मिलें स्विगी की पहली महिला डिलिवरी पार्टनर से

मिलें स्विगी की पहली महिला डिलिवरी पार्टनर से

Wednesday June 19, 2019,

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ashwini nandkishore

स्विगी में काम कर रहीं अश्विनी नंदकिशोर




बेंगलुरु के संकरे रास्तों और ट्रैफिक से भरी सड़कों पर सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक सरपट गाड़ी चलातीं अश्विनी नंदकिशोर सिर्फ खाना ही नहीं डिलिवर करतीं बल्कि पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में महिलाओं के लिए जगह भी बना रही हैं। करने को तो अश्विनी कुछ भी कर सकती थीं, लेकिन उन्होंने खाना डिलिवर करने को ही अपना पेशा चुना और आज वे इस काम में खुद को खुश महसूस पा रही हैं।


अश्विनी को पता है कि वे समाज के बनाए परंपरागत और रूढ़िवादी खांचों को तोड़ रही हैं। गुजरात के वड़ोदरा में जन्मीं और पली बढ़ीं 34 वर्षीय अश्विनी इसी साल अपनी मां और 12 साल की बेटी के साथ बेंगलुरु आई थीं। वे कहती हैं, 'मैं चाहती थी कि मेरी बेटी को अच्छी शिक्षा मिले। उसकी पढ़ाई-लिखाई अच्छी हो। इसीलिए मैं इस शहर में आई।' अश्विनी सिर्फ 10वीं तक पढ़ी हैं। इसके बाद उनकी शादी कर दी गई। शादी के बाद वे एक कंपनी में सुपरवाइजर की नौकरी करने लगीं। लेकिन यहां उनका मन नहीं लगा औऱ उन्होंने ये नौकरी छोड़ दी।





ये वो वक्त था जब फूड डिलिवरी का बिजनेस काफी लोकप्रिय हो रहा था। "मुझे ड्राइविंग पसंद रही है इसलिए मैंने सोचा कि इस काम में मजा आएगा। मैंने कई जगह अप्लाई किया, लेकिन हर जगह यही कहा गया कि इस काम में सिर्फ पुरुष ही रहते हैं।" लेकिन किस्मत से अश्विनी को स्विगी में डिलिवरी एग्जिक्यूटिव की नौकरी मिल गई। गुजरात में स्विगी के साथ डिलिवरी पार्टनर के तौर पर काम करने वाली वो पहली महिला थीं।


वड़ोदरा में अपने अनुभव के बारे में बताते हुए वे कहती हैं, 'मेरा मानना है कि जब महिलाएं कुछ अलग करती हैं तो लोगों की नजरें उनकी तरफ रहती हैं। जब मैंने इस काम को शुरू किया था तो लोगों ने मुझे काफी सराहा और मेरा उत्साह बढ़ाया। ग्राहकों ने भी मेरी तारीफ की और मेरी सर्विस से खुश रहते थे। कई बार जब किसी महिला ने कुछ ऑर्डर किया तो उन्होंने दरवाजा खोलने के बाद कुछ देर तक बात भी की।'


अश्विनी फुल टाइम स्विगी के साथ ही काम कर रही हैं। वे बेंगलुरु में कस्तूरी नगर, कल्याण नगर, बनासवाड़ी इलाकों में सर्विस करती हैं। कई बार तो वे दिन भर में 18 डिलिवरी कर देती हैं। ट्रैफिक के बावजूद वे काफी अच्छे से काम कर रही हैं। वे कहती हैं कि आपका काम कठिन परिश्रम और लगन पर निर्भर करता है।


वे कहती हैं, 'मेरे पास अच्छे सहकर्मी और ग्राहक हैं, जो मेरे काम की सराहना करते हैं और उत्साहवर्धन करते हैं। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मुझे कन्नड़ समझ में नहीं आती, लेकिन इससे मुझे किसी तरह की दिक्कत नहीं होती। यहां के लोग बेहद मददगार हैं। मुझे काम करने में इसलिए भी अच्छा लगता है क्योंकि स्विगी मुझे पर्याप्त छुट्टी भी दे देता है। मेरे सीनियर हमेशा मेरी बात सुनते हैं और कोई समस्या आती है तो तुरंत समाधान भी करते हैं। मुझे मेडिकल इंश्योरेंस और तमाम सुविधाएं भी मिलती हैं।


अश्विनी को उनके पति और मां का पूरा सपोर्ट मिलता है। वे कहती हैं कि कोई भी नौकरी छोटी या बड़ी नहीं होती है और महिलाएं कोई भी काम कर सकती हैं।