फ़ाउंडर संपद स्वैन से जानें, कि कैसे एक साइड प्रोजेक्ट से स्टार्टअप बनी उनकी कंपनी ने पेमेंट की मुश्क़िलों को किया हल
बतौर ऑन्त्रप्रन्योर अपने सफ़र की शुरुआत करने से पहले संपद स्वैन आईटीसी और गोदरेज कंपनियों के साथ काम कर चुके थे। संपद, वाना मो (WanaMo.com) में को-फ़ाउंडर हैं और इस वेंचर से जुड़ने के बाद ही संपद ने ब्लॉगिंग की शुरुआत की थी। संपद आईएसबी, हैदराबाद से ग्रैजुएट हैं और 2010 में उन्होंने एक प्राइवेट विडियो न्यूज़लेटर शुरू किया। यह उनके ब्लॉग का ही हिस्सा था। उनके स्टार्टअप का नाम इनस्टार्टअप (InStartup.com) है। इस सीरीज़ के अंतर्गत वह विभिन्न शहरों में जाकर वहां के ऑन्त्रप्रन्योर्स के इंटरव्यू लेते थे।
संपद बताते हैं,
"इस काम की शुरुआत के कुछ वक़्त बाद ही मुझे इस बात का एहसास हो गया था कि यह एक बहुत ही कठिन काम है। मुझे इस काम के पैसे भी नहीं मिल रहे थे। मैं अपने काम को जारी रखने के लिए तय किया कि मैं लोगों का सहयोग लूंगा। मुझे लगा कि अगर लोग 5 या 10 रुपए का भी सहयोग देते हैं तो मेरे लिए यह पर्याप्त होगा।"
इस संबंध में अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ बात करने पर उन्हें पता चला कि किसी से भुगतान लेने का मतलब है कि एक वेबसाइट तैयार करना, कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना और फिर किसी पेमेंट गेटवे को माध्यम बनाना। संपद को उस समय एक साइड प्रोजेक्ट के लिए इतना कुछ करना वाजिब नहीं लगा और इस वजह से उन्होंने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने का इरादा छोड़ दिया और डील्स ऐंड यू (DealsandYou) की फ़ाउंडिंग टीम के साथ जुड़ गए। यह स्टार्टअप स्मॉल और मीडियम स्केल के बिज़नेस वेंचर्स के लिए मोबाइल ऐड्स नेटवर्क पर काम करता था।
2012 में जब इस स्टार्टअप का आइडिया टीम के अनुमान के मुताबिक़ नहीं चला तो संपद ने अपने को-फ़ाउंडर्स के साथ अपने साइड प्रोजेक्ट की चर्चा की। संपद बताते हैं कि उनका आइडिया था कि लोग अपने दोस्तों और परिवार के लोगों से आसानी से पैसे इकट्ठा कर सकें और इसके लिए एक छोटा सा लिंक तैयार किया जाए और शेयर किया जाए। इसके बाद ही संपद का साइड प्रोजेक्ट उनके लिए एक बिजनेस वेंचर बन गया।
सितंबर, 2012 में संपद ने आकाश गेहानी और आदित्य सेनगुप्ता के साथ मिलकर इन्स्टामोजो (Instamojo) की शुरुआत की, जो माइक्रो, स्मॉल और मीडियम स्केल के एंटरप्राइज़ेज़ के लिए एक पेमेंट प्लैटफ़ॉर्म है और यह तरह के पेमेंट्स और ट्रांसफ़र्स को स्वीकार कर सकता है।
इन्स्टामोजो का मतलब है, 'इन्सटैन्ट मैजिक'। संपद के पहले प्रोजेक्ट का नाम था इनस्टार्टअप (Instartup.com) और इसमें भी इन्स्टा शब्द का इस्तेमाल हुआ था। इसके अलावा संपद को हैरी पॉटर सीरीज़ भी बहुत पसंद है और इसलिए उन्होंने मैजिक या मोजो को अपने स्टार्टअप के नाम में शामिल किया।
किसी भी संगठन या टेक कंपनी के लिए एक पेमेंट गेटवे बहुत ही कारगर प्रोडक्ट है। भारत एक ऐसा देश है, जहां छोटे स्तर के व्यवसायों की संख्या बहुत है और वे तकनीक से कोसों दूर हैं। संपद कहते हैं,
"हमें हमारा यूरेका मोमेंट तब मिला, जब हमें एहसास हुआ कि हमारा प्रोडक्ट गैर-तकनीकी लोगों के लिए एक बहुत ही कारगर उत्पाद साबित हो सकता है क्योंकि इसमें ऑनलाइन पेमेंट के लिए किसी तरह के इंटीग्रेशन या वेबसाइट तैयार करने की ज़रूरत नहीं होगी।"
पिछले साल अगस्त में, कंपनी ने लॉजिस्टिक्स और लेन्डिंग प्रोडक्ट्स के तौर पर क्रमशः मोजो एक्सप्रेस (MojoXpress) और मोजो कैपिटल (MojoCapital) को भी लॉन्च किया है। इन्स्टामोजो अब ऑनलाइन स्टोर तैयार करने और डिजिटल ऑपरेशन्स शुरू करने में एंटरप्राइज़ेज़ की मदद करता है। अभी तक स्टार्टअप 11 हज़ार से ज़्यादा ऑनलाइन स्टोर्स तैयार करवा चुका है।
एक रोचक क़िस्सा साझा करते हुए संपद ने बताया,
"2013 में मैसूर के एक शिक्षक ने यूपीएससी के अपने ट्यूटोरियल्स और नोट्स को ऑनलाइन बेचने के लिए इन्स्टामोजो जॉइन किया। हम जितनी सेल एक महीने में करते थे, उस शिक्षक ने उसी दिन कर डाली और इसलिए हमें लगा कि कहीं वह कोई स्कैम करने वाला तो नहीं है। बाद में उस शिक्षक ने अपना मॉडल हमें समझाया और बताया कि पहले ही साल उन्होंने करोड़ों का बिज़नेस किया और उस पल हमारे होश उड़ गए।"
संपद कहते हैं कि हमारी टीम ऐसे ही पलों के लिए काम करती है।