दिल्ली का यह कलाकार प्लास्टिक कचरे से बना रहा है खूबसूरत कलाकृतियाँ, कर चुके हैं 250 किलो प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल
मनवीर सिंह को लोग ‘प्लास्टिक वाला’ के नाम से भी जानते हैं। मनवीर अपनी खूबसूरत कलाकृतियों के निर्माण के लिए करीब बीते तीन साल से प्लास्टिक कचरे को सामग्री के रूप इस्तेमाल कर रहे हैं।
प्लास्टिक कचरा पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है, हालांकि क्या आपने कभी सोचा है कि इस प्लास्टिक कचरे को भी खूबसूरत कला का रूप दिया जा सकता है? दिल्ली के मनवीर सिंह ना सिर्फ इसे करके दिखा रहे हैं, बल्कि उन्होंने इसे अपने जीवन का लक्ष्य तक बना लिया है।
मनवीर सिंह को लोग ‘प्लास्टिक वाला’ के नाम से भी जानते हैं। मनवीर अपनी खूबसूरत कलाकृतियों के निर्माण के लिए करीब बीते तीन साल से प्लास्टिक कचरे को सामग्री के रूप इस्तेमाल कर रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट की मानें तो मनवीर अब तक करीब 250 किलो प्लास्टिक कचरे को सुंदर कलाकृतियों में बदलने का काम कर चुके हैं।
पर्यावरण संरक्षण है लक्ष्य
मीडिया के साथ हुई बातचीत में मनवीर ने बताया है कि इस पहल के पीछे उनका एकमात्र लक्ष्य पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना है। मनवीर ने बताया है कि वे लंबे समय से अपने आस-पास के लोगों को इधर-उधर कचरा फेंकते हुए देख रहे थे और लोगों की कभी न सुधरने वाली इस आदत से वे थक चुके थे।
इसी के साथ करीब दो साल पहले मनवीर ने इस कचरे का उपयोग कलाकृति निर्माण में करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, मनवीर ने इसके बाद खुद लोगों के पास जाकर उनसे प्लास्टिक कचरा एकत्रित करना भी शुरू कर दिया।
मनवीर का कहना है कि वे प्लास्टिक कचरे को बढ़ने से रोकना चाहते हैं और इसी वजह से वे अपनी कलाकृतियों में अधिक से अधिक प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल पर ध्यान केन्द्रित करते हैं।
चुनौती है ऐसी कलाकृति बनाना
प्लास्टिक से खूबसूरत कलाकृतियों का निर्माण करना किसी चुनौती से कम नहीं है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए मनवीर ने बताया है कि एक माध्यम के रूप में प्लास्टिक का उपयोग करना एक चुनौती से भरा है क्योंकि एक कलाकार को अकादमिक रूप से सिखाया जाता है कि कलाकृतियां बनाने के लिए तेल, एक्रिलिक और अन्य माध्यमों का उपयोग कैसे करना है, हालांकि इसमें प्लास्टिक कचरे को शामिल नहीं किया जाता है।
प्लास्टिक कचरे को एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने के लिए मनवीर को तमाम ‘ट्रायल एंड एरर’ से गुजरना पड़ा है। इसी के साथ उनके लिए प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करना भी एक चुनौती थी।
आज मनवीर आपने दोस्तों और अपने पड़ोसियों से प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करते हैं। मनवीर नें उन सभी को बॉक्स दिये हुए हैं जिनमे एकत्रित हुए प्लास्टिक कचरे को मनवीर हर 15 दिनों में एक बार अपने पास इकट्ठा कर लेते हैं।
अबू धाबी और जर्मनी में बेची कलाकृति
लगातार काम करते हुए अपनी 11 कलाकृतियाँ पूरी कर चुके मनवीर अब 12वीं कलाकृति पर काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि मनवीर अब तक अबू धाबी में अपनी दो कलाकृतियाँ और जर्मनी में एक कलाकृति बेच चुके हैं।
मनवीर की कलाकृतियों को अबू धाबी राष्ट्रीय शिक्षा केंद्र, मानरत अल सादियात सांस्कृतिक केंद्र और गोवा के संग्रहालयों समेत कई अन्य जगह पर प्रदर्शित किया जा चुका है। मनवीर के अनुसार विदेशों में इस तरह की कलाकृतियों के लिए कुछ हद तक खरीददार मौजूद हैं, हालांकि भारत में इनकी संख्या अभी अधिक नहीं है।
Edited by रविकांत पारीक