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भारत के इकलौते फिनटेक स्टार्टअप इनक्यूबेटर Afthonia Lab की कहानी

Afthonia Lab भारत का पहला और अब तक का इकलौता इनक्यूबेटर है जो केवल फिनटेक इंडस्ट्री पर केंद्रित है. 2019 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक यह 15 स्टार्टअप्स को समर्थन दे चुका है. बेंगलुरु स्थित इनक्यूबेटर Afthonia Lab की सीईओ तनुल मिश्रा ने हाल ही में YourStory से बात की.

भारत के इकलौते फिनटेक स्टार्टअप इनक्यूबेटर Afthonia Lab की कहानी

Thursday June 29, 2023 , 7 min Read

हाइलाइट्स

  • इनक्यूबेटर एक ऐसी व्यवस्था है जो नई कंपनियों के निर्माण के अलग-अलग स्टेज में अलग-अलग तरह की सहायता मुहैया करती है
  • Afthonia Lab का बिजनेस मॉडल उन स्टार्टअप्स से इक्विटी के प्रतिशत पर तय होता है जिनके साथ ये काम करता है
  • Afthonia Lab पर्सनलाइज्ड, कस्टमाइज्ड प्रोग्राम मुहैया करता है जो स्टार्टअप्स को प्रतिस्पर्धी फिनटेक इंडस्ट्री में सफल होने के लिए जरूरी सहायता मुहैया करता है

सबसे पहले आपको ये समझना होगा कि इनक्यूबेटर होते क्या हैं? इनक्यूबेटर एक ऐसी व्यवस्था है जो नई कंपनियों के निर्माण के अलग-अलग स्टेज में अलग-अलग तरह की सहायता मुहैया करती है, फिर चाहे उनका बिजनेस मॉडल कुछ भी क्यों न हो. इनक्यूबेटर का काम बगैर किसी ख़र्चे के कई तरह की सेवाएं और विशेषज्ञता प्रदान कर स्टार्टअप कंपनी को आगे बढ़ने होने में मदद करना है. यह किसी बिज़नेस आइडिया की सोच के साथ शुरु हो सकता है और उसके बिजनेस को आगे बढ़ाने में काम कर सकता है.

पश्चिमी बाजारों के उलट, भारत में स्टार्टअप सरल विचारों के साथ शुरू होते हैं लेकिन अक्सर एक सुरक्षित इकोसिस्टम के समर्थन की कमी होती है जो यह सुनिश्चित कर सके कि उन्हें समर्थन, अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन मिले जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर सके. और यहीं पर पिक्चर में आता है AfthoniaLab. यह भारत का पहला और अब तक का इकलौता इनक्यूबेटर है जो केवल फिनटेक इंडस्ट्री पर केंद्रित है. 2019 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक यह 15 स्टार्टअप्स को समर्थन दे चुका है. बेंगलुरु स्थित इनक्यूबेटर Afthonia Lab की सीईओ तनुल मिश्रा ने हाल ही में YourStory से बात की.

Afthonia से पहले तनुल Eatelish की को-फाउंडर रह चुकीं हैं. यह एक फूड सर्विस है जो पूरे भारत में खाना पकाने वालों को सीधे उपभोक्ताओं के दरवाजे तक लाती है. अपनी आंत्रप्रेन्योरशिप की यात्रा शुरू करने से पहले तनुल को पेमेंट्स, टेलीकॉम और मीडिया में सीनियर बिजनेस भूमिकाओं का अच्छा खासा अनुभव था. वह भारत में स्टार्टअप कम्यूनिटी की एक सक्रिय सदस्य हैं और उन्होंने Google Business Group इवेंट्स, Rodinhood और कई शैक्षणिक संस्थानों में भाषण दिया है.

भारत में सबसे बड़ी संख्या में यूनिकॉर्न (वे कंपनियां जिनकी वैल्यूएशन एक बिलियन डॉलर से अधिक है) और बहुत सारे स्टार्टअप हैं, लेकिन इसमें एक सटीक सपोर्ट सिस्टम की कमी है जो स्टार्टअप को अगले मोड़ तक पहुंचने में मदद करती है.

तनुल बताती हैं, "भारत में 500+ इनक्यूबेटर हैं, जबकि अमेरिका में 2500+ हैं, चीन में 1500+ इनक्यूबेटर हैं और बहुत सारे इनक्यूबेटर स्वतंत्र इनक्यूबेटर हैं और उनमें से कुछ इंडस्ट्री सेगमेंट के भीतर भी केंद्रित हैं. खास इंश्योरेंस टेक इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर हैं, न कि केवल फिनटेक एक्सेलरेटर और इनक्यूबेटर संसाधनों का एक विशेष पूल ला रहे हैं जो उन संबंधित डोमेन में बिजनेस बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं."

वे आगे बताती हैं, "हमारी कंपनी एक स्वतंत्र इनक्यूबेटर है जो फिनटेक सेक्टर के स्टार्टअप्स पर केंद्रित है. हम फिनटेक सेक्टर में कंपनियों की समस्याओं को हल करने और उन्हें बढ़ने और सफल होने में मदद करने के लिए समर्पित हैं. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हम स्टार्टअप को उनकी यात्रा के हर स्टेज में मदद करने के लिए कई प्रकार के संसाधन और कार्यक्रम पेश करते हैं. इन संसाधनों और कार्यक्रमों का लाभ उठाकर, फिनटेक स्टार्टअप उस समर्थन तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं जो उन्हें बढ़ने और सफल होने के लिए आवश्यक है. हमारी कंपनी फिनटेक स्टार्टअप्स को उनकी समस्याओं को हल करने और उनके लक्ष्य हासिल करने में मदद करने के लिए समर्पित है. हम एक पर्सनलाइज्ड, कस्टमाइज्ड प्रोग्राम मुहैया करते हैं जो स्टार्टअप्स को प्रतिस्पर्धी फिनटेक इंडस्ट्री में सफल होने के लिए जरूरी सहायता मुहैया करता है."

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साभार: freepik

बिजनेस मॉडल के बारे में पूछे जाने पर तनुल विस्तार से समझाती हैं,"हमारा बिजनेस मॉडल उन स्टार्टअप्स से इक्विटी के प्रतिशत पर तय होता है जिनके साथ हम काम करते हैं. हमने इस मॉडल को इसलिए चुना है क्योंकि यह हमें शुरू से ही गेम में एक्टिव रहने की अनुमति देता है. हम तभी सफल होते हैं जब स्टार्टअप सफल होता है. यह मॉडल हमारे हितों को उन स्टार्टअप्स के साथ रखता है जिनके साथ हम काम करते हैं, और हमें उनकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है. इक्विटी का एक प्रतिशत लेकर, हम स्टार्टअप की दीर्घकालिक सफलता में निवेश करते हैं, और हम उन्हें उनके लक्ष्य हासिल करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह मॉडल हमें उन स्टार्टअप्स के साथ मजबूत संबंध बनाने की भी अनुमति देता है जिनके साथ हम काम करते हैं, और उन्हें सफल होने के लिए आवश्यक सहायता मुहैया करते हैं. हमारा मानना है कि यह मॉडल स्टार्टअप्स को बढ़ने और फलने-फूलने में मदद करने का सबसे अच्छा तरीका है, और हम अपने पार्टनर्स के साथ उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

तनुल आगे समझाती हैं, "हमारा इनक्यूबेशन प्रोसेस स्टार्टअप्स को बढ़ने और सफल होने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस प्रोसेस में छह स्टेज होती हैं: पहली तीन स्टेज फाउंडर के फोकस और विजन, आइडिया और बिजनेस को बेहतर ढंग से समझने और यह तलाशने और समझने पर आधारित हैं कि हम वैश्विक विस्तार और किसी अन्य आवश्यकता पर जोर देने सहित विकास की यात्रा में बेहतर मदद कैसे कर सकते हैं. उसके बाद की प्रोसेस, ब्लूप्रिंट बनाने पर केंद्रित है, जो स्टार्टअप के लिए पर्सनलाइज्ड, कस्टमाइज्ड, इन्फॉर्मेटिव प्रोग्राम के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करता है. प्रत्येक स्टार्टअप को अपने स्वयं के सलाहकारों का समूह सौंपा जाता है जो बढ़ने के साथ-साथ प्रगति करते रहते हैं. इस यात्रा के दौरान, हम उन्हें नेटवर्क कैपिटल, फाइनेंशियल कैपिटल तक पहुंच, मार्केट कनेक्शन और एक सफल बिजनेस चलाने के लिए आवश्यक हर चीज में मदद करते हैं."

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साभार: freepik

इस बिजनेस/इन्क्यूबेटर को खड़ा करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इसके जवाब में तुनल कहती हैं, "हमारे लिए चुनौतियों के मायने यह तथ्य हैं कि हमें बहुत शुरुआती चरण में भी इनसे झूझना पड़ता है, कभी-कभी आइडिया स्टेज में भी, और हम फाउंडिंग टीम पर भरोसा करते हैं. बिजनेस में शामिल जोखिम सफलता अनुपात के संदर्भ में बहुत अधिक है क्योंकि हम निवेशकों से भी पहले आते हैं. कभी-कभी, जब नियामक परिदृश्य बदलता है, तो बिजनेस बदलने की भी स्थितियां पैदा हो सकती है. इसका मतलब यह है कि हमें बाजार और नियामक माहौल में बदलाव के प्रति लचीला और अनुकूलनीय होने की जरूरत है. हमें यह सुनिश्चित करने के लिए फाउंडिंग टीम के साथ मिलकर काम करने की ज़रूरत है कि हम उनके विजन के साथ जुड़े हुए हैं और हम उन्हें सफल होने के लिए जरूरी सहायता मुहैया कर रहे हैं. फाउंडिंग टीम के साथ मिलकर काम करके, हम उन्हें एक सफल स्टार्टअप बनाने की चुनौतियों से निपटने और सफलता की संभावना बढ़ाने में मदद कर सकते हैं."

Afthonia को लेकर भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछने पर तनुल बताती हैं, "अगले 18 महीनों में हमारी योजना अपना पोर्टफोलियो बढ़ाने की है. हम टियर II और टियर III शहरों में स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. हमारा लक्ष्य फिनटेक सेक्टर में अन्य 25-30 स्टार्टअप्स को शामिल करना है, साथ ही उन स्टार्टअप्स को भी शामिल करना है जो BFSI स्टेज के लिए समाधान मुहैया कर रहे हैं. चूँकि हम अधिक स्टार्टअप की तलाश कर रहे हैं, इस अवसर का मतलब है कि हम NBFCs, टेक सॉल्यूशन बिल्डर्स, बैंकों, निवेशक केंद्रित जैसे अधिक इकोसिस्टम पार्टनर्स को जोड़ने की पूरज़ोर कोशिश करेंगे. हमें आशाजनक स्टार्टअप की पहचान करने और उन्हें सफल होने के लिए आवश्यक सहायता मुहैया करने के लिए इंडस्ट्री के लेटेस्ट ट्रेंड्स और डेवलपमेंट्स के साथ अप-टू-डेट रहने की जरूरत होगी. दुनियाभर के मार्केट तक पहुंच और पर्सनलाइज्ड, कस्टमाइज्ड प्रोग्राम हमारी USP हैं."

Afthonia Lab की सीईओ तनुल मिश्रा अंत में बताती हैं, "हमारे प्रोग्राम का एक फायदा यह है कि हमारे पास IFSCA लाइसेंस (सीमित उपयोग) है, जो हमें स्टार्टअप्स के लिए APAC बाज़ार खोलने की अनुमति देता है जो शुरू से ही हमारे प्रोग्राम का हिस्सा बनते हैं. यह हमें स्टार्टअप को तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच प्रदान करने में सक्षम बनाता है और उन्हें अपनी पहुंच बढ़ाने और अपना बिजनेस बढ़ाने में मदद कर सकता है."

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