सुविधाएं ऐसे होम्स में रहने वाले गरीब वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क प्रदान की जाती हैं.
2. सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग 'राष्ट्रीय वयोश्री योजना' (RVY) भी लागू कर रहा है. इसके तहत उन बीपीएल वरिष्ठ नागरिकों को सहायक लिविंग डिवाइसेज मुफ्त प्रदान किए जाते हैं, जो उम्र से संबंधित अक्षमताओं/दुर्बलताओं से पीड़ित हैं. साथ ही 15,000 रुपये तक की मासिक आय वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी यह प्रावधान है. यह योजना बिहार सहित पूरे देश में लागू है.
3. विभाग वरिष्ठ नागरिकों के लिए एल्डरलाइन नाम की एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन भी क्रियान्वित कर रहा है. इसके तहत एक टोल फ्री नंबर 145672021 है ताकि वरिष्ठ नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए, उन्हें मुफ्त जानकारी, मार्गदर्शन, भावनात्मक समर्थन और गलत व्यवहार होने की स्थिति में फील्ड इंटरवेंशन व बचाव प्रदान किया जा सके. यह हेल्पलाइन सप्ताह के सभी 7 दिन, सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक चालू रहती है.
4. ग्रामीण विकास मंत्रालय 'इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना' (IGNOAPS) लागू कर रहा है. इसके तहत बीपीएल परिवारों के 60 से लेकर 79 वर्ष के वृद्ध व्यक्तियों को 200 रुपये प्रति माह की पेंशन प्रदान की जाती है. 80 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पेंशन राशि को बढ़ाकर 500 रुपये प्रति माह कर दिया जाता है.
किन उद्देश्यों के लिए फंड किया गया सैंक्शन
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के 'नेशनल प्रोग्राम फॉर द हेल्थ केयर ऑफ एल्डरली' के तहत जिन उद्देश्यों के लिए राज्य प्रस्तावों के रूप में धनराशि स्वीकृत की गई, वे इस तरह हैं...
- प्रत्येक जिला अस्पताल (डीएच) में नए कंस्ट्रक्शन/विस्तार/रिनोवेशन के माध्यम से न्यूनतम 10 बिस्तरों वाले जेरीऐट्रिक वार्ड (पुरुष और महिला दोनों) का विकास
- जिला अस्पताल (डीएच), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) की स्थापना
- डीएच और सीएचसी में ओपीडी, वार्ड, फिजियोथेरेपी इकाइयों/सेवाओं के लिए उपकरण
- 19 मेडिकल कॉलेजों में क्षेत्रीय जेरीऐट्रिक केंद्रों (आरजीसी) में न्यूनतम 30 बिस्तरों वाले वार्ड, स्पेशियैलिटी ओपीडी और फिजियोथेरेपी यूनिट के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए धनराशि स्वीकृत
- मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली में दो नेशनल सेंटर्स फॉर एजिंग (NCA) में न्यूनतम 200 बिस्तरों वाले वार्ड, स्पेशियैलिटी क्लीनिक्स, फिजियोथेरेपी यूनिट, डायग्नोस्टिक्स आदि के विकास के लिए धनराशि स्वीकृत
- 3 कैडरों - चिकित्सा अधिकारियों (एमओ), स्टाफ नर्सों और डीएच व सीएचसी के कम्युनिटी बेस्ड श्रमिकों के लिए 'कॉम्प्रिहैन्सिव जेरीऐट्रिक असेसमेंट एंड केयर डिलीवरी' के लिए मॉड्यूल्स व फैसिलिटेटर गाइड्स विकसित किए गए हैं. जिला स्तर से नीचे के प्रशिक्षण के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार करने के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया
- आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कल्याण केंद्र (HWC) के तहत चिकित्सा अधिकारियों (MO), स्टाफ नर्स, आशा, ANM आदि के जेरीऐट्रिक केयर प्रशिक्षण के लिए मॉड्यूल के 5 सेट विकसित किए गए. PHCs और HWCs में राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया
- सभी गैर-संचारी रोग (नॉन कम्युनिकेबल डिसीज) कार्यक्रमों के राज्य और जिला स्तर के पदाधिकारियों को एनपीएचसीई और जेरीऐट्रिक मुद्दों के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए ओरिएंटेशन ट्रेनिंग्स
Edited by Ritika Singh