जानिए हिंडनबर्ग ने कैसे की होगी अडानी के शेयरों में शॉर्ट सेलिंग, दूसरी कंपनियों के शेयर भी बेचे होंगे?
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अब तक गौतम अडानी को करीब 130 अरब डॉलर (करीब 10.76 करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है. तो क्या ये कह सकते हैं कि हिंडनबर्ग ने 10 लाख करोड़ रुपये कमा लिए? आइए समझते हैं पूरा मामला कैल्कुलेशन के साथ.
गौतम अडानी (Gautam Adani) के शेयरों पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) का असर आज तक देखने को मिल रहा है. अडानी ग्रुप (Adani Group) की 7 कंपनियों में से कुछ कंपनियों के शेयरों में अभी तक गिरावट देखने को मिल रही है. उनके कंपनियों के शेयरों के दाम 50-70 फीसदी तक गिर चुके हैं. गौतम अडानी की नेट वर्थ (Gautam Adani Net Worth) अब 50 अरब डॉलर से भी नीचे गिर गई है और 48 अरब डॉलर पर आ चुकी है. इस दौरान गौतम अडानी को करीब 130 अरब डॉलर तक का नुकसान हो चुका है. ये तो सभी को पता है कि हिंडनबर्ग ने गौतम अडानी के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन ली हुई है. तो क्या हिंडनबर्ग ने इतने दिनों में 130 अरब डॉलर कमा लिए? आइए समझते हैं हिंडनबर्ग ने कैसे की हो सकती है ये शॉर्ट सेलिंग?
अडानी के शेयर शॉर्ट सेल कर के कितने पैसे कमाए हिंडनबर्ग ने?
अगर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को एक बार के लिए पूरी तरह सही मान लें तो कैल्कुलेशन को समझना थोड़ा आसान हो जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन विदेशी निवेशकों यानी एफआईआई ने कंपनी में पैसे लगाए हैं, वह भी दरअसल अडानी ग्रुप से जुड़ी हैं. अगर वाकई ऐसा है तब तो बाजार में शेयर और भी कम हो जाते हैं. अगर अडानी एंटरप्राइजेज का ही उदाहरण ले लें तो इसमें 72.63 फीसदी हिस्सेदारी प्रमोटर्स की है. इसके अलावा 15.39 फीसदी हिस्सेदारी एफआईआई के पास है. यानी रिटेल और डीआईआई के शेयर मिलाकर बाजार में उपलब्ध शेयर मुश्किल से 12 फीसदी बचते हैं.
अडानी एंटरप्राइजेज के कुल शेयरों की संख्या करीब 114 करोड़ है, जिसमें से अधिकतर शेयर तो प्रमोटर्स के ही पास है. ऐसे में अगर बाजार में उपलब्ध 12 फीसदी शेयरों की बात करें तो ये बचते हैं महज 14 करोड़ शेयर. इसमें से भी हिंडनबर्ग ने सारे शेयर तो शॉर्ट किए नहीं होंगे. अगर मान लें कि उसने आधे भी शेयर शॉर्ट किए होंगे तो ये बचते हैं 7 करोड़. हर शेयर पर अगर दाम गिरने की बात करें तो प्रति शेयर करीब 2000 रुपये की गिरावट है. मतलब हिंडनबर्ग को सिर्फ अडानी एंटरप्राइजेज से लगभग 14 हजार करोड़ रुपये की कमाई हुई होगी. हालांकि, ऐसा होना भी मुमकिन नहीं लगता.
अडानी पोर्ट में कितनी की हो सकती है कमाई?
अगर प्रमोटर्स की हिस्सेदारी की बात करें तो अडानी पोर्ट में उनके पास करीब 65.13 फीसदी स्टेक है. वहीं 13.77 फीसदी एफआईआई के पास, 14.49 फीसदी डीआईआई के पास और बचे हुए 6.62 फीसदी रिटेल निवेशकों के पास है. यानी रिटेल और डीआईआई मिलाकर करीब 20 फीसदी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर हो सकता है. कंपनी के करीब 200 करोड़ शेयर हैं, जिसका 20 फीसदी निकलता है लगभग 40 करोड़. प्रति शेयर करीब 190 रुपये का नुकसान हुआ है यानी लगभग 19,500 करोड़ रुपये. मान लेते हैं कि इसके आधे शेयर हिंडनबर्ग ने शॉर्ट किए होंगे तो अनुमान बनता है कि लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के शेयर कंपनी ने शॉर्ट किए होंगे. ध्यान रहे कि यह सिर्फ अनुमान हैं. किसी को भी ये नहीं पता है कि हिंडनबर्ग ने दरअसल कितने शेयर शॉर्ट किए हैं और उसकी स्ट्रेटेजी क्या है?
अडानी ग्रुप के बाकी शेयरों का क्या?
अगर अडानी ग्रुप के बाकी शेयरों की बात करें तो वह कैश मार्केट के शेयर हैं, जिनमें सिर्फ इंट्रा डे में ही शॉर्ट सेलिंग की जा सकती है तो मुमकिन नहीं लगता कि हिंडनबर्ग ने इतने छोटे वक्त के लिए इनमें शॉर्ट पोजीशन ली भी होगी. हालांकि, तमाम कंपनियों के बॉन्ड्स के जरिए भी शॉर्ट सेलिंग की गई हो सकती है, जैसा कि खुद हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में भी कहा है.
सिर्फ अडानी के शेयरों को शॉर्ट करना काफी नहीं
अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों की ऊपर दी गई कैल्कुलेशन से लगता है कि हिंडनबर्ग अडानी ग्रुप के बहुत ज्यादा शेयर शॉर्ट नहीं कर पाया होगा. सवाल ये है कि फिर उसने मोटी कमाई के लिए क्या स्ट्रेटेजी अपनाई होगी. एक अनुमान ये लगाया जा रहा है कि कंपनी ने ना सिर्फ अडानी ग्रुप के शेयरों में शॉर्ट सेलिंग की होगी, बल्कि उसका प्लान और भी बड़ा होगा, लेकिन क्या?
निफ्टी50 को भी किया शॉर्ट?
एक अनुमान यह भी जताया जा रहा है कि हिंडनबर्ग ने शायद निफ्टी50 को भी शॉर्ट किया हो. हो सकता है कि इसके लिए उसने कुछ हेज फंड्स के साथ मिलकर अपनी रणनीति बनाई होगी. निफ्टी50 में शॉर्ट सेलिंग करने की वजह ये हो सकती है कि अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट इसी इंडेक्स का हिस्सा हैं. यानी इनमें भारी गिरावट का असर इंडेक्स पर दिखना लाजमी है जो बीते दिनों में दिखा भी.
क्या बाकी शेयरों में भी की होगी शॉर्ट सेलिंग?
एक सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या हिंडनबर्ग ने और भी किसी शेयर में शॉर्ट सेलिंग की होगी? ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जब से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई है तब से अडानी ग्रुप के शेयरों के अलावा सेंसेक्स-निफ्टी में तो गिरावट आई ही, बहुत सारी अन्य कंपनियों के शेयर भी गिरे हैं. मुमकिन है कि हिंडनबर्ग ने उन कंपनियों में भी शॉर्ट सेलिंग की हो, जिससे वह तेजी से कमाई कर रहा है.