Swiggy को लगी बड़ी चोट, सैकड़ों रेस्टोरेंट्स ने खुद को ऐप से अलग किया
क्या कोविड-19 का जाना स्विगी और ज़ोमैटो के लिए बुरे दिन लेकर आ जाएगा?
सैकड़ों ए-लिस्ट रेस्टोरेंट्स ने बीते दिनों खुद को स्विगी डाइनआउट (
Dineout) से बाहर कर लिया. इनमें कैफ़े डेल्ही हाइट्स (Cafe Delhi Heights), स्मोक हाउस डेली (Smoke House Deli) और मामागोटो (Mamagoto) शामिल हैं. ये कदम उन्होंने एक ऑनलाइन कैंपेन के बाद उठाया. एक ऐसा कैंपेन जो अगर सफलता से चलता रहा तो स्विगी जैसे फ़ूडटेक (foodtech) प्लेटफॉर्म्स के लिए भारी दिक्कत खड़ी हो सकती है.रेस्टोरेंट्स के संघ नेशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (NRAI) ने अपने सदस्यों से अपील की है कि वे स्विगी डाइनआउट से खुद को लॉगआउट कर लें. जिसकी वजह ये बताई गई कि इस प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए कस्टमर्स को मिलने वाले डिस्काउंट रेस्टोरेंट बिजनेस को चोट पहुंचा रहे हैं.
NRAI में मौजूद एक सूत्र बताते हैं, "13 शहरों में अलग-अलग स्केल पर काम कर रहे कम से कम 400 ब्रांड और 900 डाइनिंग आउटलेट ने स्विगी से खुद को डीलिस्ट करने का नोटिस भेज दिया है. उम्मीद है कि आने वाले हफ़्तों में इस लिस्ट में 2000 नाम और जुड़ने वाले हैं."
हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में काम कर रहे कुछ अन्य संस्थान जैसे इंडिगो हॉस्पिटैलिटी, इम्प्रेसारियो एंटरटेनमेंट एंड हॉस्पिटैलिटी और सिमरिंग फूड्स एंड रेस्टोरेंट्स ने इस खबर की तस्दीक की है.
खबर छपने के बाद स्विगी के एक प्रवक्ता ने बताया कि 20 ब्रांड्स के 400 आउटलेट्स ने खुद को स्विगी से लॉगआउट कर लिया है.
योरस्टोरी की तरफ से किए गए सवालात के जवाब में स्विगी के प्रवक्ता ने कहा, "स्विगी डाइनआउट पर मौजूद रेस्टोरेंट पार्टनर्स को पूरी छूट होती है कि वे अपने डिस्काउंट खुद तय करें. डीलिस्ट करने वाले रेस्टोरेंट्स की संख्या बेहद कम है. हालांकि हम NRAI के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे हैं कि इस स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है."
मई 2022 में बेंगलुरु से चलने वाली कंपनी स्विगी ने डाइनिंग और रेस्टोरेंट प्लेटफ़ॉर्म डाइनआउट को अक्वायर किया था. डाइनआउट की शुरुआत साल 2012 में लगभग 50,000 रेस्टोरेंट्स के साथ हुई थी. 989 करोड़ रुपये (120 मिलियन डॉलर) में हुई इस डील के बाद स्विगी भी रेस्टोरेंट लिस्टिंग बिजनेस में उतर आया था. यानी उस फील्ड में जिसमें ज़ोमैटो कई साल पहले से मौजूद था.
NRAI के सूत्रों के मुताबिक़, इस डील के बाद डाइनआउट पर मौजूद रेस्टोरेंट्स को स्वैच्छिक तौर पर स्विगी के 'स्विगी डाइनर्स' (डाइनआउट का रीब्रांडिंग के बाद बदला हुआ नाम) प्लेटफ़ॉर्म पर माइग्रेट करना था.
"डाइनआउट आज लगभग 20 शहरों में कुल 15,000 रेस्टोरेंट्स के साथ काम कर रहा है. हम अपने पार्टर रेस्टोरेंट्स के साथ समय-समय पर संवाद करते रहते हैं जिससे हम उनकी ज़रूरतें समझ सकें और इन पार्टनरशिप को बेहतर तरीके से चला सकें", स्विगी के प्रवक्ता कहते हैं.
स्विगी से डीलिस्ट करने की प्रक्रिया में अमूमन दो हफ्ते से एक महीने का समय लगता है. डीलिस्ट होने के बाद रेस्टोरेंट स्विगी के सर्च में तो दिखाई पड़ेगा. मगर कस्टमर उससे रेस्टोरेंट में जाकर डिस्काउंट या कैशबैक की सुविधा नहीं ले सकते हैं.
कोविड-19 के दौर के बाद आम लोग घरों से बाहर निकलने लगे हैं और होम डिलीवरी के बजाय रेस्टोरेंट में जाकर खाना पसंद करते हैं. ऐसे में ऐप पर डाइनिंग विकल्पों की मौजूदगी स्विगी और ज़ोमैटो की ग्रोथ के लिए एक ज़रूरी पक्ष बनकर उभरी है. कोरोना काल में आई गिरावट के बाद कंपनियों को उम्मीद है कि डाइनिंग का मार्केट जोर पकड़ेगा और पहले से बेहतर परफॉर्म करेगा.
बीते साल की क्वार्टरली रिपोर्ट में ज़ोमैटो ने कहा था, "साल 2022 के तीसरे क्वार्टर में रेस्टोरेंट में जाकर खाने वालों की संख्या बढ़ती दिखती है जो हमारे लिए इस फील्ड में ग्रोथ का संकेत है. अब हमारा फोकस इस बात पर रहेगा कि हम कैसे इस ट्रेन्ड के ज़रिये ज्यादा से ज्यादा कस्टमर्स को इंगेज करें, भले ही इसके लिए हमें अपने मॉनेटाइज़ेशन के लक्ष्य को कुछ वक़्त के लिए नज़रअंदाज़ करना पड़े.
वहीं NRAI का लक्ष्य फ़िलहाल ये है कि रेस्टोरेंट्स को इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स द्वारा डिलीवरी और डाइनिंग पर दिए जा रहे भारी डिस्काउंट के फेर से बचाया जाए.
बता दें कि कई मशहूर रेस्टोरेंट्स जैसे इंडिगो हॉस्पिटैलिटी (इंडिगो डेली और दक्षिण रसोई के मालिक), इम्प्रेसारियो एंटरटेनमेंट एंड हॉस्पिटैलिटी (सोशल और स्मोकहाउस डेली के मालिक) के साथ साथ अज़्योर हॉस्पिटैलिटी (मामागोटो और स्लाय ग्रैनी के मालिक) NRAI के बोर्ड मेंबर हैं.
इन रेस्टोरेंट्स के कई प्रतिद्वंदी पहले की ज़ोमैटो से खुद को अलग कर चुके हैं. ऐसे में इस बात की कल्पना करना मुश्किल नहीं है कि यही कहानी स्विगी पर भी दोहराई जा सकती है.
NRAI ने साल 2019 में ज़ोमैटो के 'गोल्ड मेंबरशिप' प्लान का विरोध किया था. उनका तर्क था कि भारी डिस्काउंट, हाई कमीशन चार्ज, डेटा मास्किंग और ऐप्स की अन्य पॉलिसीजरेस्टोरेंट इंडस्ट्री का नुकसान कर रही थीं.
इंडिगो हॉस्पिटैलिटी के फाउंडर और NRAI के अध्यक्ष अनुराग कत्रियार के मुताबिक़ फ़ूड एंड बेवरेज इंडस्ट्री की वैल्यू में जहां भारी गिरावट आ रही है, ज़ोमैटो और स्विगी जैसे एग्रीगेटर प्लेटफ़ॉर्म तरक्की करते जा रहे हैं.
एग्रीगेटर प्लेटफ़ॉर्म अक्सर ये सुविधा देते हैं कि अगर रेस्टोरेंट का बिल उनके ऐप के ज़रिए चुकाया गया तो कस्टमर को 40% तक का डिस्काउंट मिल सकता है. नतीजतन रेस्टोरेंट का प्रॉफिट मार्जिन घट जाता है.
हालांकि ज़ोमैटो ने अपना 'गोल्ड' प्रोग्राम जल्द ही ख़त्म कर 'ज़ोमैटो पे' शुरू कर दिया था.
जुलाई 2021 में NRAI ने कम्पटीशन कमीशन ऑफ़ इंडिया में फ़ूड एग्रीगेटर ऐप्स के खिलाफ शिकायत दर्ज की. जिसमें इन एग्रीगेटर्स द्वारा ऑफर की जा रही कम कीमतों को सवाल उठाया गया था. इस शिकायत पर जांच जारी है.
"हम फ़िलहाल इस कोशिश में हैं कि अपने जैसे तमाम रेस्टोरेंट ओनर्स को ज़ोमैटो पे और स्विगी डाइनआउट जैसे प्रोग्राम्स के बारे में चेता सकें और इनसे जुड़ने के लॉन्ग टर्म नुकसान के बारे में उन्हें जानकारी दे सकें. हमारी कोशिश है कि डाइनिंग सेगमेंट से हम इनका आधिपत्य खत्म कर सकें", कत्रियार कहते हैं. वह आगे कहते हैं, "अधिकतर रेस्टोरेंट्स इस खतरे को समझते हैं और इस मॉडल से बाहर आना चाहते हैं. इस बात में कोई शक नहीं है कि डाइनआउट और ज़ोमैटो पे जैसे प्रोग्राम रेस्टोरेंट्स के लिए कोई फायदा लेकर नहीं आते हैं."
इम्प्रेसारियो एंटरटेनमेंट के सीईओ और एमडी रियाज़ अलमानी भी इससे सहमत हैं. वह कहते हैं, "इन एग्रीगेटर्स के पास अच्छी फंडिंग होती है. और ये पूरी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के लिए एक ख़तरा हैं. अगर इन्हें अभी नहीं रोका गया तो डिस्काउंट का कल्चर इंडस्ट्री के लिए ऐसा बुरा बदलाव ले आएगा जहां से वापस लौट पाना संभव नहीं होगा."
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Edited by Prateeksha Pandey