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कभी गर्मी की छुट्टियों में हर घर में पॉपुलर था रसना, बच्चे से लेकर बड़े तक कहते थे 'आई लव यू...'

रसना समूह के संस्थापक और चेयरमैन अरीज पिरोजशॉ खंबाटा इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं.

कभी गर्मी की छुट्टियों में हर घर में पॉपुलर था रसना, बच्चे से लेकर बड़े तक कहते थे 'आई लव यू...'

Tuesday November 22, 2022 , 7 min Read

आपने भले ही किसी इंसान से आई लव यू कहा हो या न कहा हो, एक चीज से जरूर कहा होगा और वह चीज है 'रसना' (Rasna). 80 और 90 के दशक में दूरदर्शन पर आने वाले प्रोग्राम्स के ब्रेक्स में रसना का विज्ञापन जरूर आता था, फिर चाहे वह कोई पौराणिक सीरियल हो, या फिर बच्चों का कार्यक्रम हो या फिर चित्रहार. रसना की जिंगल जो दिलों में घर कर गई, वह थी 'आई लव यू रसना'. रसना ने लोअर मिडिल क्लास को एक सस्ता कार्बोनेटेड ड्रिंक उपलब्ध कराया. यह उनकी जेब पर भारी नहीं था. घर में जब बच्चों के दोस्त आते थे तो उनके लिए पेय पदार्थों में रसना एक अच्छा और ईजी टू मेड विकल हुआ करता था. रसना का क्रेज कुछ ऐसा छाया कि कई घरों में स्पेशली रसना पीने व पिलाने के लिए कांच के ग्लास खरीदे गए.

आप सोच रहे होंगे कि अचानक से रसना को क्यों याद किया जा रहा है. वजह है और काफी दुखद है. रसना समूह (पियोमा इंडस्ट्रीज) के संस्थापक और चेयरमैन अरीज पिरोजशॉ खंबाटा इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं. समूह की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि 85 वर्षीय खंबाटा का शनिवार को निधन हो गया. वह अरीज खंबाटा बेनेवॉलेंट ट्रस्ट और रसना फाउंडेशन के चेयरमैन भी थे. अरीज, डब्ल्यूएपीआईजेड (पारसी ईरानी जरथोस्ती का विश्व गठबंधन) के पूर्व चेयरमैन और अहमदाबाद पारसी पंचायत के पूर्व अध्यक्ष भी थे. उन्होंने भारतीय उद्योग, व्यापार और समाज की सेवा के जरिए सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. लेकिन अरीज खंबाटा को जिस चीज के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है, वह है रसना. रसना एक सॉफ्ट ड्रिंक कॉन्सन्ट्रेट ब्रांड है. आइए डालते हैं एक नजर रसना की जर्नी पर...

1940 के दशक में शुरुआत

रसना को 1940 के दशक में शुरू किया गया था और शुरू में केवल कॉन्सन्ट्रेट बेचा जाता था. यह एक बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) कंपनी थी. बाद में यह बिजनेस-टू-कंज्यूमर (बी2सी) बाजार में भी उतर गई. शुरुआत में रसना का नाम Jaffe था और यह केवल गुजरात में वितरित किया जाता था. Jaffe नाम जाफना आमों से प्रेरित था. कई सालों तक ब्रांड का परफॉर्मेंस अच्छा न होने के बाद कंपनी को यह अनुभव हुआ कि भारत की गर्मियों के लिए एक भारतीय नाम चाहिए. इसके बाद रसना नाम रखा गया. 1970 के दशक के अंत में, Jaffe को रसना के रूप में फिर से लॉन्च किया गया.

रसना ड्रिंक अस्सी के दशक में लोकप्रिय होना शुरू हुआ. उस वक्त बाजार में थम्स अप, गोल्ड स्पॉट और लिम्का जैसे कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स का बोलबाला था. लेकिन रसना ने अपनी जगह बनाई और भारतीय घरों में लोकप्रिय होता चला गया. 2009 तक भारत में सॉफ्ट ड्रिंक कॉन्सन्ट्रेट बाजार में रसना की बाजार हिस्सेदारी 93% थी. वहीं साल 2011 तक, कंपनी का कारोबार 3.5 अरब डॉलर था. आज रसना की भारत के कॉन्सन्ट्रेट बिजनेस में 93 प्रतिशत मार्केट हिस्सेदारी है. रसना को समय गुजरने के साथ, आम और संतरा के अलावा कई अन्य फ्लेवर्स में लॉन्च किया गया. जैसे जलजीरा, इलायची, केसर, अमरूद, लीची, तरबूज और अनानास.

एडवर्टाइजिंग ने मोहा मन

रसना बच्चों के बीच में बहुत लोकप्रिय हुआ था. आज भी यह अपनी जगह बनाए हुए है. रसना प्रॉडक्ट्स की पैठ बनाने में बच्चों को टार्गेट करने वाली एडवर्टाइजिंग का भी योगदान है. कंपनी ने 1980 के दशक से अपने उत्पादों के विज्ञापन के लिए राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल दूरदर्शन का इस्तेमाल किया. रसना ​की टैगलाइन "आई लव यू रसना" बच्चों को टार्गेट करती है. ओरिजिनल एड कैंपेन में रसना गर्ल की भूमिका अंकिता झावेरी ने निभाई थी, जो वर्तमान में दक्षिण भारत की एक अभिनेत्री हैं. इसके अलावा रसना के विज्ञापनों में कंपनी के मालिक खंबाटा परिवार के अवन खंबाटा भी दिख चुके हैं.

शुरू में दो वर्ष तक रसना का वितरण वोल्टास द्वारा किया गया. इसके बाद खंबाटा ने रैलिस और कॉर्न प्रॉडक्ट्स को अप्रोच किया. इन्हें अब बेस्टफूड्स के रूप में जाना जाता है और इनका स्वामित्व यूनिलीवर के पास है. हालांकि यह डेवलपमेंट अमल में नहीं आया तो पियोमा इंडस्ट्रीज ने अपना खुद का डिस्ट्रीब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया.

कंपनी की ब्रांड एडवर्टाइजिंग को 1984 से 2005 तक मुद्रा कम्युनिकेशंस, 2005 से 2009 तक डेंटसु ने मैनेज किया. 2009 के बाद से इसे रेडीफ्यूज़न मैनेज कर रहा है. अतीत में, करिश्मा कपूर, ऋतिक रोशन, अनुपम खेर, परेश रावल, कपिल देव, वीरेंद्र सहवाग और जेनेलिया डिसूजा, अक्षय कुमार, साइना नेहवाल, करीना कपूर आदि रसना के ब्रांड एंबेसडर रहे हैं. वर्तमान में रसना का ब्रांड एंबेसडर कार्टून कैरेक्टर छोटा भीम है.

5 रु के पैकेट में 32 ग्लास

अरीज खंबाटा ने 1962 में व्यवसाय को जॉइन किया. वह अपने परिवार से कारोबार जॉइन करने वाली दूसरी पीढ़ी थे. जब अरीज खंबाटा व्यवसाय में शामिल हुए, तो उन्होंने पियोमा इंडस्ट्रीज को बी2बी और बी2सी इकाई दोनों के रूप में चलाना जारी रखा. अरीज खंबाटा ने 1970 के दशक में उच्च कीमत पर बेचे जाने वाले सॉफ्ट ड्रिंक उत्पादों के विकल्प के रूप में रसना के किफायती शीतल पेय पैक बनाए. 5 रुपये के रसना के एक पैकेट को 32 गिलास सॉफ्ट ड्रिंक में बदला जा सकता है. वर्तमान में रसना 1 रुपये की कीमत में भी लाखों भारतीयों की प्यास बुझा रहा है.

अब पिरूज के हाथ में कमान

अरीज खंबाटा के बेटे पिरूज केवल 18 वर्ष की उम्र में साल 1992 में कारोबार में शामिल हो गए थे. उन्होंने फैसला किया कि प्रॉडक्ट को ग्रामीण इलाकों में और ज्यादा एक्सेसिबल बनाया जाएगा. साथ ही उन्होंने रसना को 2 रुपये की कीमत में भी उतारा, जिसमें 6 ग्लास रसना बनाया जा सकता है. इसके अलावा कई अन्य फ्लेवर भी लाए गए. पिरूज खंबाटा 1998 में रसना प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर बने.

कब पैदा हुईं मुश्किलें

रसना के लिए मुश्किलें तब पैदा होने लगीं, जब कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और फ्रूट जूस की मार्केट में बाढ़ आ गई और कीमत भी कम थी. टेक होम बोतल और टेट्रा पैक्स ने लोगों के बीच इन्हें और अच्छा विकल्प बना दिया. पेप्सी और कोक जैसी ड्रिंक्स की एग्रेसिव मार्केटिंग व एडवर्टाइजिंग ने इन्हें और ग्रो कराया. रसना इन सब से मुकाबला नहीं कर पाई और पीछे रह गई.

रसना ब्रांड 'रसना बज़' के तहत पूरे भारत में 40 से अधिक मॉक टेल बार संचालित करता है. इन बार्स में विभिन्न प्रकार के उत्पादों की पेशकश की जाती है- जैसे सोडा-बेस्ड ड्रिंक्स, मिल्कशेक, संडेज और विशेष रूप से बनाए गए मॉकटेल, मिर्ची मैंगो, मसाला ऑरेंज, मिंटी जीरा लेमोनेड, काला खट्टा बज़ आदि. रसना बज़ इन ड्रिंक्स को बर्गर, पास्ता, मोमोज और फ्रेंच फ्राइज़ के अलावा इडली, बटाटा वड़ा जैसे भारतीय व्यंजनों के साथ भी ऑफर करता है. इस तरह का पहला बार 2019 में पुणे में खोला गया था.

अधिकांश मुनाफा सॉफ्ट ड्रिंक कॉन्सन्ट्रेट से

भारत में रसना का अधिकांश मुनाफा सॉफ्ट ड्रिंक कॉन्सन्ट्रेट बाजार से आता है. हालांकि कंपनी फ्रूट जैम, फ्रूट कॉर्डियल्स, अचार, चटनी, रेडी टू ईट करी, इंस्टैंट टी मिक्स और स्नैक्स भी बनाती है. साल 2000 में रसना ने एक एयरेटेड फ्रूट ड्रिंक ओरानजोल्ट लॉन्च की थी. लेकिन यह उद्यम विफल हो गया. इसके लिए इस तथ्य को जिम्मेदार ठहराया गया था कि ड्रिंक को हर समय रेफ्रिजरेट करने की आवश्यकता होती है और भारत में कई खुदरा विक्रेता रात में अपने रेफ्रिजरेटर बंद कर देते हैं. इसके बाद कंपनी ने 2002 में बाजार में जूस प्रॉडक्ट्स लॉन्च किए और 2010 में घोषणा की कि वह स्वास्थ्य पेय खंड में प्रवेश कर रही है.

देश में 18 लाख खुदरा दुकानों के माध्यम से बिक्री

वर्तमान में रसना प्राइवेट लिमिटेड इसे देश में 18 लाख खुदरा दुकानों के माध्यम से बेचती है. आज रसना दुनिया की सबसे बड़ी इंस्टैंट ड्रिंक कॉन्सन्ट्रेट मैन्युफैक्चरर में से एक है. रसना बहुराष्ट्रीय निगमों (MNCs) के वर्चस्व वाले पेय खंड में यह ब्रांड हमेशा एक मार्केट लीडर रहा है. रसना ब्रांड आज न केवल दस लाख घरों में उपलब्ध है, बल्कि 53+ देशों को निर्यात भी किया जाता है.