चंडीगढ़ के इस दंपती ने शुरू किया स्टार्टअप, उपलब्ध कराते हैं चुनाव प्रचार सामग्री
राजनीति अजनबियों को कुछ वक्त के लिए एकदूसरे का साथी बना देती है, यह बिल्कुल सही बात है। हालांकि, आज स्टार्टअप दुनिया की बात करें तो राजनीति कुछ अलग रंग दिखा रही है। जैसे कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव जारी हैं, चंडीगढ़ स्थित बीपॉलिटिकल स्टार्टअप लोगों को उनकी राजनीतिक पसंद के लिए अनोखे मर्चेंडाइज बनाकर बेच रहा है।
इसी साल जनवरी में तुषार जैन ने अपनी पत्नी एकता के साथ मिलकर बीपॉलिटिकल शुरू किया। यह एक स्टार्टअप है, जो अनूठे डिजाइन के साथ सभी राजनीतिक दलों और नेताओं की फोटो और चुनाव चिन्हों वाली टीशर्ट बनाकर बेचता है। तुषार और एकता ने 1.5 लाख रुपये की फंडिंग के साथ यह स्टार्टअप शुरू किया था और 3 महीने में 600 से अधिक टीशर्ट बेच चुके हैं। कंपनी ने ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन बिक्री के लिए कई स्थानीय दुकानदारों से साझेदारी की है।
सपनों को पंख देने वाला पल
34 साल के तुषार (एक इंजिनियर और एमबीए ग्रैजुएट) को McKinsey, एचसीएल और जुगुनू जैसी दिग्गज कंपनियों के साथ 10 साल काम करने का अनुभव है। तुषार जुगुनू में मार्केटिंग हेड थे। वहां उन्हें काम करने की पूरी छूट थी और उन्होंने इसका इस्तेमाल अपने हुनर को काफी निखारने में किया। उन्होंने जुगुनू के बाद चंडीगढ़ में एक उभरती आईटी कंपनी (कीज हार्बर टेक्नोलॉजी) के साथ मार्केटिंग सेगमेंट में काम किया।
तुषार फुल-टाइम जॉब करने के बावजूद उद्यम संबंध गतिविधियों को कुछ वक्त देते रहते थे। उन्होंने आरबीआई के एग्जाम की तैयारी करवाने वाला एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी शुरू किया था। हालांकि, वह ऑफिस संबंधी कामकाज में व्यस्त होने की इसे पर्याप्त समय नहीं दे पाते थे और मजबूरन समय की कमी के कारण के ऑनलाइन प्लैटफॉर्म को बंद करना पड़ गया। हालांकि, तुषार को वक्त ने अक्टूबर 2018 में उद्योग जगत में फिर से किस्मत आजमाने का मौका दिया।
तुषार ने नरेंद्र मोदी के 2014 चुनावी अभियान के लिए टी-शर्ट बेचने का काम शुरू किया। हालांकि, यह कारोबार भी उनकी उम्मीद के हिसाब से सफल नहीं हुआ। तुषार उस दौर को याद करते हुए बताते हैं, 'उस कैंपेन के बाद मुझे लगा कि अगर मैं प्रधानमंत्री के लिए काम कर सकता हूं तो दूसरे नेताओं के लिए क्यों नहीं। भारत में तो हमेशा चुनाव होते रहते हैं और उसमें मशहूर हस्तियां हिस्सा लेती रहती है। इस लिहाज से टी शर्ट बेचने के कारोबार में काफी संभावनाएं हैं।'
इस समय जितनी भी कंपनियां हैं वे किसी ना किसी राजनीतिक दल से जुड़ी हुई हैं। इस समय नमो ऐप सबसे लोकप्रिय है। यहां कोई भी ऐसा प्लैटफॉर्म नहीं है, जहां सभी राजनीतिक दलों से जुड़ी मर्चेंडाइज मिलती हों। यहीं से तुषार ने बीपॉलिटिकल शुरू करने का फैसला किया। तुषार ने सोचा कि क्यों ना एक ऐसा प्लैटफॉर्म बनाया जाए जहां सभी पॉलिटिकल पार्टीज से जुड़ी मर्चेंडाइज मिलें।
इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी एकता के साथ मिलकर स्टार्टअप शुरू किया। दोनों को पता था कि इस प्लान में वित्तीय मुश्किलें आ सकती हैं और अगर स्टार्टअप नहीं चला तो दोनों को वापस फुल टाइम जॉब में आना पड़ेगा।
करोबार की शुरुआत
पश्चिमी देशों में चुटीले और तंज कसने वाले मर्चेंडाइज बिकना कॉमन बात है। अमेरिका में ओबामा अनाज काफी मशहूर था और आज ट्रंप चप्पलों का काफी क्रेज है। मर्चेंडाइज का प्रॉडक्शन शुरू करने से पहले अपने संभावित ग्राहकों का मिजाज भांपने के लिए तुषार और एकता ने पिछले साल अक्टूबर में एक टेस्ट वेबसाइट लॉन्च की।
तुषार ने आगे बताया, वेबसाइट बनाने के बाद हमारे आइडिया को चेक करने के लिए हमने लगभग 1 महीने तक कई फेसबुक ऐड कैंपेन चलाए। इसमें हमने यूजर्स को 1 फ्री टीशर्ट जीतने का मौका दिया। इसके लिए उन्हें सिर्फ अपने पसंदीदा नेता के बारे में बताना था और साथ में अपने कॉन्टैक्ट नंबर, टीशर्ट साइज की जानकारी देनी थी। इससे हमें दो तरह से मदद मिली। हमें लॉन्चिंग से पहले ही अपने संभावित ग्राहकों की एक लिस्ट मिल गई। दूसरा यह कि हमें अपने होने वाले ग्राहकों की टीशर्ट साइज और राजनीतिक पसंद के बारे में पता चल गया था।
बी पॉलिटिकल में तुषार मार्केटिंग और वेंडर मैनेजमेंट का काम देखते हैं। वहीं एकता डिजाइनिंग, प्रिटिंग और लॉजिस्टिक टीम को लीड करती हैं। एकता इलेक्ट्रॉनिक इंजिनियर हैं और कोयले से चलने वाले पावर प्लान्ट में काम कर चुकी हैं। इसके साथ ही एकता कंपनी में कारोबारी संबंधों को भी हैंडल करती हैं।
बीपॉलिटकल आधिकारिक रूप से जनवरी में लॉन्च हुई और इसके प्रॉडक्ट्स अपने बेवसाइट के अलावा एमेजॉन इंडिया पर भी उपलब्ध हैं। तुषार अपने ब्रांड को मनोरंजन से भरपूर बनाना चाहते हैं। इसके लिए वह ह्यूमर का सहारा लेते हैं और सोशल मीडिया पर राजनीतिक मीम्स के जरिए प्रमोशन करते हैं। उनके डिजाइन में ह्यूमर का पुट रहता है। इससे उनके ग्राहकों को स्टाइलिश और हल्के फुल्के अंदाज में अपनी पसंदीदा राजनीतिक विचार वाली टीशर्ट पहनने को मिल जाती है।
बीपॉलिटिकल टियर 2, 3 और 4 शहरों के 22 से 45 आयु वर्ग के उपभोक्ताओं पर फोकस कर रही है। देश का मध्यम वर्ग भी अब राजनीति के बारे में ज्यादा मुखर हो रहा है और वह सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों की तरफ अपने झुकाव को दिखाने से झिझकता नहीं है। बीपॉलिटकल कारोबार बढ़ने के साथ ही क्षेत्रीय पार्टियों के लिए भी टीशर्ट डिजाइन करने का प्लान बना रहा है।
टियर 2 शहर से कारोबार को मजबूती
तुषार के मुताबिक टियर 2 शहर में सही एंप्लॉयी ढूंढना सबसे मुश्किल काम होता है। इनमें भी खासकर मार्केटिंग और ग्रोथ हैकिंग सेगमेंट में टैलेंट मिलना एक बड़ी चुनौती होती है।
तुषार ने योरस्टोरी को बताया, 'भारत में अभी भी उद्यमियों के लिए सही माहौल तैयार हो रहा है। आपको आपकी ही तरह कारोबारी सोच रखने वालों को खोजने में दिक्कत होगी। इसके अलावा कारोबार में मदद के लिए मेंटर्स या आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त मौके भी आसानी से नहीं मिलते हैं।' उन्होंने कहा, 'हमारा कारोबार जैसे ही बढ़ता है, हम बैंगलोर या दिल्ली/एनसीआर में शिफ्ट हो जाएंगे। अपनी लोकेशन को हम अपने सप्लायर्स/टैलेंट/इनवेस्टर्स की जरूरतों के आधार पर तय करेंगे।' इसके अलावा तुषार के सामने एक बड़ी चुनौती सही वेंडर्स तलाशने की थी, जिनमें ब्रांड के विजन को समझने के साथ ही ब्रांड वैल्यू के हिसाब प्रॉडक्ट तैयार करने की क्षमता हो। चूंकि, दोनों ही फाउंडर में से कोई भी रिटेल या गारमेंट इंडस्ट्री से नहीं था तो उन्हें मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस की ज्यादा जानकारी नहीं थी। फिलहाल, वे लुधियाना प्रॉडक्ट्स ले रहे हैं। उनका सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट 100 प्रतिशत आउटसोर्स किया हुआ है।
हालांकि, टियर 2 शहर होने के नाते चंडीगढ़ आपकी जेब पर ज्यादा जोर नहीं डालता है, जैसा आमतौर पर मेट्रो शहरों में होता है। फाउंडर्स के घर पर बीपॉलिटकल के प्रॉडक्ट्स का स्टॉक रहता है। तुषार बताते हैं, 'अगर सैलरी के नजरिए से बात करें तो हम जिस को-वर्किंग स्पेस में काम करते हैं, वह मेट्रो शहरों के मुकाबले सस्ता है। हालांकि, मार्केटिंग का ज्यादातर कामकाज डिजिटल तरीके से ही किया जाता है। हम प्रमोशन संबंधी चीजों के लिए स्थानीय कॉलेजों के साथ टाई अप भी करते हैं।' बीपॉलिटकल एक अनुभवी फैशन डिजाइनर सहित पांच लोगों की टीम है। अभी बजट कम रखने के लिए यह प्रॉडक्ट्स के मामले में कम वेरायटी ऑफर करता है।
तुषार इस चीज को समझाते हैं, 'हम मैन्युफैक्चरिंग जरूरत के हिसाब से करते हैं। इससे हम अपनी इनवेंट्रीज को बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं। हम अंधाधुंध प्रॉडक्शन नहीं करते हैं, जिससे हमारा इनवेंट्री मैनेजमेंट काफी अच्छा है और इससे पर्यावरण को ज्यादा नुकसान नहीं होता है।' फिलहाल, यह युवा उद्यमी इनवेंट्री को मैनुअली संभालता है। वह कहते हैं, 'हम इनवेंट्री का अनुमान लगाने के लिए सभी नेताओं की लोकप्रियता चेक करते रहते हैं। अभी हम सटीक अनुमान लगाने के लिए परिपक्व हो रहे हैं। इसीलिए अब तक डिजाइन की संख्या को काफी कम रखते हैं।'
बीपॉलिटिकल का पूरा ध्यान मुनाफे से समझौता किए बगैर ग्राहकों की संख्या बढ़ाने पर है। कंपनी के टी-शर्ट की कीमत 449 रुपये और 799 रुपये के बीच है। बीपॉलिटकल के पहले ग्राहक (तुषार और एकता के फ्रेंड सर्कल के सर्कल के बाहर) पश्चिम बंगाल के एक पैरामिलिट्री ऑफिसर थे। तुषार याद करते हुए बताते हैं, 'उन्होंने प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी के लिए हम सभी की काफी तारीफ की थी।' तुषार का कहना है कि वे प्रीमियम क्वॉलिटी वाले 100 प्रतिशत कॉटन और इंडस्ट्रियल-लेवल के स्क्रीन प्रिंट का इस्तेमाल करते हैं, जो कपड़े की 50 से भी ज्यादा धुलाई करने के बाद भी सही सलामत रहती है। उन्होंने बताया कि उनके प्रॉडक्ट्स की औसतन कीमत 500 रुपये है और उनका रिटर्न रेट 2 प्रतिशत से भी कम है। हालांकि, बीपॉलिटिकल कई बार डिस्काउंट भी देता है।
तुषार का दावा है कि कंपनी को डिस्काउंट के बावजूद घाटा नहीं होता है। वह बताते हैं, 'हम यूनिट लेवल पर पहले ही दिन से मुनाफे में रहे हैं। हमें मिलने वाली डिमांड और उसकी सप्लाई में काफी ज्यादा अंतर है। इस अंतर को खत्म करने और ग्रोथ बढ़ाने के लिए हमें अधिक कामकाजी पूंजी और बाहरी फंडिंग की जरूरत है।'
तुषार का दावा है कि कारोबार शुरू करने के पहले ही महीने में बीपॉलिटिकल को 100 से ज्यादा ऑर्डर मिले थे। लोकसभा चुनाव के साथ चुनावी सरगर्मी भी बढ़ रही है और तुषार को बीपॉलिटिकल की वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ने के साथ ही रोजाना 20 से अधिक ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। उन्होंने हाल ही में चंडीगढ़ में एक स्थानीय राजनीतिक दल के साथ उसके समर्थकों को थोक में टीशर्ट देने के लिए पार्टनरशिप की है।
बीपॉलिटिकल टियर 2, 3 और 4 शहरों के 22 से 45 आयु वर्ग के उपभोक्ताओं पर फोकस कर रही है। तुषार का दावा है कि उनके ज्यादातर ऑर्डर्स छोटे शहरों और कस्बों से आते हैं। इनमें राजस्थान, कर्नाटक का तीर्थहल्ली और मध्य प्रदेश के राघोगढ़ जैसे नाम शामिल हैं।
स्टार्टअप फिलहाल बीजेपी, कांग्रेस और आप जैसी मुख्य राजनीतिक दलों को टीशर्ट बेचती है। हालांकि, कारोबार बढ़ने के साथ ही वह बीजेडी, टीडीपी और एआईएडीएमके जैसे क्षेत्रीय दलों को भी कवर करेगी। भारत जैसे देश में कई सारे राज्य, शहर, नगर निगम और ग्राम पंचायतें हैं। हर साल कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं। 2019 में ही लोकसभा के अलावा 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में यह कारोबार आमदनी का काफी बेहतर जरिया बन सकता है।
देश के मध्यम वर्ग का भी अब पहले के मुकाबले राजनीति में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगा है। तुषार ने बताया, लोकसभा चुनावों में सिर्फ 2-3 केंद्रीय पार्टियों के ही चर्चे हो रहे हैं। इसलिए हमारा ध्यान आगे भी राज्य और निकाय चुनावों में इस तरह की साझेदारी करने पर है।
बीपॉलिटिकल को बढ़ाने का प्लान
600 टीशर्ट बेचने के बाद बीपॉलिटिकल को इस महीने के अंत तक 1000 टीशर्ट बेचने की उम्मीद है। साथ ही कंपनी का इरादा आम चुनावों के खत्म होने तक 5000 और इस साल के अंत तक 20000 टीशर्ट बेचने का है। जल्द ही कंपनी फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसे प्लैटफॉर्म पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी। इसके साथ चंडीगढ़, बैंगलोर और दिल्ली-एनसीआर में स्थित कई ऑफलाइन दुकानदारों से भी साझेदारी करेगी। कंपनी माई ड्रीम स्टोर की तरह ही लोगों की मांग पर टीशर्ट बनाने पर भी विचार कर रही है।
तुषार ने बताया, हमारा प्लान बीपॉलिटिकल को राजनीतिक मर्चेंडाइज के लिए एक मार्केटप्लेस बनाना है। यहां तक कि हमने कुछ सप्लायर्स से भी बात की है। ताकि वे अपना सामान हमारे प्लैटफॉर्म पर लिस्ट करें पास और फिर ग्राहकों को बेचें।
दोनों ही फाउंडर्स के पास कंपनी के लिए बड़े प्लान्स हैं। आईसीसी वर्ल्डकप इसी साल होना है तो बीपॉलिटिकल का प्लान एक अलग बैनर के तले स्पोर्ट्स कैटिगरी के प्रॉड्क्ट्स लॉन्च करने का है। अलग बैनर इसलिए क्योंकि कंपनी का नाम बीपॉलिटिकल स्पोर्ट्स पर नहीं जचेगा।
तुषार ने कहा, मर्चेंडाइज की दुनिया में टीशर्ट पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बिकती हैं। हम टीशर्ट नहीं बेच रहे बल्कि डिजाइन बेच रहे हैं। अब हमारा प्लान बीपॉलिटिकल की ब्रैंड वैल्यू से मैच करने वाले ज्यादा चुटीले और अनोखे मर्चेंडाइज पेश करने का है। जल्द ही हम फ्रिज मैग्नेट से शुरुआत करेंगे और फिर बड़े राजनेताओं के मुखौटों के साथ-साथ मार्केट में मांग को ध्यान में रखते हुए अन्य प्रॉडक्ट भी लॉन्च करेंगे।
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