42 कानूनों में मौजूद मामूली अपराधों के लिए नहीं होगी सजा, सरकार ने लोकसभा में पेश किया बिल
इस विधेयक में ईज ऑफ बिजनेस को प्रमोट करने के लिए 42 कानूनों में 183 प्रावधानों में संशोधन कर छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने की बात कही गई है. बाद में विधेयक की समीक्षा के लिए उसे 31 सदस्यों वाली संसद की स्थायी समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे संसद ने ध्वनि मत से मंजूरी दे दी.
कॉमर्स एवं इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने गुरुवार को लोकसभा में जनविश्वास विधेयक पेश किया. इस विधेयक में मामूली उल्लंघनों का गैर अपराधीकरण करना, जुर्माने को तर्कसंगत बनाना, और सरकार पर भरोसा बढ़ाना है.
इस विधेयक में ईज ऑफ बिजनेस को प्रमोट करने के लिए 42 कानूनों में 183 प्रावधानों में संशोधन कर छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने की बात कही गई है. बाद में विधेयक की समीक्षा के लिए उसे 31 सदस्यों वाली संसद की स्थायी समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे संसद ने ध्वनि मत से मंजूरी दे दी.
पैनल 2023 में बजट सत्र के दूसरे भाग के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक बिल पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा. गोयल ने कहा कि 31 सदस्यीय संयुक्त समिति में 21 सदस्य लोकसभा से होंगे, जबकि शेष 10 राज्यसभा से होंगे.
संयुक्त समिति में जिन लोकसभा सदस्यों को मनोनीत किया गया है, उनमें पी.पी. चौधरी, संजय जायसवाल, उदय प्रताप सिंह, संजय सेठ, महारानी ओजा, खगेन मुर्मू, पूनमबेन हेमतभाई मादाम, पूनम प्रमोद महाजन, अपराजिता सारंगी, अरविंद धर्मपुरी, राजेंद्र अग्रवाल, रतन लाल कटारिया, गौरव गोगोई, डीन कुरियाकोस, डी. राजा, सौगत राय, वेंकट सत्यवती बेसेटी, गजानन चंद्रकांत कीर्तिकर, राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, पिनाकी मिश्रा और गिरीश चंद्र शामिल हैं.
छोटी गलतियों के लिए सजा नहीं, केवल जुर्माना
इस बिल को विपक्ष के विरोध के बीच पेश किया गया था. विपक्षी दल चीन के साथ सीमा मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. इस बिल में 19 मंत्रालयों के तहत आने वाले 42 कानूनों के 183 प्रावधानों में संशोधन की प्रस्ताव रखा गया है.
गोयल ने कहा, हमें लोगों पर विश्वास करना होगा. छोटी गलतियों के लिए लोगों को सजा नहीं दी जानी चाहिए. छोटी गलतियों के लिए लोगों पर केवल जुर्माना लगाया जा सकता है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. उन्होंने आगे कहा कि लगभग 1,500 पुराने कानूनों को निरस्त कर दिया गया है, 39,000 अनुपालनों को सरल बनाया गया है, और अपराधों को कम करने के लिए लगभग 3,500 मानदंड पेश किए गए हैं.
मामूली अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के अलावा, इस विधेयक में अपराध की गंभीरता के आधार पर आर्थिक दंड देने का प्रस्ताव रखा गया है, जिससे भरोसे पर आधारित शासन को बल मिलता है.
बयान के अनुसार, बिल के कानून बनने के बाद, हर तीन साल की समाप्ति के बाद लगाए गए जुर्माने और जुर्माने की न्यूनतम राशि में 10 फीसदी की वृद्धि शामिल है.
Edited by Vishal Jaiswal