टेकस्पार्क्स 2019: कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री ने की स्टार्टअप्स से अपील, साथ मिलकर सुलझाएं समस्याएं और दें विकास को रफ़्तार
भारत की सबसे बड़ी स्टार्टअप कॉन्फ़्रेंस और योरस्टोरी के फ़्लैगशिप इवेंट ‘टेक स्पार्क्स 2019’ की आज शुक्रवार से शुरुआत हुई। शुक्रवार सुबह शुरू हुई कॉन्फ़्रेंस का आग़ाज़ कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री और उच्च एवं स्वास्थ्य शिक्षा, आईटी ऐंड बीटी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. सी एन अश्वत नारायण के उद्बोधन के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में देश के विकास के लिए स्टार्टअप्स का विशेष योगदान रहा है और भारत सरकार को भी स्टार्टअप्स की ज़रूरत है।
उन्होंने अपने भाषण में कहा,
“स्टार्टअप्स इनोवेशन लेकर आते हैं और साथ ही, बिज़नेस के क्षेत्र में नए अवसर और नौकरियां पैदा करते हैं। स्टार्टअप्स की बदौलत हर सेक्टर सशक्त हो रहा है। आज जब देश की अर्थव्यवस्था और नौकरियों को लेकर चिंता का माहौल है, ऐसे में स्टार्टअप्स रोज़गार पैदा करके शानदार काम कर रहे हैं। रिपोर्ट्स का कहना है कि स्टार्टअप इंडिया मुहिम ने 2016 में शुरुआत से लेकर अभी तक सीधे तौर पर 2 लाख नौकरियां पैदा की हैं।”
कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री और उच्च एवं स्वास्थ्य शिक्षा, आईटी ऐंड बीटी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. सी एन अश्वत नारायण ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पूरी दुनिया की सरकारें यह मानती हैं कि नीति निर्माण और नियामक निर्धारण की प्रक्रिया ने इनोवेशन और तकनीकी विकास की रफ़्तार को ठीक ढंग से नहीं समझा लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि उनकी सरकार, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लेस गवर्नमेंट ऐंड मोर गवर्नेंस’ की अवधारणा पर चले और एक मज़बूत स्टार्टअप ईकोसिस्टम तैयार करे।
डॉ. सी एन अश्वत नारायण ने कहा कि भारत का लक्ष्य है कि 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर्स तक पहुंचे और इस लक्ष्य तक पहुंचने में स्टार्टअप्स की भूमिका अहम होगी। उन्होंने स्टार्टअप्स के फ़ाउंडर्स से अपील की कि वे नए आइडिया लेकर आएं, जो देश में विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त समस्याएं को दूर कर सकें और साथ ही, उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि राज्य सरकार स्टार्टअप ईकोसिस्टम को बेहतर और सुलभ बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
उन्होंने प्रेरणाप्रद स्वर में स्टार्टअप्स के फ़ाउंडर्स को संबोधित करते हुए कहा,
“आप निवेशकों के पीछे न भागें। आप अपने सपनों का पीछा करें और नए विचारों और अवधारणाओं को कार्यान्वित करें, जो देश की समस्याओं को सुलझा सकें। इसके बाद निवेशक अपने आप ही आपके पीछे भागेंगे।”
उन्होंने स्टार्टअप्स से सरकार के साथ मिलकर देश के स्टार्टअप ईकोसिस्टम को बेहतर बनाने की अपील की। इस संदर्भ में एक उदाहरण पेश करते हुए उन्होंने बताया कि बेंगलुरु में तकनीकी सुलभता में इज़ाफ़ा करने के बाद प्रॉपर्टी टैक्स के कलेक्शन में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
उन्होंने बताया,
“नए प्रयोगों को उपयुक्त वातावरण देने और इस तरह की शासन व्यवस्था के लिए बेंगलुरु हमेशा से ही चर्चा में रहा है और यहां पर इस तरह की व्यवस्था आईटी क्रांति के समय से है। आज आप देख सकते हैं कि एआई और ईकॉमर्स से लेकर हेल्थटेक, फ़ूडटेक और ब्लॉकचेन तक विभिन्न सेक्टरों में बड़ी संख्या में स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं और सफल हो रहे हैं। इस तरह से ईकोसिस्टम को तैयार करने में हमारी राज्य सरकार ने बेहद अहम भूमिका निभाई है।”
ईको-फ़्रेंडली ग्रोथ पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ज़रूरत है कि क्लीनटेक स्टार्टअप्स इस लक्ष्य को हासिल करने में सरकार की मदद करें। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि सोशल और डिफ़ेंस सेक्टरों में काम कर रहे स्टार्टअप्स भी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।
डॉ. सी एन अश्वत नारायण ने कहा,
“कुछ स्टार्टअप्स मैनहोल और ड्रेन्स की सफ़ाई कर रहे हैं तो कुछ ट्रैफ़िक समस्याओं को सुलझा रहे हैं। स्मार्ट सिटी के सपने को इन स्टार्टअप्स के सहयोग की बदौलत साकार नहीं किया जा सकता था।”
देश में स्टार्टअप्स और ऑन्त्रप्रन्योर्स के लिए सबसे बड़े और प्रभावी प्लैटफ़ॉर्म योर स्टोरी को, एक मेंटरशिप और गाइडेंस प्रोग्राम के तौर पर YS ऐकेडमी (YS Academy) लॉन्च करने के लिए उन्होंने विशेष रूप से बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक मज़बूत स्टार्टअप ईकोसिस्टम के पीछे एक एजुकेशन सिस्टम होता है, जो नई सोच और मेंटरशिप को बढ़ावा देता है।
उन्होंने अपेक्षा जताई कि 2024 के टेक स्पार्क्स इवेंट में बेंगलुरु शहर 50 यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की मेज़बानी करेगा। उन्होंने कहा कि एक समय था जब बेंगलुरु में लोग रिटायर होने के बाद आकर बसते थे और आज की तारीख़ में युवा नई शुरुआत करने के लिए इस शहर में आते हैं।