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मां को खोने के बाद इस इंजीनियर ने खड़ा किया 15 करोड़ रुपये का ऑर्गेनिक स्किनकेयर ब्रांड

जिस 'बीमारी' ने ली माँ की जान उसे रोकने के लिए इस इंजीनियर ने शुरू किया स्टार्टअप, आज है 15 करोड़ रुपये का ब्रांड

 मां को खोने के बाद इस इंजीनियर ने खड़ा किया 15 करोड़ रुपये का ऑर्गेनिक स्किनकेयर ब्रांड

Thursday December 05, 2019 , 5 min Read

कृतिका कुमारन (Kruthika Kumaran) की माँ की डेथ त्वचा रोग के चलते हुई थी। लेकिन मां को खोने के बाद इस 32 वर्षीय इंजीनियर ने हार नहीं मानी। उन्हें ऐसे उत्पाद बनाने की सख्त जरूरत महसूस हुई जो केमिकल फ्री हों और सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त हों। 


वे कहती हैं,

“मेरी माँ की त्वचा संवेदनशील थी और एक दशक से अधिक समय से त्वचा की समस्याओं से जूझ रही थीं। उनकी त्वचा पर इस्तेमाल किए गए उत्पादों ने इसे और भी बदतर बना दिया था। मेरी दिवंगत मां वो कारण है कि मैंने अपने स्वयं के प्राकृतिक साबुन बनाना शुरू किया। उनकी इच्छा थी कि मैं सुरक्षित उत्पादों का इस्तेमाल करूं, यही वो चीज है जो मुझे आज सीखने और कुछ करने के लिए प्रेरित करती है।"
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स्टार्टअप शुरू करने के लिए, कृतिका ने पहले नेचुरल कॉस्मेटोलॉजी में एक ऑनलाइन डिप्लोमा कंपलीट किया और साबुन के साथ प्रयोग करना शुरू कर दिया। इस प्रयोग ने कोयम्बटूर में एक ऑनलाइन ऑर्गेनिक स्किनकेयर ब्रांड, विल्वाह स्टोर (Vilvah Store) को जन्म दिया। बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप 2017 में 10,000 रुपये के शुरुआती निवेश के साथ शुरू किया गया था, और आज 15 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहा है। इसके उत्पाद अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, और न्याका जैसी कुछ लोकप्रिय ईकॉमर्स वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं।

रसोई से शुरुआत

कृतिका के शुरुआती प्रयोग उनकी रसोई में शुरू हुए जहां उन्होंने कोल्ड-प्रेस साबुन बनाए। बाद में उनके पति कुमारन, जो कि विल्वाह के सह-संस्थापक भी हैं, भी उनसे जुड़ गए। उन्होंने सिडनी, ऑस्ट्रेलिया से एमबीए किया है। चूंकि कृतिका के परिवार के पास कोयंबटूर के पास कासिपालयम नामक गाँव में एक फार्म (विल्वाह फार्म) था, इसलिए उन्होंने शुरुआत करने के लिए बकरी के दूध के साथ प्रयोग करना शुरू किया।


कृतिका कहती हैं,

“कई प्रयोगों के बाद, हमने एक ऐसी रेसिपी को सिद्ध किया, जिसे हमने मूल रूप से अपने परिवार के लिए बनाया था, और यही हम अपने ग्राहकों को बेचते हैं। हमने अपने खेत पर दो या तीन बकरियों के साथ शुरुआत की, और अब हमारे पास बकरियों के झुंड हैं। उनसे ताजा दूध प्राप्त करने के बाद, विभिन्न बकरी के दूध के उत्पाद बनाए जाते हैं।”

वह कहती हैं कि विल्वाह, टीम का उद्देश्य कृषि उत्पादों, वाहक तेलों, मक्खन और आवश्यक तेलों का सही मिश्रण लाना है। कृतिका के अनुसार, उत्पादन किसी भी कठोर रसायन, सिंथेटिक तेल या इत्र के बिना, अपने शुद्धतम रूप में प्राप्त किया जाता है। सभी उत्पादों को घर में बनाया जाता है और किसी प्रोडक्ट के लॉन्च करने से पहले आर एंड डी एक महीने पहले की जाती है।





प्रोडक्ट्स

विल्वाह के कुछ प्रोडक्ट्स में हेयर, स्किनकेयर, और अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट शामिल हैं। टीम ने मच्छर से बचाने वाली एक क्रीम भी बनाई है जिसमें सिट्रोनेला और लेमनग्रास शामिल है, जो इसे बच्चों के लिए भी सुरक्षित बनाता है। स्टार्टअप होममेड मस्कारा और लिपस्टिक जैसे सौंदर्य प्रसाधन भी बनाता था, जिसे अब बंद कर दिया गया है। कृतिका का कहना है कि उनके पास पिंक-वेनिला सेंटेंड डिओडोरेंट भी है। इसके अधिकांश प्रोडक्ट केमिकल फ्री होते हैं और टीम आई क्रीम और बॉडी पॉलिश पर प्रिजर्वेटिव का उपयोग करती है, जो कि सुरक्षित हैं और उनकी कम शेल्फ लाइफ होती है।


कृतिका का कहना है कि स्टार्टअप आवश्यक तेलों की सोर्सिंग के बारे में सावधान है, और यह सुनिश्चित करता है कि वह तेल पूरी तरह से जैविक हो। मोरिंगा के तेल को इरोड से, कश्मीर से लैवेंडर तेल, केरल से तुलसी, पेपरमिंट, लेमनग्रास तेल, पंजाब से मधुमक्खी का मोम आदि मंगाया जाता है। वर्तमान में, टीम के पास कोयम्बटूर में एक छोटी सी फैशिलिटी है, और जल्द ही 40,000 वर्ग फुट में फैली एक ब्रांड न्यू ग्रीन बिल्डिंग में मूव कर जाएगी।


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कृतिका अपने पति के साथ

वेंडर बेस का निर्माण

कृतिका कहती हैं,

“शुरू में, हमें हमारी जरूरतों के लिए सही वेंडर मिलना मुश्किल था। लेकिन अब विक्रेता खुद ही हमसे संपर्क कर रहे हैं। हमारे उत्पादों में उपयोग किए जाने वाले तेल स्थानीय किसानों से प्राप्त किए जाते हैं, और हम अपने खेत में स्थानीय रूप से उगाए गए जाने वाले कई इनग्रेडिएंट की पैदावार करते हैं, जो दक्षिण भारत के काफी आम हैं।”

कुछ अन्य उत्पादों को पड़ोसी खेतों में काम करने वाले किसानों से प्राप्त किया जाता है। इससे विल्वाह को वेंडर समस्या को हल करने में भी मदद मिली, जो एक बड़ी चुनौती थी।


स्टार्टअप को एहसास हुआ कि उसके उत्पादों की एक खास डिमांड है, इसके लिए टीम ने पहली बार 2017 में एक इंस्टाग्राम स्टोर के साथ शुरू किया। अगले दो वर्षों में, टीम ने वेबसाइट, डिस्ट्रीब्यूशन और लॉजिस्टिक स्थापित करने पर काम किया। इसने अपने काम के लिए शीर्ष डिलीवरी और लॉजिस्टिक नेटवर्क के साथ भी भागीदारी की। अधिक ग्राहकों को पाने और अपने उत्पादों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए, कृतिका ने स्थानीय बाजार में एक स्टोर स्थापित किया। टीम के पास अब कोयम्बटूर में एक फ्लैगशिप स्टोर है लेकिन फिलहाल अन्य ऑफलाइन स्टोर की तलाश नहीं की जा रही है। वर्तमान में, इसका 80 प्रतिशत व्यापार ऑनलाइन स्टोर से होता है।




बाजार और भविष्य

जैविक और रासायनिक मुक्त उत्पादों की आवश्यकता तेजी से बढ़ रही है। RedSeer कंसल्टेंट्स के अनुसार, भारत में सौंदर्य बाजार का अनुमान लगभग 7 बिलियन डॉलर है, और यह दोहरे अंकों में वृद्धि देख रहा है। विल्वाह के अलावा, मुंबई स्थित प्लम भी 100 प्रतिशत वीगन ब्रांड है। ऑनलाइन वीगन कॉस्मेटिक ब्रांड Disguise भी है, जो प्राकृतिक और रासायनिक मुक्त है। बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप ने दूसरे वर्ष में 100 गुना वृद्धि देखी है, और इस वर्ष यह 300 गुना से अधिक वृद्धि देखने का दावा करता है। टीम प्रति माह 8,000 से अधिक ऑर्डर डिलीवर करने का दावा करती है, और औसतन 1,500 रुपये प्रति बास्केट होती है।


कृतिका कहती हैं,

“हम और अधिक इनोवेटिव प्रोडक्ट्स को लॉन्च करना चाहते हैं जो सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त होंगे और पर्यावरण के लिए अधिक टिकाऊ प्रथाओं को अपनाएंगे। हम बकरी के दूध के स्किनकेयर में अग्रणी बनना चाहते हैं।"