पिछले साल स्टार्टअप कंपनियों की फंडिंग में आई भारी गिरावट, जानिए कितनी मिली फंडिंग
‘स्टार्टअप ट्रैकर-कैलेंडर ईयर 2022’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक नरमी के बावजूद वैश्विक निवेशकों का भारतीय स्टार्टअप परिवेश को लेकर रुख लेकर अब भी सकारात्मक है.
भारतीय स्टार्टअप कंपनियों के लिए वित्तपोषण पिछले वर्ष की तुलना में 2022 में 33 प्रतिशत घटकर 24 अरब डॉलर रह गया. हालांकि, यह राशि 2019 या 2020 में मिले वित्तपोषण की तुलना में लगभग दोगुनी है. पीडब्ल्यूसी इंडिया
की एक रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई.‘स्टार्टअप ट्रैकर-कैलेंडर ईयर 2022’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक नरमी के बावजूद वैश्विक निवेशकों का भारतीय स्टार्टअप परिवेश को लेकर रुख लेकर अब भी सकारात्मक है.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘भारतीय स्टार्टअप के लिए वित्तपोषण 2022 में करीब 24 अरब डॉलर रहा है जो 2021 की तुलना में करीब 33 प्रतिशत कम है. हालांकि, यह 2020 और 2019 में जुटाए गए कोष की तुलना में अब भी दोगुना से अधिक है.’’
वर्ष 2019 में स्टार्टअप को कुल 13.2 अरब डॉलर का कोष मिला था, 2020 में 10.9 अरब डॉलर का और 2021 में 35.2 अरब डॉलर का कोष मिला था.
पीडब्ल्यूसी इंडिया में साझेदार (सौदे) एवं इंडिया स्टार्टअप्स लीडर अमित नावका ने कहा कि फंडिंग एक्टिविटीज में नरमी के बावजूद ‘सॉफ्टवेयर संबंधी सेवा’ और आरंभिक स्तर के वित्तपोषण में तेजी बरकरार है. वित्तपोषण का परिदृश्य दो-तीन तिमाही के बाद सामान्य होने लगेगा.’’
रिपोर्ट में कहा गया कि 2021 और 2022 में कुल फंडिंग में संख्या के लिहाज से सर्वाधिक 60 से 62 प्रतिशत कोष शुरुआती स्तर के सौदों में गया है और एक सौदे का औसत आकार 40 लाख डॉलर रहा.
विभिन्न शहरों के स्टार्टअप को मिले वित्तपोषण के लिहाज से देखा जाए तो दिसंबर 2022 में भारत के कुल स्टार्टअप में से करीब 82 प्रतिशत बेंगलुरु, एनसीआर और मुंबई से थे. इन शीर्ष तीन शहरों के करीब 28 प्रतिशत स्टार्टअप ने दो करोड़ डॉलर से अधिक का वित्त जुटाया.
पीडब्ल्यूसी इंडिया के अनुसार, सौदे की मात्रा के मामले में 2021 की तुलना में 2022 के दौरान विलय एवं अधिग्रहण (M&A) सौदों में 17 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जिसमें 60 प्रतिशत लेनदेन शीर्ष तीन क्षेत्रों – सास (SaaS), ई-कॉमर्स + डी2सी (E-Commerce + D2C) और एडटेक द्वारा योगदान दिया गया. ई-कॉमर्स और D2C (61) और SaaS (60) ने 2022 के दौरान M&A ट्रांजैक्शन की सबसे अधिक संख्या देखी.
Edited by Vishal Jaiswal