कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमंदों को घर उपलब्ध करा रहा है सूरत का यह बिल्डर
सूरत स्थित बिल्डर प्रकाश भालानी ने हमेशा समाज को वापस देने में विश्वास किया है। अब वे अपने अपार्टमेंट की इमारत में वंचित परिवारों को आवास प्रदान कर रहे हैं।
भारत में कई प्रवासी कामगार और दिहाड़ी मजदूर पिछले कुछ महीनों से आजीविका कमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के कारण अचानक आये आर्थिक संकट ने नौकरियों के अचानक नुकसान के साथ लोगों को और गरीबी में डुबो दिया है।
शहरी क्षेत्रों में रहने वाले कम आय वाले परिवारों को भी अभूतपूर्व समय का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से अधिकांश के लिए तो किराया देना मुश्किल हो रहा है।
ऐसे व्यक्तियों की मदद करने के उद्देश्य से सूरत के एक बिल्डर प्रकाश भलानी 1,500 रुपये के मामूली रखरखाव शुल्क के साथ अपने स्वयं के भवन में आवास की पेशकश कर रहे हैं। हमेशा समाज को वापस देने में विश्वास करने वाले प्रकाश ने कहा कि जब तक वे चाहें, तब तक वह गरीबों को आश्रय प्रदान करने से अधिक खुश होंगे।
भलानी ने एएनआई को बताया,
“अनलॉक 1 के चरण के दौरान लोग अभी भी काम में संघर्ष कर रहे थे। उनमें से कई के पास काम नहीं था। उनके व्यवसाय प्रभावित हुए। वे अभी भी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनमें से कई किराया देने में सक्षम नहीं थे।”
भलानी को पहली बार सूरत के एक निवासी ने अपना सामान रखने के लिए एक कमरे के लिए संपर्क किया था, जब वह पास के दूसरे गाँव में जा रहा था। भलानी सहजता से सहमत हो गए। इस बीच उन्होंने यह भी महसूस किया कि उनके जैसे कई अन्य लोग आश्रय चाहते हैं।
आशा नेमावत, वर्तमान में भलानी के रुद्राक्ष लेक पैलेस के रहने वालों में से एक हैं। उन्होने बताया,
“मेरे पति का व्यवसाय अच्छा नहीं चल रहा था इसलिए हम अपना किराया नहीं दे पा रहे थे। हमारे मकान मालिक ने हमें घर छोड़ने के लिए कहा। बाद में हम अपने गाँव के लिए निकल रहे थे और इस बीच हमें रुद्राक्ष लेक पैलेस के बारे में जानकारी मिली। हमने तब बिल्डर से संपर्क किया।”
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार भालानी ने अब तक 42 से अधिक परिवारों के ठहरने की जगह की व्यवस्था की है।
भलानी ने कहा, "यहां कुल 92 फ्लैट हैं और बचे हुए फ्लैट भी लोगों को दिए जाएंगे।"