स्टूडेंट्स को 24x7 मिलेगा टीचर्स का ऑनलाइन गाइडेंस, इस राज्य सरकार की खास पहल
राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने एडटेक प्लेटफॉर्म फिलो एडटेक प्राइवेट लिमिटेड (Filo Edtech Pvt Ltd) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया है. इस समझौते के अनुसार, फिलो एडटेक राजकीय विद्यालयों में ऑनलाइन एजुकेशन मुहैया कराएगा.
देश तेजी से ऑनलाइन एजुकेशन की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में सरकारें भी ऑनलाइन एजुकेशन मुहैया कराने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं. इसी को देखते हुए राजस्थान सरकार ने राजकीय विद्यालयों में ऑनलाइन एजुकेशन मुहैया कराने की तैयारी कर ली है.
राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने एडटेक प्लेटफॉर्म फिलो एडटेक प्राइवेट लिमिटेड (Filo Edtech Pvt Ltd) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया है. इस समझौते के अनुसार, फिलो एडटेक राजकीय विद्यालयों में ऑनलाइन एजुकेशन मुहैया कराएगा.
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के कार्यालय में शनिवार को एक बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में राजस्थान के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में एमओयू पर हस्ताक्षर हुए.
शिक्षा विभाग ने बताया कि, इस एमओयू के तहत राजस्थान के पांच जिलों के कक्षा 9 से 12 तक के 10 हजार स्टूडेंट्स को एक साल के लिए डिजिटल लर्निग प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाया जाएगा. स्टूडेंट्स के लिए यह सुविधा पूरी तरह से मुफ्त होगी. ये पांच जिले अलवर, अजमेर, जयपुर, कोटा और उदयपुर हैं.
फिलो लर्निंग ऐप (FILO LEARNING APP) के माध्यम से स्टूडेंट्स को टीचर्स से जोड़ा जाएगा. ऐप के जरिए स्टूडेंट्स एक साल तक कभी भी शिक्षकों से जुड़ सकते हैं. स्टूडेंट्स कभी भी टीचर्स को अपनी समस्याएं बता सकतें है और टीचर्स ने उन्हें उसका समाधान मुहैया कराएंगे.
एमओयू और डिजिटल ऐप के बारे में जानकारी देते हुए राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया की इस डिजिटल प्लेटफार्म के शुरू होने के बाद स्टूडेंट्स को क्लास के बाद भी किसी भी समस्या के हल के लिए रात में 3 बजे भी यदि किसी सवाल को हल करना है और तब उसको उसी समय मात्र 5 मिनट में एक्सपर्ट गाइडेंस उपलब्ध हो जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस पूरे इनिसिएटिव पर 10 हजार स्टूडेंट्स को कवर करने में लगभग राशि 2.00 करोड़ रूपए का व्यय होगा. यह खर्च प्रवासी राजस्थानी नंदी मेहता एवं उनके साथियों द्वारा वहन किया जाएगा.
हालांकि, यह ऐप केवल स्टूडेंट्स और टीचर्स को जोड़ने का ही काम नहीं करेगा बल्कि स्टूडेंट्स को राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी करने में भी मदद करेगा.