TechSparks 2021 में बोले HSBC के रजत वर्मा, 'आप टेक्नोलॉजी के बिना वंचितों की सेवा नहीं कर सकते'
YourStory की फ्लैगशिप इवेंट TechSparks 2021 के 12वें एडिशन में बोलते हुए, HSBC के रजत वर्मा ने "टेक अनलॉकिंग बिजनेस एंड बैंकिंग" पर अपने विचार रखे।
बिजनेस की दुनिया के हर सेक्टर में टेक्नोलॉजी धीरे-धीरे पैठ बनाती जा रही है, और बैंकिंग सेक्टर भी इससे अछूता नहीं है। HSBC India के मैनेजिंग डायरेक्टर और कॉमर्शियल बैंकिंग के प्रमुख रजत वर्मा का मानना है कि भले ही इस सेक्टर की बहुत सारी ग्रोथ स्वभाविक रूप से हुई है, लेकिन वे इसे टेक्नोलॉजी के बिना नहीं कर सकते थे।
YourStory की फ्लैगशिप इवेंट TechSparks 2021 के 12वें एडिशन में बोलते हुए, HSBC के रजत वर्मा ने “Tech unlocking Businesses and Banking” पर अपने विचार रखे।
टेक्नोलॉजी की भूमिका के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, “टेक्नोलॉजी हमारे लिए कुछ चीजें करती है। यह हमारे लेन-देन की बाधाओं को कम करती है, परिचालन लागत को कम करती है और दक्षता बढ़ाती है।"
इसके अलावा, टेक्नोलॉजी सूचना और मूल्यांकन की गुणवत्ता में सुधार करती है और देश के पिछड़े बैंकिंग सेक्टर की सेवा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
अगले दो वर्षों में, रजत का मानना है कि बैंकिंग सेक्टर में ब्लॉकचेन या डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर फाइनेंसिंग और डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर ट्रांजेक्शन का उदय होगा, विशेष रूप से अधिक आकर्षण वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार क्षेत्रों में।
निर्बाध लेनदेन के लिए डिजिटल समाधान
COVID-19 महामारी ने बैंकिंग सेक्टर को सिखाया कि ग्राहकों को केवल कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए शारीरिक रूप से बैंक जाने की आवश्यकता नहीं है।
वे कहते हैं, "आज, हमारे क्लाइंट्स की एक बड़ी संख्या डिजिटल रूप से डॉक्यूमेंट्स पर साइन कर रही है। जाहिर है, नियमों और कानूनों को इसके लिए बनाए रखने की जरूरत है, और वे हैं भी। डिजिटल कानूनों में बदलाव से भी काफी मदद मिली है।"
रजत कहते हैं कि वास्तव में, नए जमाने के B2C ई-कॉमर्स क्षेत्र में भी काफी हलचल देखी जा रही है।
भुगतान के विभिन्न तरीकों को बनाए रखने के लिए, एचएसबीसी ने ओमनी कलेक्ट लॉन्च किया है, जो क्लाइंट्स को सिंगल एपीआई कनेक्टिविटी के माध्यम से अपने उपभोक्ताओं को कई भुगतान विकल्प प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
हाल ही में, बैंक ने UniTransact भी लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य सीमा पार लेनदेन को आसान बनाना है।
रजत बताते हैं, "भारत एक विनियमित अर्थव्यवस्था है। इसलिए, जब आपको कोई अंतरराष्ट्रीय लेनदेन करना होता है, तो अधिकृत डीलर या बैंक के साथ विभिन्न प्रक्रियाएं का अनुपालन करना होता है। UniTransact के माध्यम से, क्लाइंट्स ये सब काम अब ऑनलाइन कर सकते हैं।”
फिनटेक और बैंक स्पष्ट रूप से साझेदार हैं नाकि प्रतिस्पर्धी
भारत में फिनटेक स्टार्टअप्स के अभूतपूर्व उदय ने ऐसी चर्चाओं को जन्म किया है कि क्या वे अंततः बैंकों की जगह लेंगे। लेकिन रजत इस बात से असहमती जाते हुए कहते हैं कि उन्हें लगता है कि फिनटेक और बैंकों के बीच सहयोगी संबंध हैं।
जहां बैंकों के पास ग्राहक और विश्वास एक फैक्टर हैं, वहीं फिनटेक बैंकों की तुलना में तेजी से इनोवेटिव सल्यूशन के साथ आ रहे हैं, या वे ग्राहकों तक तेजी से पहुंचने के लिए बैंकों के साथ काम करते हैं। रजत कहते हैं, "यह साझेदारी का एक स्पष्ट मामला है। मैं इसे प्रतिस्पर्धा के रूप में नहीं देखता।”
उनका मानना है कि फिनटेक पारंपरिक बैंकिंग सेक्टर को एक इनोवेटिव फ्यूचर की ओर धकेल सकते हैं, लेकिन उनमें बैंक बनने की संभावना कम है। वे कहते हैं, "क्योंकि इससे आगे, तकनीक काम नहीं करेगी, ट्रस्ट यानी विश्वास काम करेगा।"
ऐप्स आज अधिक व्यापक हैं
बैंकिंग सेक्टर में ऐप्स की भूमिका के बारे में बात करते हुए, रजत ने कहा, “वे आपके बिलों का भुगतान करने से लेकर रिवॉर्ड पॉइंट तक दे रहे हैं। उनमें से कुछ ट्रैवल और एंटरटेनमेंट के पोर्टल भी बन गए हैं। यह काफी सुविधाजनक है।"
उन्होंने कहा कि ऐप्स ने ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने में भी बड़ी भूमिका निभाई है। आज क्लाइंट्स ग्राहक सेवा केंद्र पर कॉल किए बिना स्वयं जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के जरिए एक ऐप ग्राहकों को इंसानों से बेहतर जवाब दे सकता है। उन्होंने कहा कि सभी वित्तीय संस्थानों के पास ऐप्स होने चाहिए।
रजत ने बैंकिंग सेक्टर में टेक्नोलॉजी के तीन मुख्य लाभों के बारे में बताया, जिसमें
लागत में कमी: टेक्नोलॉजी वित्तीय सेवाओं में लेनदेन, अधिग्रहण और फ्रिक्शनल पेन की लागत को कम करने में मदद करती है।
सहायक निर्णयों के डेटा का इस्तेमाल: हालांकि यह अभी भी नया है, लेकिन कैश फ्लो के आधार पर छोटे टिकट लोन प्राप्त करना अपेक्षाकृत आसान है। जहां निर्णय लेने में तकनीक की स्पष्ट भूमिका है, रजत का मानना है कि इस सुविधा को अभी भी एक मानवीय तत्व की आवश्यकता है।
वित्तीय समावेशन: भारत की वंचित बैंकिंग आबादी और देश की कम से कम क्रेडिट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, "तकनीक का इस्तेमाल पैसों के वास्ते सभी के लिए एक समान खेल का मैदान बनाने के लिए है।"
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Edited by Ranjana Tripathi