कुछ इस तरह श्रवण यंत्रों तक लोगों की पहुँच को सुलभ बना रहा है यह स्टार्टअप
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में करीब तीन दशकों के अनुभव के साथ अनुभवी कॉर्पोरेट एग्जीक्यूटिव रोहित मिश्रा ने देश में हियरिंग एड (सुनने की क्षमता में वृद्धि करने वाली) डिवाइस बाजार में एक अवसर देखा। उसी दौरान उन्होंने महसूस किया कि यह उद्योग अपने वर्तमान स्वरूप में वास्तव में आगे नहीं बढ़ रहा था।
इसने उन्हें 49 साल की उम्र में उद्यमशीलता का रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित किया और रोहित ने इस तरह 2021 में ईयरकार्ट की शुरुआत की। यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो सभी हियरिंग एड जरूरतों को पूरा करने के साथ ही सेवाएँ प्रदान करता है।
रोहित कहते हैं,
"भारत में अगर 1000 लोगों के लिए जिन्हें हियरिंग एड डिवाइस की आवश्यकता होती है, उनमें से केवल पांच ही इसे खरीदते हैं और इस तरह यह उद्योग सालाना लगभग छह लाख यूनिट बेच रहा है जबकि आवश्यकता लगभग 12 करोड़ है।"
इसके तीन कारण हैं- सबसे पहले हियरिंग एड डिवाइस के उपयोग को लेकर लोगों बीच बनी गलत धारणा है, दूसरा, ऐसे केंद्रों की कमी है जो पूरे देश में सेवाएं या उपकरण प्रदान करते हैं और अंत में, सेवा की गुणवत्ता के साथ-साथ मूल्य निर्धारण को लेकर समस्या है।
रोहित के अनुसार देश में केवल 65-70 शहरों में हियरिंग एड डिस्पेंसर या आउटलेट हैं जो ये सेवाएं प्रदान करते हैं।
डिजिटल रास्ता
रोहित को इस बाजार की गहरी समझ है क्योंकि इस उद्यम से पहले वह SAARC और अफ्रीका के लिए स्टार्की लैब्स के प्रबंध निदेशक थे, जो विश्व स्तर पर सबसे बड़े हियरिंग एड निर्माताओं में से एक है।
रोहित कहते हैं,
"इस उद्योग को बड़ा बनाने के लिए कुछ चाहिए और डिजिटलीकरण ही इसका एकमात्र रास्ता है।"
नोएडा स्थित इयरकार्ट की स्थापना सभी प्रकार की हियरिंग एड सर्विसों और उपकरणों को एक ही मंच पर उपलब्ध कराने के लिए की गई थी ताकि जरूरतमंद लोगों तक आसानी से पहुंचा जा सके।
रोहित कहते हैं कि वह चश्मा बेचने के लेंसकार्ट से प्रेरित थे और उन्हें लगा कि हियरिंग एड बाजार में भी यही हासिल किया जा सकता है। रोहित कहते हैं, "हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर लेन-देन में स्पष्टता और पारदर्शिता हो।"
ईयरकार्ट मॉडल के तहत ऐसी आवश्यकताओं वाले लोग उनके पास आते हैं या वे ग्राहकों तक पहुंचते हैं जहां ईयरकार्ट व्यक्ति को किसी विशेष केंद्र के लिए निर्देशित कर सकता है जो हियरिंग एड सेवाएं प्रदान करता है या उनके द्वारा यह काम किसी के घर पर भी किया जा सकता है। इस दिशा में ईयरकार्ट ने अपने प्लेटफॉर्म पर डीलरों और निर्माताओं को जोड़ा है।
रोहित कहते हैं, "ईयरकार्ट एक जीरो रेजिस्टेंस मॉडल है क्योंकि हम मरीजों की तलाश कर रहे हैं और क्लीनिक और निर्माताओं के साथ उनके लिए अपॉइंटमेंट फिक्स कर रहे हैं, जो अब अधिक डिवाइस बेच सकते हैं।"
ग्राहक को आराम
इस बीच रोहित ने देखा कि लोग खरीदारी के पूरे अनुभव के साथ-साथ हियरिंग एड उपकरणों के मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता की कमी पर असहज थे।
रोहित कहते हैं,
"हमारे पास उन उपकरणों की कीमतों पर तुलना करने के लिए एक उपकरण है जहां सभी जानकारी प्रदान की जाती है।"
ग्राहकों को और आराम देने के लिए ईयरकार्ट हानि या चोरी के खिलाफ बीमा, एक डीह्यूमिडिफायर और हियरिंग एड उपकरणों के लिए 50 प्रतिशत बायबैक ऑफर भी प्रदान करता है।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि शहरी इलाकों से दूर रहे ग्राहकों को हियरिंग एड उपकरणों तक पहुंच प्राप्त हो, इसके लिए प्लेटफॉर्म पर डीलरों से कहा गया है कि वे उन स्थानों पर सेवाएं प्रदान करें जहां ऐसी सुविधा नहीं है, लेकिन उनके स्थान के करीब है।
आज ईयरकार्ट के प्लेटफॉर्म पर लगभग 800 डीलरों का एक नेटवर्क है और संस्थापक का दावा है कि उसे पठानकोट, बद्दी, जौनपुर, चित्रकूट और यहां तक कि ओडिशा के आंतरिक भागों जैसे स्थानों से इन्क्वायरी मिली है। देश भर में 181 स्थानों पर इसकी मौजूदगी है।
रोहित कहते हैं,
"हमारा लक्ष्य ग्राहकों के लिए अच्छा खरीदारी अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सभी बाधाओं को दूर करना है। इससे बाजार का विस्तार भी होगा।”
व्यापार और लक्ष्य
ईयरकार्ट ने सितंबर के महीने में अपना काम शुरू किया और उसका दावा है कि पहले से ही एक दिन में लगभग 20 हियरिंग एड उपकरण बेच रहा है। इसी के साथ अगले तीन महीनों के भीतर इसे एक दिन में 200 ऐसे उपकरणों तक ले जाने का लक्ष्य है।
रिपोर्टों के अनुसार 2019 में भारत में हियरिंग एड का बाजार आकार में लगभग 300 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है और 2026 तक इसके लगभग 450 मिलियन डॉलर को छूने की उम्मीद है।
कीमत की बात करें तो ईयरकार्ट को हर अपॉइंटमेंट के लिए 800 रुपये मिलते हैं और बेचे जाने वाले हर हियरिंग एड डिवाइस पर 11 प्रतिशत कमीशन मिलता है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपकरणों की औसत बिक्री मूल्य लगभग 38,000 रुपये है। ईयरकार्ट के फाउंडर का कहना है कि उनका किसी भी तरह का सीधा मुकाबला नहीं है।
इस बूटस्ट्रैप्ड वेंचर को पहले ही भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर जैसे प्रमुख एंजल इन्वेस्टर का समर्थन मिल चुका है। इसके अलावा, इसने डीलरों को निवेशकों के रूप में शामिल किया है। रोहित के अनुसार इसका मूल्यांकन 120 करोड़ रुपये है।
भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए रोहित कहते हैं, स्टार्टअप इस सेवा को और अधिक भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है, जो इसे व्यापक पहुंच प्रदान करेगा। टियर III शहरों और उससे आगे के स्थानों में भी नोडल केंद्र भी स्थापित किए जाने का प्लान है जहां से इन उपकरणों के लिए बिक्री के बाद सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं।
रोहित कहते हैं, "जब मैं पहली बार इस उद्यम में आया था तो मेरी आरामदायक कॉर्पोरेट नौकरी को देखते हुए यह थोड़ा मुश्किल था। लेकिन अब परिणाम देखने के बाद काफी संतुष्टि मिल रही है।”
Edited by Ranjana Tripathi