इनोवेशन से प्यार की बदौलत तैयार कर ली कोरोना मारने वाली डिवाइस, 10 करोड़ रुपये है टर्नओवर
इंस्टाशील्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद रजिस्टर्ड कंपनी है. कंपनी MSME, स्टार्टअप इंडिया और GEM पोर्टल के साथ रजिस्टर्ड है.
कोरोना महामारी आने के बाद इससे बचने की तमाम कोशिशें हो रही हैं. वैक्सीन बन चुकी है, साथ ही कोरोना से निजात पाने के लिए इनोवशंस का दौर जारी है. कोई मास्क बना रहा है तो कोई किसी डिवाइस पर काम कर रहा है. इस महामारी को फैलने से रोकने की एक कोशिश हैदराबाद की एक कंपनी ने भी की और अपनी इनोवेशन से सफलता की ओर बढ़ रही है. हम बात कर रहे हैं इंस्टाशील्ड (Instashield) की. यह एक मेडिकल इक्विपमेंट कंपनी है, जिसका दावा है कि इसकी
नामक मेडिकल डिवाइस SARS COV19 समेत हर तरह के वायरस को दूर करने में 99.9 प्रतिशत कारगर है. इस डिवाइस को मार्च 2022 में लॉन्च किया गया था और आज कंपनी का टर्नओवर 10 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है.YourStory Hindi ने इंस्टाशील्ड के प्रमोटर व डायरेक्टर हितेश एम पटेल से विस्तार से बातचीत की. मुंबई से ताल्लुक रखने वाले हितेश के पिता बिल्डर रह चुके हैं. लेकिन हितेश को स्टॉक मार्केट और रिसर्च व डेवलपमेंट में दिलचस्पी थी. नए-नए आइडियाज खोजना उनका शौक है. नई चीजों को जानने की ललक ने ही उन्हें एंटरप्रेन्योर और निवेशक बना दिया.
अगस्त 2017 में हुई थी शुरू
इंस्टाशील्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद रजिस्टर्ड कंपनी है. कंपनी MSME, स्टार्टअप इंडिया और GEM पोर्टल के साथ रजिस्टर्ड है. इसकी शुरुआत अगस्त 2017 में हुई थी. इससे पहले कंपनी जेसीएस इनोवेशंस के नाम से काम कर रही थी. 2007 में इस कंपनी ने बिना स्टार्टर और चोक वाली, फिलामेंट बेस्ड ट्यूबलाइट बनाई थी और तेलंगाना सरकार को 10 लाख ट्यूबलाइट फ्री में दी थीं. इन ट्यूबलाइट्स की खासियत यह थी कि खराब हो जाने के बाद केवल 10 पैसे के खर्च पर इन्हें फिर से शुरू किया जा सकता था. बाद में 2017 में कंपनी को इंस्टाशील्ड के नाम से फॉर्म किया गया.
कंपनी में किया गया सारा निवेश हितेश का खुद का है. हितेश कई दूसरे स्टार्टअप्स/कंपनियों में निवेशक भी हैं. उनका निवेश मुख्यत: एग्रीकल्चर, फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर के स्टार्टअप्स में है. हाल ही में उन्होंने एक इलेक्ट्रिक बाइक स्टार्टअप में भी निवेश किया है.
मार्च 2022 में आई डिवाइस
कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए मार्च 2022 में इंस्टाशील्ड डिवाइस को लॉन्च किया गया. इस डिवाइस ने कंपनी की पूरी तस्वीर बदलकर रख दी. इंस्टाशील्ड एक प्लग एंड प्ले डिवाइस है, जो इलेक्ट्रॉन ट्रांसमिटिंग टेक्नोलॉजी की मदद से वायरस को खत्म करती है. कंपनी का दावा है कि यह डिवाइस SARS COV19 समेत हर तरह के वायरस को दूर करने में 99.9 प्रतिशत कारगर है. Instashield की नवीन तकनीक, बंद जगहों जैसे- घर, कार्यालय, स्कूल, होटल, कॉलेज, हॉस्पिटल्स आदि में हवा में और सतहों पर बिना कोई हानिकारक रेडिएशन छोड़े काम करती है और पर्यावरण को मानव जाति के लिए सुरक्षित व स्वस्थ रखती है. कंपनी का दावा है कि इंस्टाशील्ड डिवाइस, एक ब्रेकथ्रो डिवाइस है क्योंकि यह अपनी तरह की पहली सीसीएमबी अप्रूव्ड वायरस अटेन्युएशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है. यह टेक्नोलॉजी 99.9 प्रतिशत प्रभावशीलता के साथ SARS- CoV2 समेत सभी तरह के वायरस को डिसेबल कर देती है.
एक डिवाइस 5000 वर्ग फीट को कवर करने के लिए पर्याप्त
हितेश का कहना है कि एक सिंगल इंस्टाशील्ड डिवाइस 5000 वर्ग फीट के एरिया को वायरस से सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त है. डिवाइस 18 मिनट के अंदर एक्टिवेट हो जाती है. इंस्टाशील्ड डिवाइस की टेक्नोलॉजी पेटेंटेड है और इसे TSIC, ARCI का समर्थन प्राप्त है. यह डिवाइस हैदराबाद की CSIR-CCMB (Council Of Scientific And Industrial Research–Centre For Cellular And Molecular Biology) के साथ-साथ EMTAC, Vimta जैसी अन्य लैब्स द्वारा सर्टिफाइड है. CSIR-CCMB एक सरकारी काउंसिल है. कंपनी का दावा है कि डिवाइस इंसानों व पर्यावरण के लिए 100 प्रतिशत सुरक्षित है.
इंस्टाशील्ड डिवाइस के इनोवेटर Mandaji Charry हैं. वह कंपनी की प्रमोटिंग टीम का हिस्सा हैं. उन्होंने ही बिना चोक व स्टार्टर वाली फिलामेंट बेस्ड ट्यूबलाइट का इनोवेशन किया था. इंस्टाशील्ड डिवाइस, एक मेक इन इंडिया प्रॉडक्ट है. हितेश बताते हैं कि जब इस डिवाइस की टेस्टिंग चल रही थी, उस वक्त तक कोरोना के 8 वेरिएंट आ चुके थे. सभी वेरिएंट के लिए डिवाइस की टेस्टिंग की गई और रिजल्ट सकारात्मक मिले. यह डिवाइस नैनो सेकंड में वायरस को मारने में सक्षम है. लॉन्चिंग के एक माह के अंदर ही इस डिवाइस की पौने दो करोड़ रुपये की बिक्री हुई. नवंबर 2022 तक बिक्री का आंकड़ा 10 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था.
FY22 में बिक्री 14-15 करोड़ रुपये रहने का अनुमान
मार्च 2022 तक इंस्टाशील्ड का टर्नओवर 1.67 करोड़ रुपये था. नवंबर 2022 तक कंपनी 10 करोड़ रुपये की बिक्री कर चुकी थी. मौजूदा वित्त वर्ष में मुनाफा 5-6 करोड़ रुपये और बिक्री 14-15 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इंस्टाशील्ड डिवाइस को कंपनी की वेबसाइट और Amazon से ऑनलाइन ऑर्डर किया जा सकता है. इसके अलावा पूरे भारत में डीलर्स, डिस्ट्रीब्यूटर बनाए गए हैं. भारत में अभी दक्षिण भारत से ज्यादा डिमांड है. कंपनी ने श्रुति हसन को अपना ब्रांड एंबेस्डर नियुक्त किया है. कंपनी को अब तक 11 अवॉर्ड मिल चुके हैं, जैसे कि Icons of Asia 2022 अवॉर्ड, ‘Products Lift off by Startups’ अवॉर्ड आदि.
फ्यूचर के क्या हैं प्लान्स
हितेश के मुताबिक, कंपनी इंस्टाशील्ड डिवाइस के इनहैसमेंट पर काम कर रही है, जिसके बाद एक डिवाइस 25000 वर्ग फीट के एरिया में वायरस मारने के लिए पर्याप्त होगी. इसे स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू के लिए भी कारगर बनाने पर काम हो रहा है. दिसंबर 2023 में इंस्टाशील्ड का आईपीओ लाने की तैयारी है. एक्सपोर्ट फरवरी 2023 तक शुरू होने की उम्मीद है. लगभग 20 करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट ऑर्डर पहले से आ चुके हैं. कंपनी आगे एक मिनी इंस्टाशील्ड डिवाइस लॉन्च करने वाली है. यह 250 वर्ग फीट के एरिया को कवर करने के लिए पर्याप्त है. इसे कार में इस्तेमाल किया जा सकेगा और साथ में कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकेगा.