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दिल्ली में 'ड्राई डे' की संख्या बढ़कर 21 दिन हुई, दिल्ली सरकार को हो सकता है करोड़ों का नुकसान

दिल्ली में 'ड्राई डे' की संख्या बढ़कर 21 दिन हुई, दिल्ली सरकार को हो सकता है करोड़ों का नुकसान

Wednesday October 05, 2022 , 3 min Read

भारत में लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें खोली गई थीं. लोग अपनी खपत के लिए और स्टॉक करने के लिए लम्बी लाइनों में खड़े रहे. कई जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी हो रहा था, तो कई जगहों पर इसकी धज्जियां भी उड़ रही थी. जिन्हें शराब की ज़रूरत है, वो सरकार के इस फैसले की तारीफ कर रहे थे, तो वहीं शराब न पीने वाला तबका सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा रहा था.


रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट कहती है कि राज्य अपनी कुल आमदमी का 10 से 15 फीसदी हिस्सा शराब पर लगे टैक्स की वजह से कमा पाते हैं. शराब बिक्री राज्य सरकारों के लिए आमदनी का अच्छा स्त्रोत होते हैं. दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा शराब नीति में कुछ बड़े बदलाव किए गए, जैसे  साल 2021-22 के लिए ‘ड्राई डे’ (dry day) की संख्या को घटाकर केवल तीन दिन कर दिया गया था जिसमें 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर शामिल थे. लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा लागू की गई नई शराब नीति को लेकर काफी विवाद हुआ, जिसमें सरकार पर शराब की सप्लाई और बिक्री को चंद कंपनियों तक सीमित रखने के आरोप भी लगाए गए. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को वापस ले लिया था और दिल्ली में एक सितंबर से पुरानी शराब नीति पर ही बिक्री हो रही है. दिल्ली में अब सिर्फ सरकारी दुकानों पर ही शराब की बिक्री हो रही है.


बता दें, पुरानी शराब नीति के तहत बीते एक महीने में सरकार को 768 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जिसमें दिल्ली सरकार की चार एजेंसियां-डीटीटीडीसी, डीएसआईआईडीसी, डीएससीएससी, डीसीसीडब्ल्यूएस- ने शहर भर में खुदरा दुकानें खोली हैं और ​​​​पूरे शहर में 400 शराब स्टोर चला रही हैं. इस दौरान कुल 291 लाख शराब की बोतलों की बिक्री हुई है, जिसे आबकारी विभाग के अधिकारियों ने सितंबर महीने में शराब की बोतलों की सामान्य बिक्री का आंकड़ा बताया है. हालांकि लोगों का यह भी मानना है कि उत्सव के महीनों में शराब की बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद होती है, सितंबर उस लिहाज से कमज़ोर महीना होता है. पुरानी नीति के तहत 'ड्राई डे' की संख्या बढ़ जाने से दिल्ली सरकार को करोड़ों का नुक्सान उठाना पड़ सकता है.


केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति, जिसमें तीन दिन ही ‘ड्राई डे’ घोषित किया गया था, भी रद्द हो गई है लिहाज़ा दिल्ली में अब 21 अलग-अलग दिनों को शराब की दुकानें बंद रखने का निर्देश दिया गया है. दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत ‘ड्राई डे’ की संख्या को बढ़ाते हुए 21 दिन कर दी है. सोमवार को आबकारी विभाग ने अपने आदेश कहा कि शराब की सभी दुकानें 5 अक्टूबर यानी दशहरा के अलावा 9 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती और मिलाद उन नबी, 24 अक्टूबर को दिवाली, 8 नवंबर को गुरु नानक जयंती और 24 नवंबर को गुरु तेज बहादुर शहादत दिवस के मौके पर बंद रहेंगी. आदेश में कहा गया है कि इस दिन सभी लाइसेंसधारक शराब की दुकानें बंद रखेंगे. यानि नई लिस्ट के मुताबिक अब बचे हुए 3 महीनों में 5 दिन ‘ड्राई डे’ होगा.


पारंपरिक तौर पर ड्राई डे की लिस्ट हर तीन महीने में जारी की जाती है, हालांकि होटल, क्लब, रेस्टोरेंट में शराब परोसने की मनाही नहीं है, लेकिन रेस्टोरेंट, होटलों में भी 15 अगस्त, 26 जनवरी और गांधी जयंती पर शराब परोसने की इजाजत नहीं होती है.