एक एक्टर स्टार्टअप संस्थापक की तरह है, हम प्रतिभा बेचते हैं, वे विचार बेचते हैं: राजकुमार राव
राजकुमार राव एक ऐसे एक्टर हैं जिन्होंने हमेशा अपने साथियों के लिए नए बेंचमार्क सेट किए हैं। फिर चाहे वो उनकी डेब्यू फिल्म, लव सेक्स और धोखा (2010) हो जो बॉलीवुड की पहली फिल्मों में से एक है, जिसे पूरी तरह से डिजिटल कैमरे पर शूट किया गया या फिर नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित अवॉर्ड विनिंग ALTBalaji वेब सीरीज 'बोस: डेड ऑर अलाइव' हो जिसके लिए वे आधे गंजे हुए थे, उन्होंने हमेशा एक से बढ़कर एक चैलेंजिंग रोल किए हैं।
TechSparks 2019 में, राज ने गुड़गांव से मुंबई तक, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से बॉलीवुड तक, और संघर्ष से स्टारडम तक की अपनी यात्रा पर खुलकर बात की।
योरस्टोरी की संस्थापक और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ बातचीत में, राज ने कहा,
"मेरा बस एक सपना था, और मैं उस सपने को हर रोज जी रहा हूं।"
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता राजकुमार राव ने साझा किया कि भले ही उनका परिवार दूर-दूर तक फिल्मी दूनिया से जुड़ा नहीं था, फिर भी वे फिल्मों के लिए "जुनूनी" थे। अपने गुड़गांव स्थित घर में फिल्में देखते-देखते उन्होंने एक ऐसा सपना देखा जिसका राज आज भी पीछा कर रहा है। उन्होंने बताया,
"जब मैंने मुंबई का रुख किया तो मुझे कई तरह के रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। यह बहुत कठिन शहर है, और ऐसे लोग भी थे, जिन्हें मुझ पर संदेह था। लेकिन, मुझे खुद पर कोई संदेह नहीं था।"
उन्होंने कहा,
"मुझे अपने क्राफ्ट से इतना प्यार था कि मुझे उम्मीद थी कि किसी न किसी दिन मैं एक ऑडिशन क्रैक कर लूंगा। मुझे विश्वास था कि कोई न कोई व्यक्ति यह कहेगा कि 'यह वह लड़का है जिसकी हमें ज़रूरत है!' यही हुआ जब मैं एलएसडी के लिए दिबाकर बनर्जी से मिला।"
तब से, राज ने 30 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। उनकी इन फिल्मों को क्रिटिक्स ने भी खूब सराहा और व्यावसायिक रूप से भी काफी सफल रहीं। उन्होंने अपनी 2013 की फिल्म शाहिद (मानवाधिकार वकील शाहिद आजमी के जीवन पर आधारित) के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त किया और न्यूटन (2017) के लिए एशिया-पैसिफिक स्क्रीन अवार्ड जीता।
खास तरह के रोल चुनने की उनकी कला और परदे पर उनकी बहुमुखी प्रतिभा के बारे में पूछे जाने पर राज ने कहा,
"परम्परागत होना उबाऊ है। मैं कभी भी पारंपरिक नहीं बनना चाहता था। मैं चाहता था कि दर्शक मेरे पात्रों पर विश्वास करें। मैं चाहता था कि वे मुझमें खुद को देखें। मैं चाहता था कि कहानियाँ मानवीय हों। यह मेरे लिए एक बहुत ही स्पष्ट प्रेरणा है।"
राजकुमार राव की अगली फिल्म 'मेड इन चाइना' है जिसमें वे पुरुषों के लिए 'मैजिक सूप' बेचने वाले एक उद्यमी बने हैं। राज को इसके लिए एक गुजराती सेल्समैन की चाल-ढाल को अपनाना पड़ा, जिसको लेकर वे कहते हैं यह उनके लिए "चुनौतीपूर्ण लेकिन मजेदार" था।
वे कहते हैं,
"मैं अब उद्यमियों के दर्द को समझता हूं। अपने उत्पादों और विचारों को लोगों को बेचना आसान नहीं है। यह अभिनय की तरह है। हम, अभिनेता, अपनी प्रतिभा भी दर्शकों को बेच रहे हैं।" अपने अविश्वसनीय आत्म-विश्वास के बावजूद, इंडस्ट्री में गॉडफादर के बिना अधिकांश अभिनेताओं की तरह, राजकुमार ने रिजेक्शन और निराशा को कभी गले नहीं लगाया। लेकिन, क्राफ्ट के प्रति उनके असीम प्रेम ने उन्हें पालने में मदद की। उन्होंने कहा, "मैं इसे (एक्टिंग) स्वार्थी कारणों से कर रहा हूं। अगर मैं ऐसा नहीं करूंगा, तो मैं जी नहीं पाऊंगा।"
राज ने बॉलीवुड में अपनी एक दशक की लंबी यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण अनभवों को साझा किया। उन्होंने कहा,
"मैंने महसूस किया कि किसी को अपने आस-पास चाटुकार नहीं रखना चाहिए। ईमानदार आलोचक रखें जो हमेशा आपको बताएगा कि आपके साथ क्या गलत हो रहा है।"
जब श्रद्धा शर्मा ने उनसे बॉलीवुड स्टारडम में फंसने के बारे में पूछा, तो राज ने कहा,
"मुझे हमेशा से विश्वास है कि लोग मुझे मेरे काम के लिए याद रखेंगे, न कि इसलिए कि मैं कितनी पार्टियों में शामिल हुआ या कितने पेज 3 इवेंट्स का हिस्सा रहा। मेरा काम ही है जो उन्हें मुझ पर विश्वास दिलाएगा।”
इस बात से कोई इंकार नहीं है कि राज के पास अन्य अभिनेताओं के बीच काम करने का अलग ही जोश है। लेकिन वह कहते हैं, यह समय का संकेत है।
"भारत में युवाओं के लिए यह एक अच्छा समय है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के उदय के साथ, आपके पास अपने विचारों और उत्पादों को दुनिया को बेचने के लिए हर साधन उपलब्ध है। और, निश्चित रूप से वहाँ दर्शक हैं।"
राजकुमार राव के जीवन में उद्यमियों के लिए एक खास संदेश छिपा है, जी हां, उद्यमियों आप जो कुछ भी करना चाहते हैं उसके लिए एक जुनून और प्यार को बनाए रखें!