सस्ती हवाई यात्रा के वादे को पूरा करने पर तेजी से काम कर रहा Tata Group, इस एयरलाइन को पूरी तरह से खरीदा
टाटा समूह की एयर इंडिया ने एयरएशिया इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए भी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. एयरएशिया इंडिया, टाटा संस और एयर एशिया इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम है. इसमें टाटा संस की 83.67 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर एशिया इन्वेस्टमेंट के पास 16.33 प्रतिशत हिस्सेदारी है
एयर इंडिया ने बुधवार को कहा कि मलेशिया की एयरलाइन एयरएशिया ने एयरएशिया इंडिया को एयर इंडिया एक्सप्रेस में मिलाने के लिए परिचालन समीक्षा प्रक्रिया चल रही है और यह विलय 2023 के अंत तक हो सकता है.
टाटा समूह की एयर इंडिया ने एयरएशिया इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए भी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. एयरएशिया इंडिया, टाटा संस और एयर एशिया इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम है. इसमें टाटा संस की 83.67 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर एशिया इन्वेस्टमेंट के पास 16.33 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
एयर इंडिया ने एक बयान में कहा कि यह विलय 2023 के अंत तक हो सकता है और इसका उद्देश्य एयर इंडिया समूह के लिए एक सस्ती एयरलाइन बनाना है. विलय के बाद जो इकाई बनेगी उसे एयर इंडिया एक्सप्रेस कहा जाएगा. एयरएशिया 2014 में शुरू हुई थी जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस ने परिचालन 2005 में शुरू किया था.
एयर इंडिया ने एक बयान में कहा कि दो किफायती एयरलाइन एयरएशिया इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को मिलाने की प्रक्रिया पुनर्गठन की योजना के तहत की जा रही है. उसने कहा कि इस प्रक्रिया में लगभग 12 महीने का वक्त लगेगा.
इससे पहले, मलेशिया की एयरलाइन एयरएशिया ने एक बयान में बताया था कि उसने एयरएशिया इंडिया में अपनी शेष हिस्सेदारी एयर इंडिया को बेचने के लिए करार किया है. टाटा समूह और मलेशियाई इकाई के स्वामित्व वाली एयरएशिया इंडिया ने जून, 2014 में परिचालन शुरू किया था.
एयरएशिया एविएशन ग्रुप लिमिटेड ने बयान में कहा कि उसने एयरएशिया इंडिया में शेष शेयरों को एयर इंडिया को बेचने के लिए एक शेयर खरीद समझौता किया है.
एयरइंडिया समूह के किफायती परिचालन को एकीकृत करने और इसका आकलन करने के लिए एक कार्यसमूह बनाया गया है जिसकी सह-अध्यक्षता एयरएशिया इंडिया के प्रबंधन निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील भास्करन और एयर इंडिया प्रक्सप्रेस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आलोक सिंह करेंगे.
यह कार्यसमूह एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी कैंपबेल विल्सन की अध्यक्षता वाली समिति को रिपोर्ट करेगा. विल्सन ने कहा, ‘‘एयर इंडिया समूह की किफायती एयरलाइन के गठन को शुरू करने को लेकर हम उत्साहित हैं.’’
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इस साल जून में एयर इंडिया द्वारा एयरएशिया इंडिया की संपूर्ण हिस्सेदारी के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है.
एयरएशिया एविएशन ग्रुप के (समूह) मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बो लिंगम ने कहा कि जब हमने 2014 के बाद से पहली बार भारत में परिचालन शुरू किया तो एयरएशिया ने यहां एक विशाल कारोबार बनाया, जो दुनिया के सबसे बड़े नागर विमानन बाजारों में से एक है.
विस्तारा के भी विलय की है योजना
बता दें कि, टाटा ग्रुप ने इस साल जनवरी में एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था. पिछले वर्ष अक्टूबर में टाटा समूह ने 18 हजार करोड़ रुपये में सरकार से एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था. समूह का सभी एयरलाइंस कारोबारों को 2024 तक एयर इंडिया के तहत लाने का लक्ष्य है.
एयरएशिया इंडिया के अलावा टाटा की विस्तारा एयरलाइन को भी समूह में मिलाने की योजना है. विस्तारा में टाटा संस की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत है.बाकी 49 फीसदी हिस्सेदारी सिंगापुर एयरलाइंस के पास है. विस्तारा ने अपनी सेवाएं जनवरी 2015 से शुरू की थीं.
13 अक्टूबर को, सिंगापुर एयरलाइंस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि वह विस्तारा और एयर इंडिया की सिक्योरिटीज के संबंध में टाटा समूह के साथ गोपनीय चर्चा कर रही है, जिसमें दो एयरलाइनों का संभावित विलय भी शामिल है.
विस्तारा के प्रवक्ता ने कहा था कि वह तब तक ऑर्गेनिक ग्रोथ पर फोकस करना जारी रखेगा जब तक कि उसके मूल संगठनों द्वारा इस संबंध में कोई जानकारी न साझा की जाए.
Edited by Vishal Jaiswal