नीतिगत दर में कटौती का असर धीरे-धीरे सुधर रहा, ऋण उठाव ने गति पकड़ी : दास
दास ने कहा कि ऋण उठाव की गतिविधियों में गति आयी है। ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले महीनों में ऋण उठाव की वृद्धि दर बढ़ेगी।’’
दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में ऋण उठाव गति पकड़ रहा है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले दिनों में नीतिगत दर में कटौती का नीचे तक लाभ और तेजी से पहुंचेगा।
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अर्थव्यवस्था की वृद्धि को लेकर चिंताएं हैं। साथ ही मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ा है जबकि औद्योगिक उत्पादन में नरमी देखी गयी है।
वह यहां रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। निदेशक मंडल की इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी थीं।
दास ने कहा कि नीतिगत दर में कटौती का लाभ नीचे तक नहीं पहुंच रहा है, वह इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं।
उन्होंने कहा कि नीतिगत दर में कटौती का नीचे तक असर लगातार सुधर रहा है। इसके आगे और बेहतर होने की उम्मीद है।
दास ने कहा कि ऋण उठाव की गतिविधियों में गति आयी है। ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले महीनों में ऋण उठाव की वृद्धि दर बढ़ेगी।’’
मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ने और वैश्विक बाजार की परिस्थितियों के कारण केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में 2020 की अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा नीति में नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने छह फरवरी को अपनी समीक्षा के बाद रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर बरकरार रखा था। हालांकि बैंक ने अपने रुख को उदार बनाए रखने की घोषणा की थी जिसका मतलब वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए वह भविष्य में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है।
रिजर्व बैंक ने फरवरी में लगातार दूसरी बार नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखा था। इससे पहले दिसंबर में भी उसने नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था जबकि दिसंबर से पहले की पांच मौद्रिक समीक्षाओं में केंद्रीय बैंक ने कुल 1.35 प्रतिशत की कटौती की थी।