Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

स्वामी विवेकानन्द ने 200 साल पहले प्लेग महामारी के दौरान क्या कहा था?

स्वामी विवेकानन्द ने 200 साल पहले प्लेग महामारी के दौरान क्या कहा था?

Wednesday April 22, 2020 , 2 min Read

200 साल पहले फैली प्लेग महामारी के दौरान स्वामी विवेकानन्द ने एक घोषणा पत्र लिखा था, जिसे एशियाटिक सोसाइटी ने फिर से प्रकाशित किया है।

स्वामी विवेकानन्द

स्वामी विवेकानन्द



कोलकाता, कोरोना वायरस के कारण जन जीवन के पटरी से उतरने के बीच, एशियाटिक सोसाइटी, कोलकाता ने अपने मासिक बुलेटिन के पिछले संस्करण में कोविड-19 महामारी की थीम रखी थी, जिसमें 200 साल पहले का स्वामी विवेकानंद का प्लेग घोषणा पत्र प्रकाशित किया गया था।


अप्रैल बुलेटिन पर कवर तस्वीर के साथ संदेश है कि "हम जीतेंगे"। साथ में पृष्ठभूमि में मास्क पहने लोगों की फोटो है।


बुलेटिन ने 1898 में स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखा गया प्लेग घोषणा पत्र पुनः प्रकाशित किया है। इसमें कहा गया है,

"हमें खुशी होती है जब आप खुश होते हैं और जब आपको दर्द होता है तो हमें तकलीफ होती है। इसलिए, अत्यधिक विपत्ति के इन दिनों में, हम आपके कल्याण के लिए प्रयास कर रहे हैं और लगातार प्रार्थना कर रहे हैं और आपको बीमारी और महामारी के भय से बचाने का एक आसान तरीका है।"

स्वामीजी ने एक अन्य घोषणा पत्र में कहा, " अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। ब्रिटिश सरकार किसी को भी जबर्दस्ती टीका नहीं लगाएंगी। जो चाहेंगे सिर्फ उन्हें टीका लगाया जाएगा।"


उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी प्रभावित व्यक्ति की मदद करने वाला कोई नहीं है तो उसे बेलुर मठ के श्री भगवान रामकृष्ण के सेवकों को तुरंत सूचना भेजनी चाहिए। शारीरिक रूप से संभव मदद में कोई कमी नहीं होगी।


एशियाटिक सोसाइटी के प्रवक्ता ने कहा, "हमने सोचा कि 19 वीं शताब्दी में अविभाजित बंगाल में प्लेग महामारी के दौरान स्वामीजी के विचारों से लोगों को रू-ब-रू कराया जाए। उनके कुछ विचार तो आज के वक्त में भी काफी प्रासंगिक लगते हैं। "


इस सोसाइटी की स्थापना 1784 में की गई थी। प्रवक्ता ने बताया कि उनके अगले बुलेटिन में कलाकार सत्येजीत रे की 100वीं जयंती पर उनको श्रद्धांजलि दी जाएगी। साथ में मौजूदा स्थिति को देखते हुए वायरस पर भी लेख होंगे।