रेलवे 3 साल बाद फिर से लागू कर रही 'बिजी सीजन सरचार्ज', जानें कितनी रहेगी दर और किस पर लागू
सरचार्ज 1 अक्टूबर से भारतीय रेलवे नेटवर्क पर उर्वरक, सीमेंट और खाद्यान्न ले जाने की लागत को प्रत्यक्ष तौर पर बढ़ा सकता है.
भारतीय रेलवे (Indian Railways) 3 साल के अंतराल के बाद बिजी सीजन सरचार्ज (Busy Season Surcharge) को फिर से शुरू कर रही है. रेलवे बोर्ड (Railway Board) के एक आदेश में कहा गया है कि 1 अक्टूबर से सभी माल यातायात पर 15 प्रतिशत का बिजी सीजन सरचार्ज लागू होगा. यह चुनिंदा वैगन्स में मूव होने वाले कोयला व कोक, कंटेनर और ऑटोमोबाइल को छोड़कर सभी वस्तुओं के परिवहन पर लगाया जाएगा.
सरचार्ज 1 अक्टूबर से भारतीय रेलवे नेटवर्क पर उर्वरक, सीमेंट और खाद्यान्न ले जाने की लागत को प्रत्यक्ष तौर पर बढ़ा सकता है. चार्ज, 1 अक्टूबर से 30 जून तक लागू है. इस शुल्क को, कुछ अपवादों के साथ 1 अक्टूबर 2019 से लौह अयस्क व पेट्रोलियम, तेल और लुब्रीकेंट्स को छोड़कर बाकी सभी सामानों के लिए वापस ले लिया गया था.
मार्च 2018 में बढ़ाई थी दर
अधिकारियों ने तब कहा था कि प्रारंभिक छूट 2019 में आर्थिक गतिविधियों की गति धीमी रहने के चलते दी गई है. माल ढुलाई दरों पर बिजी सीजन सरचार्ज को मार्च 2018 में 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया था. सरचार्ज में छूट के परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे की माल ढुलाई में वृद्धि हुई है. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में रेलवे ने अगस्त तक लगातार दो साल की रिकॉर्ड मासिक लोडिंग दर्ज की. भारतीय रेलवे का कुल माल ढुलाई राजस्व अगस्त में 12927 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 10867 करोड़ रुपये था.
रेलवे का राजस्व अगस्त अंत तक 38% बढ़ा
भारतीय रेलवे का कुल राजस्व अगस्त 2022 के अंत में 38 प्रतिशत बढ़कर 95,486.58 करोड़ रुपये हो गया. यह आंकड़ा एक साल पहले की समान अवधि में 26,271.29 करोड़ रुपये था. समीक्षाधीन अवधि में यात्री यातायात से राजस्व 25,276.54 करोड़ रुपये था, जो सालाना आधार पर 116 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. एक साल पहले यह आंकड़ा 13,574.44 करोड़ रुपये था. आरक्षित और अनारक्षित दोनों खंडों में पिछले साल की तुलना में यात्री यातायात में वृद्धि हुई है. रेलवे ने कहा कि लंबी दूरी की आरक्षित मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की वृद्धि दर उपनगरीय रेलगाड़ियों की तुलना में अधिक रही है.
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