यह 7 साल का बच्चा है भविष्य का पिकासो, अमेरिका में लाखों में बेच चुका है अपनी पेंटिंग
इस नन्हें कलाकार का नाम है अद्वैत कोलारकर, जिन्हे अब्स्ट्रैक्ट पेंटिंग बनाने के लिए आज देशभर में लोग जान रहे हैं।
आपने लियोनार्डो द विंची और पाब्लो पिकासो के बारे में खूब सुना होगा जिनकी बनाई हुई पेंटिंग्स को आज कई मिलियन डॉलर में खरीदा जाता है, लेकिन भारत में एक सात साल का पेंटर ऐसा भी है जो बिल्कुल द विंची और पिकासो के नक्शेकदम पर आगे बढ़ रहा है। इस नन्हें से पेंटर की कलाकृतियों की कीमत भी आपको आश्चर्य से सराबोर कर देगी।
इस नन्हें कलाकार का नाम है अद्वैत कोलारकर, जिन्हे अब्स्ट्रैक्ट पेंटिंग बनाने के लिए आज देशभर में लोग जान रहे हैं। मालूम हो कि अब्स्ट्रैक्ट पेंटिंग उस तरह की कलाकृति होती हैं जिसमें कला के भीतर ही संदर्भ के जरिये कलाकार अपने भाव को प्रदर्शित करते हैं।
महज 8 महीने की उम्र से शुरुआत
अद्वैत की खूबसूरत पेंटिंग की कीमत हैरान करने वाली हैं। इनकी कुछ पेंटिंग्स की कीमत लाखों रुपये में है। अद्वैत की माँ श्रुति कोलारकर के अनुसार अद्वैत ने कला में अपनी रुचि को काफी पहले जाहिर कर दिया था। श्रुति की मानें तो अद्वैत तब महज 8 महीने के ही थे, जब उन्होने पहली बार कला की तरफ अपना झुकाव दिखाया।
Brut India के साथ हुई बातचीत में श्रुति बताती है कि अद्वैत ने एक बार अपनी बहन को पेंटिंग करते हुए देखा और तब अद्वैत अपनी बहन के पास जमीन पर लुड़कते हुए पहुंचे। अद्वैत ने उसी समय अपनी बहन से रंग लिए और वहीं फर्श पर पेंटिंग करना शुरू कर दिया।
दो दिन में पूरी होती है पेंटिंग
महज एक साल की उम्र में ही अद्वैत ने कई तरह की कलाकृतियाँ तैयार की थीं। अद्वैत के इस टैलेंट ने उनकी माँ को भी हैरान कर दिया और जल्द ही उनकी माँ को भी यह समझ आ चुका था कि अद्वैत महज रंगों की तरफ आकर्षित नहीं हैं बल्कि उनके भीतर कला को लेकर काफी कुछ स्पेशल भी है।
अद्वैत अपनी कलाकृतियों को महज एक या दो दिन के भीतर ही पूरा कर लेते हैं, इसी के साथ ही अपनी पुरानी पेंटिंग्स पर भी काम करते रहते हैं।
अद्वैत की माँ शुरुआत में उनकी कला को सिर्फ आने घर में ही रहकर लोगों के सामने पेश करना चाहती थीं, लेकिन जब वह एक दिन एक आर्ट क्यूरेटर से मिलीं तब उस आर्ट क्यूरेटर को भी यह विश्वास नही हुआ कि इतनी कम उम्र का यह नन्हा कलाकार इस तरह की सुंदर कलाकृतियाँ बना सकता है।
अमेरिका और कनाडा पहुंची पेंटिंग
क्यूरेटर ने खुद घर आकर अद्वैत की प्रक्रिया को देखा और तब वह और हैरान रह गए। उन्होने अद्वैत के परिजनों के सामने यह प्रस्ताव रखा कि वह अद्वैत की कलाकृतियों को आर्ट गैलरी के जरिए बड़ी संख्या में लोगों के सामने पेश करना चाहते हैं।
अद्वैत पुणे में अपनी सोलो आर्ट गैलरी को भी होस्ट कर चुके हैं। यहाँ सफलता मिलने के बाद अद्वैत ने अमेरिका और कनाडा जाकर अपनी कला का प्रदर्शन लोगों के सामने किया। अद्वैत की माँ के अनुसार अमेरिका में अद्वैत की एक पेंटिंग की बिक्री भी हुई है, जिसके एवज में उन्हे 5 लाख रुपये मिले हैं।
अद्वैत अपने भविष्य को लेकर स्पष्ट हैं और वो आगे चलकर पेंटर ही बनना चाहते हैं और कला को ही अपनी आजीविका के रूप में अपनाना चाहते हैं।