मिलें 'मशरूम लेडी ऑफ इंडिया', जिन्हें पीएम मोदी ने दे दिया था अपना सोशल मीडिया अकाउंट
वीणा देवी को उनके प्रयासों के लिए राष्ट्रपति भी सम्मानित कर चुके हैं, इसके अलावा उन्हे कई विश्वविद्यालयों में भी सम्मानित किया जा चुका है।
"बिहार की वीणा देवी नक्सल प्रभावित क्षेत्र से आती हैं। शुरुआत में वह परंपरागत कृषि पर ही ध्यान दे रही थीं, लेकिन साल 2013 के बाद उन्होने जब मशरूम की खेती पर हाथ आजमाया तो उन्हे अपनी आय में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। वीणा के अनुसार जमीन की कमी के चलते उन्होने अपने पलंग के नीचे ही एक किलो मशरूम बीज के साथ इसकी शुरुआत की थी और इसके बाद उन्होने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।"
भारत में किसान आमतौर पर परंपरागत गेहूं और दाल जैसी फसलों पर भी ध्यान देते हैं, लेकिन इस बीच मशरूम जैसी कुछ फसलों ने कई लोगों के जीवन को बदलने का काम किया है। ऐसी ही एक महिला हैं वीणा देवी, जिन्होने मशरूम की खेती के बल पर कृषि के क्षेत्र में आय को देखते हुए एक बड़ा मुकाम तय किया है। वीणा देवी को उनके प्रयासों के लिए राष्ट्रपति भी सम्मानित कर चुके हैं, इसके अलावा उन्हे कई विश्वविद्यालयों में भी सम्मानित किया जा चुका है।
‘मशरूम लेडी ऑफ इंडिया’
बिहार के मुंगेर जिले की रहने वाली वीणा देवी नक्सल प्रभावित क्षेत्र से आती हैं। शुरुआत में वह परंपरागत कृषि पर ही ध्यान दे रही थीं, लेकिन साल 2013 के बाद उन्होने जब मशरूम की खेती पर हाथ आजमाया तो उन्हे अपनी आय में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला।
वीणा के अनुसार जमीन की कमी के चलते उन्होने अपने पलंग के नीचे ही एक किलो मशरूम बीज के साथ इसकी शुरुआत की थी और इसके बाद उन्होने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पाँच सालों तक सरपंच रह चुकीं वीणा देवी ने किसानों को खेती में नए प्रयोग करने की ट्रेनिंग देने का भी काम किया है। इन प्रयासों के चलते ही वीणा देवी को कई विश्वविद्यालयों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
आज वीणा देवी को लोग ‘मशरूम लेडी ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जानते हैं।
किसानों को किया जागरूक
इतना ही नहीं वीणा देवी ने मशरूम की खेती को लेकर क्षेत्र के लोगों को भी लगातार जागरूक करने का काम किया है और यही कारण है कि बीते 5 सालों में उनके इस प्रयास के चलते कई गांवों में किसानों ने मशरूम की खेती करना शुरु कर दिया है।
इतना ही ही नहीं, वीणा देवी मशरूम की मार्केटिंग में भी किसानों की मदद कर रही हैं जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है।
मशरूम की खेती के साथ ही वीणा देवी ने क्षेत्रीय किसानों के बीच ऑर्गेनिक खेती के बारे में भी जागरूकता फैलाने का काम किया है।
यह वीणा देवी के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि आज मुंगेर में 100 से भी अधिक गांवों में 15 सौ से अधिक परिवार मशरूम की खेती कर रहे हैं।
महिलाओं को संबोधित करते वीणा देवी कहती हैं कि प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि महिलाएं घर से बाहर निकलें और खुद काम करें।
पीएम मोदी ने दिया अपना सोशल मीडिया अकाउंट
वीणा देवी ने क्षेत्र की महिलाओं को डिजिटल प्रशिक्षण देने का भी जिम्मा उठाया हुआ है। वीणा देवी के इन प्रयासों के चलते आज क्षेत्र की 7 सौ से अधिक महिलाएं मोबाइल का इस्तेमाल करना सीख गई हैं।
बीते साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने अपना सोशल मीडिया अकाउंट को एक दिन के लिए भारतीय समाज में खास योगदान देने वाली महिलाओं के जिम्मे कर दिया था, इन महिलाओं में वीणा देवी भी शामिल थीं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द भी बीते साल वीणा देवी को ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित कर चुके हैं। गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में मशरूम की खेती अधिक प्रचलन में आई है और देश के तमाम हिस्सों में किसान इसे बड़े स्तर पर अपना रहे हैं।
Edited by Ranjana Tripathi