पत्रकारिता छोड़ सामाजिक उद्यमी बनीं प्रेरणा आज पर्यटकों को उपलब्ध करा रही हैं इकोफ्रेंडली आवास
पत्रकारिता का जीवन छोड़कर प्रेरणा आज यात्रा के दौरान लोगों को इकोफ्रेंडली आवास उपलब्ध करा रही हैं।
जब कुछ साल पहले प्रेरणा प्रसाद एक पत्रकार के रूप में काम कर रही थीं, तब वह भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन में संक्रिय तौर पर भाग ले रही थीं।
वह याद करती हैं, "आंदोलन में भाग लेने के दौरान, मुझे एहसास हुआ कि भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा नहीं था क्योंकि भले ही हमारे पास सबसे अच्छी व्यवस्था हो और हमारे पास ताजा पानी और हवा नहीं है, तो फिर बाकी सब सिर्फ शून्य है।"
और बस इस तरह उन्होने एक सामाजिक उद्यमी के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। अप्रैल 2016 में उन्होने जियोस्पेशियल मीडिया एंड कम्युनिकेशंस में अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया और इसके बाद पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपनी चिंताओं और यात्रा के लिए प्यार के चलते 'इकोप्लेर' शुरू करने का मन बनाया। प्रेरणा इससे पहले इंडिया टुडे और सीएनएन-आईबीएन के साथ भी जुड़ी थीं।
इको फ्रेंडली का सही अर्थ
इकोप्लेर लोगों को इकोफ्रेंडली तरीके से प्रकृति को समझने और एक्सप्लोर करने के लिए आमंत्रित करता है। प्रेरणा कहती हैं कि देश में ईकोटूरिज्म का विचार एक गलत शब्द है। इको-फ्रेंडली गेटवे को समझने के लिए उन्होने शोध में काफी समय बिताया और स्टार्टअप के लिए एक रणनीति विकसित कि जो "इको-फ्रेंडली" दावे पर खरी उतरे।
यह प्रक्रिया इको-फ्रेंडली आवास की पहचान करने के साथ शुरू हुई। लगभग सात महीनों के शोध के बाद प्रेरणा ने दो मानदंड बनाए हैं जो उनके नेटवर्क की प्रत्येक संपत्ति में होनी चाहिए।
वह बताती हैं,
“पहले, प्रत्येक संपत्ति में परिसर के अंदर कम से कम 30 प्रतिशत हरियाली होनी चाहिए, जहाँ हरियाली पेड़ों को संदर्भित करती है न कि लॉन को। दूसरा, इन संपत्तियों का प्रमुख निर्माण कंक्रीट नहीं होना चाहिए। वे मिट्टी, लकड़ी, बांस, पत्थर या किसी भी स्थानीय वास्तुकला से बने हो सकते हैं या वे विरासत इमारतें भी हो सकती हैं जो सौ साल से अधिक पुरानी हैं और सीमेंट से निर्मित नहीं हैं।”
इसी समय ऐसी संपत्तियों की पहचान करना काफी मुश्किल काम का साबित हुआ। 2017 में और 2018 के एक हिस्से में प्रेरणा और उनकी टीम ने होटल, रिसॉर्ट, होमस्टे और संपत्ति श्रृंखलाओं का व्यक्तिगत रूप से दौरा करने के साथ ही उन्हे सत्यापित भी किया। यह पूरी प्रक्रिया समय लेने वाली और महंगी थी।
2018 में, इकोप्लेर ने अपने दोस्तों और परिवार के लिए आंशिक रूप से काम करना शुरू कर दिया। प्रेरणा कहती हैं,
“हमारे पास बहुत सीमित संख्या में संपत्ति थी, लगभग 20 से 30 आवास और जब लोग किसी जगह पर जाना चाहते थे, तो हमारे पास वहाँ कोई संपत्ति नहीं थी।”
इस दौरान उन्होने और अधिक स्थानों को खोजने और उनके सत्यापन के लिए खुद ही आगे बढ़ने का फैसला किया।
इकोप्लेर 120 अलग-अलग इको-फ्रेंडली आवास के विकल्प प्रदान करता है और छह महीनों के भीतर 300 से अधिक ग्राहकों को सेवा दे चुका है।
गाजियाबाद में स्थित स्टार्टअप का परिचालन जनवरी 2019 में फिर से शुरू किया। प्रेरणा का कहना है कि उन्होंने ओर्गेनिक सोशल मीडिया मार्केटिंग और वर्ड-ऑफ-माउथ पब्लिसिटी के माध्यम से नए ग्राहकों को आकर्षित किया है।
प्रेरणा का कहना है कि इको-फ्रेंडली के रूप में गुणों की पहचान करते समय उन्हें सावधान रहना होगा। चूंकि अब इको-फ्रेंडली चलन है, हर कोई इस पर विचार करना चाहता है, लोग पैसे की चाहत के कारण इस डोमेन में आना चाहते हैं। प्रेरणा कहती हैं कि वह संपत्ति के मालिक और कार्यवाहक से बात करती हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके इरादे सही हैं।
फंडिंग
प्रेरणा शुरुआत में होटलों की यात्रा और सत्यापन के लिए अपनी बचत पर निर्भर थी, प्रेरणा को खुशी है कि उसके काम को कई अनुदानों से मदद मिली है।
2018 में प्रेरणा को IIT-Delhi, नीति आयोग और भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक संयुक्त पहल ‘महिला उद्यमिता और सशक्तीकरण (WEE)’ की साथी के रूप में 50,000 रुपये का अनुदान मिला।
उसी वर्ष आईआईएम कलकत्ता इनोवेशन पार्क द्वारा स्मार्ट फिफ्टी के लिए इकोप्लेयर को शीर्ष स्टार्टअप के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
प्रेरणा ने सिलिकॉन वैली आधारित निवेशक एलिसिया कैस्टिलो होली द्वारा वीमेन गेट फंडेड कार्यक्रम में स्कॉलर्शिप भी जीती है। यह एक ऑनलाइन कोर्स है जो महिला उद्यमियों को सिखाता है कि वे अपने स्टार्टअप के लिए वित्त की योजना कैसे बनाएं।
चुनौतियाँ
प्रेरणा कहती हैं कि पर्यटन एक पुरुष-प्रधान उद्योग है और वो इसे और अधिक महिलाओं के अनुकूल बनाना चाहती हैं। शुरू में उन्हे कई स्थानों पर गंभीरता से नहीं लिया गया था। वह मानती हैं कि एक जगह को महिलाओं के अनुकूल बनाया जा सकता है, जब इसे चलाने वाली महिलाएं अधिक हों।
एक सामाजिक उद्यमी के रूप में उन्हे लगता है कि उनके ग्राहक दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों से हैं, जो एक पर्यावरण के अनुकूल रहने की धारणाओं के साथ उनके पास आते हैं।
वो कहती हैं,
“मेरे दोस्तों में से एक डॉक्टर ने कहा कि पश्चिमी कमोड नहीं होना चाहिए इससे मिट्टी के घर में पानी का रिसाव होगा। दरअसल कंक्रीट की इमारतों में रहने वाले लोगों को पता नहीं है कि ये पर्यावरण के अनुकूल या गैर-कंक्रीट संरचनाएं कैसी बनाई गई हैं।”
वह कहती हैं कि पर्यावरण के अनुकूल रहने का मतलब अक्सर स्वच्छता कम होना समझा जाता है, जिसमें कोई मज़ा नहीं है और यह असहज भी करता है। लोगों को जागरूक करना और पर्यावरण के अनुकूल संरचनाओं को समझाना एक चुनौती है।
प्रेरणा का कहना है कि इकोप्लेर सभी पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं को आश्वस्त करता है क्योंकि वे व्यक्तिगत रूप से सभी गुणों का सत्यापन करती हैं।
वह आगे कहती हैं,
"मुझे उम्मीद है कि धीरे-धीरे जागरूकता के साथ लोग पर्यावरण के अनुकूल होने के सही अर्थ को समझेंगे।"
वीडियो एडिटिंग और लेखन से जुड़े एक जीवन से मोड़ लेने वाली प्रेरणा कहती हैं कि एक उद्यमी के जीवन में हर दिन अलग होता है। आज वह लोगों के साथ नेटवर्किंग कर रही है और शोध करते समय खुशी से अपने पत्रकारिता कौशल का उपयोग कर रही है। इसी के साथ वे सर्वोत्तम पर्यावरण-अनुकूल समाधानों का अभ्यास कर रही है।