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मानसिक स्वास्थ्य जैसी समस्या को अपने शब्दों से संबोधित कर रही हैं ये 4 युवा कवयित्री

मानसिक स्वास्थ्य जैसी समस्या को अपने शब्दों से संबोधित कर रही हैं ये 4 युवा कवयित्री

Thursday April 25, 2019 , 6 min Read

कार्ष्णि नैयर, साहिति गवारीकर, अनुष्का श्याम, और अनुषा रामजी

किताब के पन्नों से लेकर बोलकर पढ़ी जाने वाली कविताओं तक, शब्द लोगों को गहराई तक पहुंचने, रिफ्लेक्ट करने और दुनिया के विभिन्न दृष्टिकोणों के सामने खुद को रखने का एक तरीका होते हैं। कवियों ने अपने काम के माध्यम से खुशी, उदासी, क्रोध, आघात, मानसिक बीमारी, नुकसान के अपने अनुभवों के बारे में बातें की हैं। HerStory ने ऐसे ही चार युवा कवियों से बात की और उनसे पूछा कि वे मानसिक स्वास्थ्य को कैसे देखते हैं, और वे इसे एड्रेस करने के लिए कविता का उपयोग कैसे करते हैं।


कार्ष्णि नायर (Karshni Nair)


19 वर्षीय कार्ष्णि नायर मुंबई की एक कॉलेज स्टूडेंट और सिंगर हैं। वह अपने संघर्षों से पार पाने और अपनी मानसिक स्थिति को बेहतर तरीके से समझने के लिए संगीत और कविता का उपयोग करना पसंद करती है। वह कहती हैं, “किसी के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें जिंदा रहने का मजा मिलता है। मैं अपने मानसिक स्वास्थ्य की कद्र करती हूं, क्योंकि इस सांस्कृतिक और राजनीतिक माहौल में, हमें शायद ही कभी खुद पर ध्यान केंद्रित करने का समय मिलता है। हमारा दिमाग और हमारा शरीर एक दूसरे के साथ काम करते हैं, इसलिए मानसिक स्वास्थ्य हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है।" वह आगे कहती हैं, "मेरी कविता को मैं 'बेहद अंतरंग (extremely intimate)' मानती हूं। इससे मुझे संतुष्टि मिलती है। मेरे दिमाग में क्या चल रहा है मैं इसे जानने के लिए कविता की ओर रुख करती हूँ, मैंने अपने जीवन के विभिन्न अनुभवों के बारे में अपने अनछुए विचारों को लिखा है। हालाँकि शब्द पूरी तरह से मेरी भावनाओं को बयां नहीं कर सकते हैं, वे मेरी मदद करते हैं कि मैं उन्हें जितना अच्छा कर सकूँ।" “जब बात दूसरों के मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझने की आती है, तो हमें यह याद रखना चाहिए कि कोई भी किसी के मानसिक विकार (mental disorder) की गहराई को पूरी तरह से नहीं समझ सकता है। लेकिन हां जो मैंने देखा है, उससे ये कह सकती हूं कि वे कवि के व्यक्तिगत अनुभवों को सुनने के बाद अंदर से अच्छा महसूस करते हैं।" "हालांकि कविता को सुनना और पढ़ना महत्वपूर्ण है, मुझे लगता है कि लोग खुद से कविता लिखने से अच्छा महसूस कर सकते हैं, क्योंकि, अक्सर, सच्ची कविता की उन पंक्तियों में कहीं न कहीं एक मानसिक स्थिति के बारे में खुलासे होते हैं।"


यहां देखिए कार्ष्णि की खुद की कविता How Are You Today? पर दी गई प्रस्तुति 


साहिती गवारिकर (Sahiti Gavarikar)


साहिती बेंगलुरु की 22 वर्षीय छात्रा और कवि हैं। वे अभी साइकोलॉजिकल काउंसलिंग (Psychological Counselling) में मास्टर कर रही हैं। वे कहती हैं, "मुझे लगता है कि मानसिक स्वास्थ्य आज चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है, क्योंकि मानसिक बीमारियां बढ़ रही हैं व जानकारी और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी है। एक काउंसलिंग स्टूडेंट के नाते, मुझे मानसिक बीमारियों की वास्तविकता के बारे में पता है। इसको लेकर भ्रांतियों के कारण लोग सामान्य रूप से मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बातचीत करने से बचते हैं। “बतौर कवि मैंने अपने शब्दों के माध्यम से इस विषय पर अधिक ध्यान देने की कोशिश की है, जो लोगों को गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करता है। मैंने लाउडर देन वर्ड्स ( Louder Than Words) में भाग लिया, जो एयरप्लेन पोएट्री मूवमेंट (Airplane Poetry Movement) द्वारा एक मानसिक स्वास्थ्य और कविता के लिए एक पहल है। मैंने वहां 150 से ज्यादा लोगों के सामने परफॉर्म किया। मैंने कॉलेज में आत्महत्या रोकथाम के लिए एक ओपन-माइक कार्यक्रम भी आयोजित किया, जहां विभिन्न कवि अपने-अपने शब्दों के साथ छात्रों के बीच पहुंचे। "मुझे लगता है कि कला एक प्रभाव बनाने और मानसिक बीमारियों के प्रति लोगों की सोच बदलने का एक शक्तिशाली माध्यम है। अपनी कविता और प्रोत्साहन के माध्यम से, मैं दूसरों को बोलने के लिए कहती हूं। कई लोग हैं जो मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहता है, मैं लगातार इस विषय के बारे में जागरूकता और लोगों को जागरूक करने के तरीकों की तलाश कर रही हूं।"


यहां देखिए साहिती की खुद की कविता 'बैड रोमांस' पर परफॉर्मेंस 


अनुष्का श्याम (Anoushka Shyam)



19 वर्षीय छात्रा अनुष्का हरियाणा के अशोका विश्वविद्यालय में पढ़ती हैं। उनके लिए कविता एक इमोशनल आउटलेट है, और वह मानसिक स्वास्थ्य, सेक्सुअलिटी (sexuality) और जेंडर सहित अपनी पहचान के बारे में लिखती है। वह कहती हैं, “मेरा काम और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता मेरे खुद के तीन पहलुओं से आती है। पहला, मानसिक स्वास्थ्य को लेकर मेरी खुद की समस्या- मैं वर्षों तक एंग्जाइटी से जूझती रही। दूसरा, सामाजिक परिवेश में युवा व्यक्ति होना- जहां मानसिक स्वास्थ्य को समझने के बारे में विचार-विमर्श तेजी से हो रहा है। तीसरा, साइकोलॉजी की स्टूडेंट होना- जो भविष्य में इस क्षेत्र में काम करना चाहती है। यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि मानसिक स्वास्थ्य व्यक्तियों और आबादी को समग्र रूप से कैसे प्रभावित करता है, क्योंकि इसको लेकर युगों से काफी भ्रांतियां फैली रही हैं और इसे गलत समझा गया है। अपनी कविता के माध्यम से, और उम्मीद है कि जीवन में बाद में अपने काम के माध्यम से, मैं इस विषय पर बातचीत को प्रोत्साहित करती रहूंगी, और अपनी कहानियों के साथ-साथ, कई अन्य लोगों की कहानियों को बाहर लाना चाहती हूं। "मेरे लिए मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लिखना, न केवल लोगों के साथ मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं को साझा करने का एक तरीका है, बल्कि एक प्रकार की आत्मसंतुष्टि भी है जिसके माध्यम से मैं अपनी भावनाओं को प्रोसेस कर सकती हूं और अपने आप को बेहतर समझ सकती हूं।"


यहां देखें अनुष्का की खुद की कविता 'कैरी ऑन' पर उनकी परफॉर्मेंस


अनुषा रामजी (Anusha Ramji)


21 वर्षीय अनुषा साइकोलॉजी की स्टूडेंट हैं और वर्तमान में लंदन में रह रही है। वह विज्ञान, भौतिकी, अस्तित्ववाद और दर्शन जैसे जीवन की गहरी चीजों की खोज करना पसंद करती है। वह कहती हैं, “मैं जीवन भर अपने मानसिक स्वास्थ्य से जूझती रही। यह मेरे अंदर बुना हुआ है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह मुझे डिफाइन करता है। मैं इसे किसी ऐसी चीज के रूप में देखती हूं जिसके साथ मैं बढ़ सकती हूं, उसके खिलाफ नहीं हो सकती। “मैंने कविता लिखना शुरू किया क्योंकि मुझे अपने संघर्षों से निपटने का एक तरीका चाहिए था। मैंने बस अपना दिल कागज पर उड़ेलना शुरू कर दिया, और मुझे खुशी मिली व दर्द ने मेरा पीछा छोड़ दिया। मेरी कविता मेरे मानसिक स्वास्थ्य का परिणाम और प्रभाव दोनों है और मुझे लगता है कि यह मेरी भावनाओं की गहराई में दर्शाती है।


"जब मैं कुछ लिखती हूं, तो मैं खुद को उन बंधनों से मुक्त कर देती हूं जिनमें मैं बंधी हूं। मैं अपने मन की बात कहने में सक्षम हूं।" यहां देखिए अनुषा की खुद की कविता 'ए लेटर टू हू आई एम फ्रॉम हू आई वाज' पर उनकी परफॉर्मेंस


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