अडानी की दो-तिहाई दौलत स्वाहा, जिसने इनकी 10 कंपनियों में 1 लाख लगाए जानिए उसके पास कितने पैसे बचे हैं
अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर कभी चढ़ रहे हैं और कभी अचानक से गिर रहे हैं. गौतम अडानी की नेटवर्थ पिछले एक महीने में करीब दो-तिहाई गिर चुकी है. इस बीच सवाल उठ रहा है कि इस गिरावट से रिटेल निवेशकों को कितना नुकसान हुआ है?
अडानी ग्रुप (Adani Group) की तमाम कंपनियों के शेयरों में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) आने के बाद से ही भारी गिरावट देखने को मिल रही है. हालांकि, पिछले 2-3 दिनों में स्थिति थोड़ा कंट्रोल में लग रही थी, लेकिन आज यानी 22 फरवरी को फिर से कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है. गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनियों के सभी शेयर लाल निशान में हैं. गौतम अडानी की नेटवर्थ गिरते-गिरते 22 फरवरी को 43.3 अरब डॉलर तक पहुंच गई है. यानी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले के वक्त तुलना में देखें तो उनकी नेटवर्थ करीब दो तिहाई कम हो गई है और सिर्फ एक तिहाई ही बची है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से पहले जो गौतम अडानी लगभग 130 अरब डॉलर की दौलत के साथ फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर थे, अब वह इस लिस्ट में 26वें नंबर पर पहुंच गए हैं. ऐसे में एक बड़ा सवाल ये है कि आखिर उन निवेशकों को कितना नुकसान हुआ है, जिन्होंने इनके ग्रुप की कंपनियों में पैसे लगाए थे.
नुकसान का अंदाजा लगाने से पहले तय करने होंगे कुछ मानक
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अब तक अडानी ग्रुप की कंपनियों में भारी गिरावट हुई. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में कई बार शेयर चढ़े भी. हम मान लेते हैं कि 24 जनवरी (जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई) से लेकर, 22 फरवरी तक शेयरों में जितनी गिरावट है, वही निवेशकों का नुकसान है. यहां हम यह भी मान रहे हैं कि निवेशकों ने 23 जनवरी के बंद भाव पर शेयर खरीदे होंगे। हम मान रहे हैं कि गौतम अडानी की सभी 10 कंपनियों में एक निवेशक ने 10-10 हजार रुपये यानी कुल 1 लाख रुपये लगाए थे. ऐसे में कैल्कुलेट करते हैं कि आज की तारीख में उसके पैसों की वैल्यू कितनी बची है.
1- अडानी एंटरप्राइजेज
23 जनवरी की शाम को अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 3436 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. वहीं 24 जनवरी से इसमें गिरावट आने लगी और 22 फरवरी को यह शेयर 1404.85 रुपये के स्तर पर बंद हुआ. इस अवधि में अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर करीब 59 फीसदी टूट चुका है. जिसने 23 जनवरी के बंद भाव पर इस कंपनी में 10 हजार रुपये का निवेश किया होगा, अब उसके पैसे सिर्फ 4100 रुपये ही बचे हैं.
2- अडानी टोटल गैस लिमिटेड
अडानी ग्रुप की इस कंपनी का शेयर 23 जनवरी को 3901 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. 22 फरवरी को कंपनी का शेयर 5 फीसदी के लोअर सर्किट के साथ 833 रुपये पर बंद हुआ है. यानी इस दौरान अडानी टोटल गैस लिमिटेड का शेयर करीब 78 फीसदी गिरा है. इस तरह जिसने 23 फरवरी के बंद भाव पर इस शेयर में 10 हजार रुपये लगाए होंगे, आज उसके पैसे सिर्फ 2200 रुपये रह गए हैं.
3- अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड
यह शेयर पिछले महीने 23 जनवरी को करीब 2784 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. उसके बाद शेयर कई बार गिरा और चढ़ा. 22 फरवरी को कंपनी का शेयर 5 फीसदी के लोअर सर्किट के साथ 788.75 रुपये के लेवल पर बंद हुआ. यानी करीब महीने भर में गौतम अडानी की इस कंपनी का शेयर लगभग 72 फीसदी गिर चुका है. ऐसे में जिसने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से ठीक पहले कंपनी के शेयर में 10 हजार रुपये लगाए होंगे, अब उसके पैसे सिर्फ 2800 रुपये बचे हैं.
4- अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड
अडानी ग्रुप की इस कंपनी का शेयर 23 जनवरी को 1932 रुपये का था, जो 22 फरवरी तक गिरते-गिरते 539.05 रुपये पर आ गया. यानी इस दौरान कंपनी का शेयर करीब 72 फीसदी गिर चुका है. देखा जाए तो इस कंपनी में 23 फरवरी के बंद भाव पर जिसने 10 हजार रुपये लगाए होंगे, आज उसके पैसे सिर्फ 2800 रुपये बचे हैं.
5- अडानी पोर्ट्स
गौतम अडानी की इस कंपनी का शेयर 23 जनवरी को 769 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. 22 फरवरी को यह शेयर लगभग 6.19 फीसदी गिरकर सिर्फ 547.10 रुपये के लेवल पर बंद हुआ है. देखा जाए तो पिछले करीब महीने भर में यह शेयर 29 फीसदी के करीब टूट चुका है. ऐसे में अगर किसी ने इस शेयर में महीने भर पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले 10 हजार रुपये लगाए होंगे, तो अब उसके पैसे सिर्फ 7100 रुपये ही बचे हैं.
6- अडानी पावर लिमिटेड
अगर बात करें अडानी पावर लिमिटेड की तो कंपनी का शेयर 23 जनवरी को 273 रुपये पर बंद हुआ था. 22 फरवरी तक ये शेयर गिरते-गिरते 162.45 रुपये तक पहुंच गया. इस दौरान कंपनी का शेयर करीब 40 फीसदी टूटा है. यानी जिसने भी 23 फरवरी के बंद भाव पर इस कंपनी के 10 हजार रुपये के शेयर खरीदे होंगे, आज उसके पास सिर्फ 6000 रुपये बचे हैं. बीच-बीच में कई बार ये शेयर चढ़ा भी है, जिसकी वजह से इसमें निवेशकों को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन 40 फीसदी का नुकसान भी मामूली नहीं होता है.
7- अडानी विल्मर लिमिटेड
अडानी ग्रुप की इस कंपनी का शेयर 23 जनवरी को 546 रुपये पर बंद हुआ था. 22 फरवरी को ये शेयर 5 फीसदी के लोअर सर्किट के साथ 390.30 रुपये के लेवल पर बंद हुआ. इस अवधि के दौरान अडानी विल्मर का शेयर करीब 28 फीसदी टूटा है. इस तरह जिसने ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से ठीक पहले में इस शेयर में 10 हजार रुपये लगाए होंगे, आज उसके पैसे सिर्फ 7200 रुपये ही बचे हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अब तक कई बार अडानी विल्मर के शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली है. यही वजह है कि इसमें पूरी अवधि के दौरान गिरावट तुलनात्मक रूप से कम है.
8- अंबुजा सीमेंट
23 जनवरी को अंबुजा सीमेंट का शेयर 501 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. वहीं 22 फरवरी को कंपनी का शेयर लगभग 4.95 फीसदी गिरकर 335.40 रुपये के लेवल पर बंद हुआ. यानी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अब तक कंपनी का शेयर करीब 33 फीसदी गिर चुका है. जिसने रिपोर्ट आने से ठीक पहले कंपनी के 10 हजार रुपये के शेयर खरीदे होंगे, अब उसकी कीमत सिर्फ 6700 रुपये बची है.
9- एसीसी
अगर बात करें एसीसी की तो इसके शेयरों में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अब तक करीब 25 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. 22 फरवरी को कंपनी का शेयर करीब 4.17 फीसदी गिरा है और 1752.20 रुपये के लेवल पर पहुंच गया है. 23 जनवरी को कंपनी का शेयर 2323 रुपये के लेवल पर था. इस लेवल पर जिसने कंपनी में 10 हजार रुपये का निवेश किया होगा, उसके पैसे अब सिर्फ 7500 रुपये ही बचे हैं.
10- एनडीटीवी
23 जनवरी को कंपनी का शेयर 284 रुपये के लेवल पर था, वहीं 22 फरवरी को कंपनी का शेयर 5 फीसदी के लोअर सर्किट के साथ 200.65 रुपये के लेवल पर बंद हुआ. इस तरह देखा जाए तो इस अवधि में एनडीटीवी का शेयर करीब 30 फीसदी टूट चुका है. जिसने 23 जनवरी के बंद भाव यानी 284 रुपये के लेवल पर कंपनी में 10 हजार रुपये का निवेश किया होगा, अब उसके पैसे सिर्फ 7000 रुपये बचे हैं. इस कंपनी में निवेशकों को नुकसान तो हुआ है, लेकिन बाकी कंपनियों की तुलना में नुकसान काफी कम है.
अब अगर इन सभी आंकड़ों को मिलाकर देखा जाए तो अडानी ग्रुप की सभी 10 कंपनियों के शेयरों की कीमत में औसतन 46.6 फीसदी की गिरावट है. यानी 23 जनवरी के बंद भाव पर जिसने इन 10 शेयरों में 10-10 हजार रुपये यानी कुल 1 लाख रुपये लगाए होंगे, आज उसके पैसों की वैल्यू घटकर सिर्फ 53,400 रुपये रह गई है. हालांकि, इसे निवेशक का नुकसान तब कहा जाएगा, जब वह इसे बेच देता है. अगर निवेशक अपने पैसे निवेश किए रहे और आने वाले वक्त में कीमतें बढ़ने पर बेचे तो हो सकता है कि उसे फायदा भी हो या इससे भी भारी नुकसान हो सकता है.