हॉवर्ड, ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई के लिए नहीं जाना होगा विदेश, देश में ही खुलेंगे उनके कैंपस
केंद्र सरकार इस साल की पहली तिमाही में हायर एजुकेशन से जुड़े तीन रेगुलेशन लाने जा रही है. इन रेगुलेशन के सामने आने के बाद न केवल विदेशी यूनिवर्सिटीज भारत में अपने कैंपस खोल पाएंगी बल्कि भारतीय यूनिवर्सिटीज भी विदेश में अपनी सेवाएं मुहैया पाएंगी.
बहुत ही जल्द, हॉवर्ड और ऑक्सफोर्ड जैसी प्रतिष्ठित ग्लोबल यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए आपको विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ये यूनिवर्सिटीज खुद अपने कैंपस भारत में खोल पाएंगी. इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है.
दरअसल, केंद्र सरकार इस साल की पहली तिमाही में हायर एजुकेशन से जुड़े तीन रेगुलेशन लाने जा रही है. इन रेगुलेशन के सामने आने के बाद न केवल विदेशी यूनिवर्सिटीज भारत में अपने कैंपस खोल पाएंगी बल्कि भारतीय यूनिवर्सिटीज भी विदेश में अपनी सेवाएं मुहैया पाएंगी.
यही नहीं, इन रेगुलेशन के तहत प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को बेहतर तरीके से कंट्रोल करने के लिए भी नियम तैयार किए जाएंगे.
पहला रेगुलेशन भारत में विदेशी यूनिवर्सिटीज के कैंपसों को लेकर होगा जिसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है.
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) के चेयरमैन जगदीश कुमार ने इसकी पुष्टि की है कि सरकार के उच्चतम स्तर पर विस्तार से चर्चा की गई. इस महीने यूजीसी द्वारा सार्वजनिक डोमेन में टिप्पणी के लिए नियमों का मसौदा तैयार किया जाएगा.
यह उम्मीद की जाती है कि मार्च तक सार्वजनिक फीडबैक को देखा जाएगा, जिसके बाद विदेशी यूनिवर्सिटीज के भारत में अपने कैंपसों का मार्ग प्रशस्त करने वाले नियमों की अधिसूचना जारी की जाएगी. बता दें कि, इस प्रस्ताव पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए -1 के कार्यकाल से चर्चा जारी है.
उम्मीद है कि नई नियम पुस्तिका सभी मुश्किल बिंदुओं को संबोधित करेगी और प्रवेश प्रक्रिया के अलावा अकेडमिक मामलों, फैकल्टी की भर्ती, वेतन और पाठ्यक्रम संरचना में विदेशी विश्वविद्यालयों को खुली छूट देगी. मसौदे में इन कैंपसों के संचालन के लिए आवश्यक पैसे के ट्रांजैक्शन पर भी एक नियम बनाया जाएगा, जिसे दो सप्ताह के भीतर सार्वजनिक किए जाने की उम्मीद है. नियम तैयार होने के बाद उन्हें भारतीय दूतावासों के माध्यम से विदेशी यूनिवर्सिटीज के साथ शेयर किया जाएगा.
फिलहाल, भारतीय यूनिवर्सिटीज को विदेशों में अपने कैंपस खोलने की मंजूरी नहीं हैं. शिक्षा मंत्रालय ने शीर्ष आईआईटी संस्थानों के साथ इसकी शुरुआत की है. कुछ आईआईटी ने विदेशों में कैंपस की पहचान कर ली है.
Edited by Vishal Jaiswal