बिल्डिंग की छत को बना डाला ऑर्गेनिक फार्म, आज पूरी सोसाइटी को ऑर्गेनिक सब्जियाँ खिला रही हैं आरती
आरती के लिए यह यात्रा करीब 5 साल पहले तब शुरू हुई जब बीएमसी ने सोसाइटी को एक नोटिस जारी कर गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग कर रखने का निर्देश दिया जिससे उस कचरे से खाद का निर्माण किया जा सके।
"पर्यावरण को लेकर आरती की सोसाइटी ने पूरी गंभीरता दिखाते हुए साल 2016 में ही कचरे से खाद का निर्माण करना शुरू कर दिया था। आरती के अनुसार उनकी बिल्डिंग में हर साल करीब 6 हज़ार किलो कचरा उत्पन्न होता है जिससे करीब 500 किलो खाद का निर्माण किया जाता है।"
खेती-किसानी को आमतौर पुरुषों से जोड़कर देखा जाता है हालांकि मुंबई की रहने वाली आरती चौहान इन दिनों ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती में सफलता हासिल कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं। दिलचस्प बात यह है, कि आरती अपनी ऑर्गेनिक सब्जियों को किसी खेत में नहीं बल्कि अपनी बिल्डिंग की छत पर उगाती हैं।
50 वर्षीय आरती चौहान मुंबई की निवासी हैं और वे जिस सोसाइटी में रहती हैं वहाँ करीब 50 परिवार रहते हैं। गौरतलब है कि आरती के लिए यह यात्रा करीब 5 साल पहले तब शुरू हुई जब बीएमसी ने सोसाइटी को एक नोटिस जारी कर गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग कर रखने का निर्देश दिया जिससे उस कचरे से खाद का निर्माण किया जा सके।
सोसाइटी ने दिखाई गंभीरता
पर्यावरण को लेकर आरती की सोसाइटी ने पूरी गंभीरता दिखाते हुए साल 2016 में ही कचरे से खाद का निर्माण करना शुरू कर दिया था। आरती के अनुसार उनकी बिल्डिंग में हर साल करीब 6 हज़ार किलो कचरा उत्पन्न होता है जिससे करीब 500 किलो खाद का निर्माण किया जाता है।
शुरुआत में सोसाइटी के लोग उस खाद को अपनी बालकनी में लगे पौधों के लिए इस्तेमाल किया करते थे लेकिन तब भी बड़ी मात्रा में खाद बाकी रह जाती थी। इस समस्या से निपटने के लिए आरती ने रिसर्च करनी शुरू कर दी और तभी उन्होने छत पर की जाने वाले खेती के बारे में जानकारी हासिल की।
छत पर शुरू हुई ऑर्गेनिक खेती
आरती ने अपनी ही बिल्डिंग की छत पर कुछ सब्जियों के बीज लगाने शुरू कर दिये। आरती के अनुसार वे ऐसी सब्जियाँ उगाना चाहती थीं जिनमें कम श्रम के साथ अधिक पैदावार हासिल की जा सके। आज आरती द्वारा छत पर ऑर्गेनिक पालक, सेम, टमाटर, गोभी और बैंगन जैसी सब्जियाँ उगाई जा रही हैं। गौरतलब है कि आरती बीते दो सालों में इसके लिए करीब 50 हज़ार रुपये खर्च कर चुकी हैं।
छत पर खेती के लिए आरती प्लास्टिक कंटेनर और गमले आदि का प्रयोग करती हैं। मीडिया से बात करते हुए आरती ने बताया है कि वे हर रोज़ करीब 2 किलो ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन कर रही हैं। छत पर अपनी ऑर्गेनिक खेती की देखभाल के लिए आरती हर रोज़ करीब 3 घंटे का समय देती हैं। आरती के अनुसार वह ऐसी व्यक्ति नहीं हैं जो सिर्फ किचन के कामों तक ही सीमित रहें, वे लगातार नए-नए प्रयोग करती रहती हैं
पूरी सोसाइटी को मिल रहा है लाभ
जिस छत पर आरती ऑर्गेनिक खेती कर रही हैं उसका क्षेत्रफल करीब 3 हज़ार वर्गफुट है। आरती अब जो भी सब्जियाँ छत पर उगाती हैं वे उन्हें सोसाइटी के लोगों में बाँट देती हैं। अपनी सोसाइटी में सेक्रेटरी पद की ज़िम्मेदारी भी संभाल रहीं आरती के इस प्रयास को मुंबई की तमाम सामाजिक संस्थाओं द्वारा सराहा गया है।
आरती के प्रयासों का ही नतीजा है कि बीएमसी द्वारा उनकी सोसाइटी को ‘ज़ीरो गार्बेज सोसाइटी’ भी घोषित किया जा चुका है। इसी के साथ बीएमसी द्वारा किए गए वादे के अनुसार आरती की सोसाइटी को कई तरह के करों में भी छूट प्रदान की गई है।
Edited by Ranjana Tripathi